देहरादून: प्रदेश में कोरोना के लगातार बढ़ते मरीजों ने लोगों की चिंताएं बढ़ा दी है. बीते रोज स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कोरोना से निपटने के लिए पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय देहरादून का निरीक्षण किया था. वहीं आज मॉक ड्रिल के दूसरे दिन स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय का बारीकी से निरीक्षण किया.
कोविड इमरजेंसी का किया निरीक्षण: कोरोना से निपटने के लिए अस्पताल की ओर से की गई तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने सबसे पहले कोविड इमरजेंसी का निरीक्षण किया. उसके बाद ऑक्सीजन प्लांट, कोरोना पॉजिटिव वार्ड block-d, आईसीयू समेत तमाम वार्डों का निरीक्षण किया. उन्होंने कहा कि यह दूसरा मॉक ड्रिल है और इससे पूर्व 27 दिसंबर को पहला मॉक ड्रिल हुआ था.
अस्पतालों में किया गया मॉकड्रिल: डॉ आर राजेश कुमार ने कहा कि प्रदेश में इससे पहले जिन हॉस्पिटलों में ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसंट्रेटर आदि मौजूद है, वहां पर इससे पहले मॉक ड्रिल किया गया था. इनमें से 873 अस्पतालों में यह मॉक ड्रिल हुई थी, और इनमें 100 प्रतिशत डाटा एंट्री की गई थी. यही कारण था कि समूचे देश में उत्तराखंड टॉप फाइव पर अपनी जगह बना पाया. उन्होंने कहा कि उसी तर्ज पर इस बार भी भारत सरकार ने मॉक ड्रिल के निर्देश दिए थे. बीते रोज इसका पहला सेशन था, आज मॉकड्रिल का दूसरा दिन है.
यह भी पढें: नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती युवक को घर के बाहर फेंक गई गाड़ी, अस्पताल ले गए तो थम चुकी थी सांस
कोविड का सामना करने के लिये तैयार हैं हम: उन्होंने कहा कि इसको लेकर सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को शत प्रतिशत मॉक ड्रिल सुनिश्चित किए जाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके थे. इसके अलावा सभी जिलों के जिला अधिकारियों के साथ भी बैठक की गई थी. उसमें डाटा एंट्री किए जाने को लेकर निर्देशित किया था और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि सभी अस्पतालों में डाटा एंट्री की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. कोरोना के 4 गंभीर मरीजों में से एक मरीज की हालत में सुधार है. उन्होंने कहा कि यह खुशी की बात है कि जो गंभीर मरीज एडमिट हो रहे हैं, वो जल्द ठीक भी हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह से तैयार है.
मॉक ड्रिल में खुली रामनगर के सरकारी अस्पताल की पोल: इसी क्रम में मंगलवार को रामनगर के सरकारी अस्पताल में भी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. लेकिन मॉक ड्रिल पूरी तरह अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गया. मॉक ड्रिल के चलते एंबुलेंस में एक मरीज को लाया गया और अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी इस मरीज को एंबुलेंस से निकालकर व्हीलचेयर पर ले जा रहे थे. लेकिन यह कर्मचारी ऑक्सीजन का सिलेंडर ऑन करना ही भूल गए. इतना ही नहीं जब इस मरीज को वार्ड में जांच करने के लिए ले गए तो वहां पर डॉक्टर भी लापता थे. इसके अलावा भी कई अनियमितताएं आज इस मॉक ड्रिल के अभियान में जहां एक ओर देखने को मिली है, तो वहीं रामनगर के सरकारी अस्पताल की भी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर पोल खुली है.
स्वास्थ्य सुविधाएं दुरुस्त करने के दिये निर्देश: वर्तमान में रामनगर का सरकारी अस्पताल पीपीपी मोड पर संचालित है. इस अभियान में मौजूद विधायक दीवान सिंह बिष्ट ने लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सरकार इस महामारी को लेकर पूरी तरह गंभीर है. तथा अस्पतालों में मरीजों को कोई परेशानी ना हो इसको लेकर निर्देश दिए जा चुके हैं. कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ. प्रशांत कौशिक ने भी अभियान में मौजूद रहते हुए इन अव्यवस्थाओं को देखते हुए चिकित्सालय प्रबंधन को व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश देते हुए कहा कि यदि भविष्य में इस प्रकार की शिकायत मिली तो उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जाएगा.