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डीएल बनवाने के लिए अब करना होगा ये काम, मोबाइल बताएगा कैसे ड्राइवर हैं आप

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Published : May 21, 2019, 11:57 PM IST

ड्राइविंग टेस्ट देने वाले व्यक्ति के वाहन में हाईटेक मोबाइल फोन फिट किया जाएगा. जिसके बाद इस मोबाइल फोन से ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति की पूरी ड्राइविंग रिकॉर्ड की जाएगी. मोबाइल में फीड किए गए साफ्टवेयर से आवेदक के वाहन चलाने के तरीके को देखा जाएगा. जिसके बाद व्यक्ति को ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा.

ड्राइविंग लाइसेंस

देहरादूनः ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब मोबाइल के जरिये टेस्ट देना होगा. इसके लिए मारुति और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर एक साफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं. जिसकी शुरुआत आरटीओ कार्यालय अगले महीने से झाझरा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) से करने जा रहा है. इस ट्रायल के सफल होने के बाद लाइसेंस बनना शुरू होगा. वहीं, इस तरह का ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा.

जानकारी देते आरटीओ दिनेश पठोई.


आरटीओ दिनेश पठोई ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक महज कॉमर्शियल वाहनों के चालकों का ही लाइव इन टाइम्स झाझरा स्थित आईडीटीआर में लिया जाता था, लेकिन अब जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले निजी वाहन चालकों का ड्राइविंग टेस्ट भी यहीं पर होगा. उन्होंने कहा कि हाईटेक मोबाइल फोन के जरिए ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया की जाएगी.

ये भी पढ़ेंः एग्जिट पोल पर प्रीतम सिंह को नहीं भरोसा, बोले- 23 मई को होगा दूध का दूध और पानी का पानी


उन्होंने बताया कि इसके तहत ड्राइविंग टेस्ट देने वाले व्यक्ति के वाहन में हाईटेक मोबाइल फोन फिट किया जाएगा. जिसके बाद इस मोबाइल फोन से ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति की पूरी ड्राइविंग रिकॉर्ड की जाएगी. मोबाइल में फीड किए गए साफ्टवेयर से आवेदक के वाहन चलाने के तरीके को देखा जाएगा. टेस्ट होने के बाद पूरी रिकॉर्डिंग को विभागीय अधिकारी आंकलन करेंगे. जिसके बाद व्यक्ति को ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा.

देहरादूनः ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए अब मोबाइल के जरिये टेस्ट देना होगा. इसके लिए मारुति और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर एक साफ्टवेयर तैयार कर रहे हैं. जिसकी शुरुआत आरटीओ कार्यालय अगले महीने से झाझरा स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) से करने जा रहा है. इस ट्रायल के सफल होने के बाद लाइसेंस बनना शुरू होगा. वहीं, इस तरह का ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाला उत्तराखंड पहला राज्य होगा.

जानकारी देते आरटीओ दिनेश पठोई.


आरटीओ दिनेश पठोई ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक महज कॉमर्शियल वाहनों के चालकों का ही लाइव इन टाइम्स झाझरा स्थित आईडीटीआर में लिया जाता था, लेकिन अब जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले निजी वाहन चालकों का ड्राइविंग टेस्ट भी यहीं पर होगा. उन्होंने कहा कि हाईटेक मोबाइल फोन के जरिए ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया की जाएगी.

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उन्होंने बताया कि इसके तहत ड्राइविंग टेस्ट देने वाले व्यक्ति के वाहन में हाईटेक मोबाइल फोन फिट किया जाएगा. जिसके बाद इस मोबाइल फोन से ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति की पूरी ड्राइविंग रिकॉर्ड की जाएगी. मोबाइल में फीड किए गए साफ्टवेयर से आवेदक के वाहन चलाने के तरीके को देखा जाएगा. टेस्ट होने के बाद पूरी रिकॉर्डिंग को विभागीय अधिकारी आंकलन करेंगे. जिसके बाद व्यक्ति को ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया जाएगा.

Intro:Dehradun- अगर अगले कुछ महीनों में आप भी अपना ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सोच रहे हैं तो आने वाले समय में आपके लिए RTO विभाग का ड्राइविंग टेस्ट काफी कठिन साबित होगा ।

दरअसल देहरादून आरटीओ कार्यालय संभवतः जुलाई माह से झाझरा स्थित आईडीटीआर ( इंस्टीटूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च) में एक हाइटेक मोबाइल फोन के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट कराने पर विचार कर रहा है । इस हाईटेक मोबाइल फोन का सॉफ्टवेयर मारुति और माइक्रोसॉफ्ट मिलकर तैयार कर रहे हैं।


Body:इस संबंध में अधिक जानकारी देते हुए आरटीओ देहरादून दिनेश पठोई ने जानकारी देते हुए बताया की अब तक महज कमर्शियल वाहनों के चालकों का ही लाइव इन टाइम्स झांझरा स्थित आईडीटीआर में लिया जाता था । लेकिन अब जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले निजी वाहन चालकों का ड्राइविंग टेस्ट भी यहीं पर लिया जाएगा । शुरुआत में ये ड्राइविंग टेस्ट पुराने तरह से ही लिया जाएगा । लेकिन समय बीतने के साथ ये ड्राइविंग टेस्ट HI-Tech मोबाइल फ़ोन के ज़रिए लिए जाएंगे

आरटीओ दिनेश पठोई ने बताया कि ड्राइविंग टेस्ट देने पहुचने वाले व्यक्ति के वाहन में ये HI-TECH मोबाइल फ़ोन फिट कर दिया जाएगा । जिसके बाद इस मोबाइल फ़ोन में ड्राइविंग सीट पर बैठे व्यक्ति की पूरी ड्राइविंग रिकॉर्ड कर ली जाएगी । जिसके बाद इस पूरी रिकॉर्डिंग का विभागीय अधिकारियों द्वारा आंकलन किया जाएगा । इस आंकल के आधार पर ही व्यक्ति को ऑनलाइन ड्राइविंग लाइसेंस जारी किया
जाएगा।


Conclusion:बरहाल कुल मिलाकर देखा जाए तो हाईटेक मोबाइल फोन की निगरानी में ड्राइविंग टेस्ट देना आम जनता के लिए काफी कठिन साबित होगा । लेकिन इतना जरूर है कि यदि हाइटेक मोबाइल फोन के जरिए होने वाली ड्राइविंग टेस्ट की प्रक्रिया इस साल जुलाई माह तक राजधानी देहरादून में शुरू हो जाती है। तो देहरादून देश का पहला ऐसा शहर होगा जहां हाईटेक मोबाइल फोन के जरिए ड्राइविंग लाइसेंस टेस्ट लेने की प्रक्रिया आरटीओ कार्यालय द्वारा शुरू की गई हो ।
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