देहरादून: खुले रूप से सरकारी मशीनरी पर सवाल उठाकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले वन मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है. हरक सिंह ने बगावती तेवर दिखाते हुए साफ कह दिया है कि वो न तो अब बदलने वाले हैं और न ही उनके पास कुछ खोने को है. बीजेपी में लगातार बढ़ रहे अनुशासनहीनता के मामले को लेकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है.
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त्रिवेंद्र सरकार का कोई दूसरा मंत्री होता तो मामले को सही तौर पर मुख्यमंत्री के सामने रखा जाता और वो मंत्री अपनी बात कहकर चुप्पी साध लेता लेकिन सिस्टम को सुधारने के लिए किसी को तो गले में घंटी बांधनी होगी और वो मैंने किया है... यह कहना है उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत का. वन मंत्री हरक सिंह रावत इन दिनों अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और वन विभाग के बड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर बेहद नाराज हैं. यही कारण है कि हरक सिंह रावत ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा भी दिया है.
वन मंत्री के इस बयानों से जहां त्रिवेंद्र सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है. वहीं अब संगठन भी हरक सिंह के नए बयान को लेकर संशय में है. क्योंकि हरक ने साफ कर दिया है कि वो अपने इस बगावती स्वभाव को नहीं बदल सकते है. उनके पास खोने को भी कुछ नहीं है. उनका ये बयान सरकार और संगठन को चुनौती देने वाला माना जा रहा है.
हालांकि इस बारे में जब बीजेपी के प्रवक्ता विरेंद्र बिष्ट से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले मीडिया में न करके पत्राचार या पार्टी फोरम पर रखने चाहिए. यदि आप कोई संदेश देना चाहते तो इसके लिए सरकार के अन्य सदस्यों के साथ बैठकर उस समस्या का हल निकाल सकते हैं.