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उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर राज्यमंत्री रेखा आर्य ने जताई चिंता

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर राज्य मंत्री रेखा आर्य ने चिंता जताई है. उन्होंने पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें बर्ड फ्लू की स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात कही है.

rekha arya state minister
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Published : Jan 6, 2021, 4:05 PM IST

Updated : Jan 6, 2021, 5:12 PM IST

देहरादून: देश के अन्य राज्यों के साथ ही प्रदेश में भी बर्ड फ्लू को लेकर शासन-प्रशासन में हड़कंप का माहौल है. वहीं, बर्ड फ्लू से जुड़े मामलों को लेकर प्रदेश की पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी चिंता जाहिर की है.

दरअसल, हाल ही में हिमाचल में कुछ पक्षी मरे हुए पाए गए थे, जिसके बाद एडवाइजरी जारी की गई और उत्तराखंड में भी बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए वन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, प्रदेश की पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य भी बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें बर्ड फ्लू की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए निर्देशित करेंगी.

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर राज्यमंत्री रेखा आर्य ने जताई चिंता.

वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि वह बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए जल्द ही विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी, जिसमें अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए बेहतर व्यवस्था की जाए. साथ ही इससे अन्य जीवों को कोई खतरा न हो इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाए.

बता दें कि बर्ड फ्लू एक वायरल इंफेक्शन होता है, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहते हैं. ये एक पक्षी से दूसरे पक्षियों में फैलता है. इसके साथ ही यह इंफेक्शन अन्य पशुओं के साथ ही इंसानों में भी फैल सकता है.

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

वहीं, उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. स्वास्थ विभाग का कहना है कि किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. ऐसे में लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि बर्ड फ्लू इंसान के लिए इतना खतरनाक नहीं होता है. यह इन्फ्लूएंजा का ही रूप है और बर्ड फ्लू इंसानों में तभी फैलता है जब वह किसी संक्रमित पक्षी के संपर्क में आए हों.

देहरादून के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित का मानना है कि जो व्यक्ति मुर्गियों का व्यापार या फिर पोलिट्री फॉर्म चलाते हैं, उन्हें विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. हालांकि, अभी तक ह्यूमन इंफेक्शन के कम से कम केस देखे गए हैं. उन्होंने बताया कि यदि संक्रमित जंगली पक्षी का सलाइवा या पक्षी को पकड़ने के दौरान अपने हाथ को मुंह में लगा लिया जाए, तो ऐसी अवस्था में उस व्यक्ति में फ्लू के लक्षण आने लगते हैं. उस व्यक्ति में कफ़, बुखार, वोमिटिंग, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. जिला सर्विलांस अधिकारी के मुताबिक, फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जिसे एवियन इनफ्लुएंजा भी कहा जाता है. इस वायरस से संक्रमित पक्षी की मौत भी हो सकती है, इसलिए यह वायरस संक्रमित पक्षियों से अन्य जानवर और इंसानों में भी फैल सकता है.

ये भी पढ़ेंः बर्ड फ्लू की चपेट में आए कई राज्यों में अलर्ट, केरल में आपदा घोषित

मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक, बर्ड फ्लू को रोकने की पहले से ही तैयारियां हैं. इसलिए स्वास्थ्य विभाग के पास किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. स्वास्थ्य विभाग के पास ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और रेस्पिरेटरी डिसीसिस को रोकने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

इसके साथ ही स्वास्थ्य महकमे के मुताबिक विभाग भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप काम कर रहा है. एक तरफ जहां एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट समेत देहरादून के जिलाधिकारी बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए बैठक करके संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश देकर गंभीरता दिखा रहे हैं तो वहीं, देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए.

देहरादून: देश के अन्य राज्यों के साथ ही प्रदेश में भी बर्ड फ्लू को लेकर शासन-प्रशासन में हड़कंप का माहौल है. वहीं, बर्ड फ्लू से जुड़े मामलों को लेकर प्रदेश की पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी चिंता जाहिर की है.

दरअसल, हाल ही में हिमाचल में कुछ पक्षी मरे हुए पाए गए थे, जिसके बाद एडवाइजरी जारी की गई और उत्तराखंड में भी बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए वन विभाग ने अलर्ट जारी कर दिया है. वहीं, प्रदेश की पशुपालन राज्यमंत्री रेखा आर्य भी बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए पशुपालन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर उन्हें बर्ड फ्लू की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए निर्देशित करेंगी.

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर राज्यमंत्री रेखा आर्य ने जताई चिंता.

वहीं, ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्य मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि वह बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए जल्द ही विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक करेंगी, जिसमें अधिकारियों को निर्देशित किया जाएगा कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए बेहतर व्यवस्था की जाए. साथ ही इससे अन्य जीवों को कोई खतरा न हो इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जाए.

बता दें कि बर्ड फ्लू एक वायरल इंफेक्शन होता है, जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहते हैं. ये एक पक्षी से दूसरे पक्षियों में फैलता है. इसके साथ ही यह इंफेक्शन अन्य पशुओं के साथ ही इंसानों में भी फैल सकता है.

उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

वहीं, उत्तराखंड में बर्ड फ्लू की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है. स्वास्थ विभाग का कहना है कि किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए विभाग के पास पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. ऐसे में लोगों को घबराने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि बर्ड फ्लू इंसान के लिए इतना खतरनाक नहीं होता है. यह इन्फ्लूएंजा का ही रूप है और बर्ड फ्लू इंसानों में तभी फैलता है जब वह किसी संक्रमित पक्षी के संपर्क में आए हों.

देहरादून के जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. राजीव दीक्षित का मानना है कि जो व्यक्ति मुर्गियों का व्यापार या फिर पोलिट्री फॉर्म चलाते हैं, उन्हें विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है. हालांकि, अभी तक ह्यूमन इंफेक्शन के कम से कम केस देखे गए हैं. उन्होंने बताया कि यदि संक्रमित जंगली पक्षी का सलाइवा या पक्षी को पकड़ने के दौरान अपने हाथ को मुंह में लगा लिया जाए, तो ऐसी अवस्था में उस व्यक्ति में फ्लू के लक्षण आने लगते हैं. उस व्यक्ति में कफ़, बुखार, वोमिटिंग, सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. जिला सर्विलांस अधिकारी के मुताबिक, फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जिसे एवियन इनफ्लुएंजा भी कहा जाता है. इस वायरस से संक्रमित पक्षी की मौत भी हो सकती है, इसलिए यह वायरस संक्रमित पक्षियों से अन्य जानवर और इंसानों में भी फैल सकता है.

ये भी पढ़ेंः बर्ड फ्लू की चपेट में आए कई राज्यों में अलर्ट, केरल में आपदा घोषित

मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक, बर्ड फ्लू को रोकने की पहले से ही तैयारियां हैं. इसलिए स्वास्थ्य विभाग के पास किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए पर्याप्त संसाधन मौजूद हैं. स्वास्थ्य विभाग के पास ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और रेस्पिरेटरी डिसीसिस को रोकने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं.

इसके साथ ही स्वास्थ्य महकमे के मुताबिक विभाग भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप काम कर रहा है. एक तरफ जहां एनिमल हसबेंडरी डिपार्टमेंट समेत देहरादून के जिलाधिकारी बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए बैठक करके संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश देकर गंभीरता दिखा रहे हैं तो वहीं, देहरादून के मुख्य चिकित्सा अधिकारी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए.

Last Updated : Jan 6, 2021, 5:12 PM IST
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