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अब सरकार से बागी हुए हरक, कहा- मेरे पास खोने को कुछ नहीं - सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत

कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आने वाले नेता समय-समय पर पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं. हाल ही में विधायक देशराज और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच चल रहे विवाद में भी कांग्रेस से आए कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपनी बयानबाजी को लेकर अनुशासनात्मक के कार्रवाई की जांच से गुजर रहे हैं.

Harak Singh Rawat
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Published : May 20, 2019, 3:22 PM IST

देहरादून: खुले रूप से सरकारी मशीनरी पर सवाल उठाकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले वन मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है. हरक सिंह ने बगावती तेवर दिखाते हुए साफ कह दिया है कि वो न तो अब बदलने वाले हैं और न ही उनके पास कुछ खोने को है. बीजेपी में लगातार बढ़ रहे अनुशासनहीनता के मामले को लेकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है.

पढ़ें- केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों से PM मोदी खुश, थपथपाई CM त्रिवेंद्र की पीठ

त्रिवेंद्र सरकार का कोई दूसरा मंत्री होता तो मामले को सही तौर पर मुख्यमंत्री के सामने रखा जाता और वो मंत्री अपनी बात कहकर चुप्पी साध लेता लेकिन सिस्टम को सुधारने के लिए किसी को तो गले में घंटी बांधनी होगी और वो मैंने किया है... यह कहना है उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत का. वन मंत्री हरक सिंह रावत इन दिनों अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और वन विभाग के बड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर बेहद नाराज हैं. यही कारण है कि हरक सिंह रावत ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा भी दिया है.

संगठन भी दिख रहा है असहज

वन मंत्री के इस बयानों से जहां त्रिवेंद्र सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है. वहीं अब संगठन भी हरक सिंह के नए बयान को लेकर संशय में है. क्योंकि हरक ने साफ कर दिया है कि वो अपने इस बगावती स्वभाव को नहीं बदल सकते है. उनके पास खोने को भी कुछ नहीं है. उनका ये बयान सरकार और संगठन को चुनौती देने वाला माना जा रहा है.

हालांकि इस बारे में जब बीजेपी के प्रवक्ता विरेंद्र बिष्ट से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले मीडिया में न करके पत्राचार या पार्टी फोरम पर रखने चाहिए. यदि आप कोई संदेश देना चाहते तो इसके लिए सरकार के अन्य सदस्यों के साथ बैठकर उस समस्या का हल निकाल सकते हैं.

देहरादून: खुले रूप से सरकारी मशीनरी पर सवाल उठाकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले वन मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर बीजेपी के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है. हरक सिंह ने बगावती तेवर दिखाते हुए साफ कह दिया है कि वो न तो अब बदलने वाले हैं और न ही उनके पास कुछ खोने को है. बीजेपी में लगातार बढ़ रहे अनुशासनहीनता के मामले को लेकर पार्टी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है.

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त्रिवेंद्र सरकार का कोई दूसरा मंत्री होता तो मामले को सही तौर पर मुख्यमंत्री के सामने रखा जाता और वो मंत्री अपनी बात कहकर चुप्पी साध लेता लेकिन सिस्टम को सुधारने के लिए किसी को तो गले में घंटी बांधनी होगी और वो मैंने किया है... यह कहना है उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत का. वन मंत्री हरक सिंह रावत इन दिनों अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और वन विभाग के बड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर बेहद नाराज हैं. यही कारण है कि हरक सिंह रावत ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा भी दिया है.

संगठन भी दिख रहा है असहज

वन मंत्री के इस बयानों से जहां त्रिवेंद्र सरकार बैकफुट पर नजर आ रही है. वहीं अब संगठन भी हरक सिंह के नए बयान को लेकर संशय में है. क्योंकि हरक ने साफ कर दिया है कि वो अपने इस बगावती स्वभाव को नहीं बदल सकते है. उनके पास खोने को भी कुछ नहीं है. उनका ये बयान सरकार और संगठन को चुनौती देने वाला माना जा रहा है.

हालांकि इस बारे में जब बीजेपी के प्रवक्ता विरेंद्र बिष्ट से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इस तरह के मामले मीडिया में न करके पत्राचार या पार्टी फोरम पर रखने चाहिए. यदि आप कोई संदेश देना चाहते तो इसके लिए सरकार के अन्य सदस्यों के साथ बैठकर उस समस्या का हल निकाल सकते हैं.

Intro:खुले रूप से सरकारी मशीनरी पर सवाल उठाकर सरकार की मुश्किलें बढ़ाने वाले वन मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर भाजपा के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है। हरक सिंह ने बगावती तेवर दिखाकर साफ कह दिया है कि वह ना तो अब बदलने वाले हैं और ना ही उनके पास कुछ खोने को है... अनुशासनहीनता के मामलों से भाजपा की बढ़ रही मुश्किलों को लेकर ईटीवी भारत की ये खास रिपोर्ट.....





Body:त्रिवेंद्र सरकार का कोई दूसरा मंत्री होता तो मामले को सही तौर पर मुख्यमंत्री के सामने रखा जाता और वह मंत्री अपनी बात कहकर चुप्पी साध लेता लेकिन सिस्टम को सुधारने के लिए किसी को तो गले में घंटी बांधने होगी और वह मैंने किया है... यह कहना है उत्तराखंड के वन मंत्री हरक सिंह रावत का.... वन मंत्री हरक सिंह रावत इन दिनों अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश और वन विभाग के बड़े अधिकारियों की कार्यप्रणाली को लेकर बेहद नाराज हैं और खुले रूप से अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा भी खोले हुए हैं... वन मंत्री के खुले रूप में इस तरह के बयानों से जहा अबतक सरकार बैकफुट पर थी तो अब संगठन भी हरक सिंह के नए बयान को लेकर संशय में है... दरअसल हरक सिंह ने बयान दिया है कि वह अपने इस बगावती स्वभाव को नहीं बदल सकते और उनके पास खोने को भी कुछ नहीं है। उनका ये बयान सरकार और संगठन को चुनौती देने वाला माना जा रहा है

बाइट हरक सिंह रावत वन मंत्री उत्तराखंड

बयानबाजी को लेकर विवादों में रहे हैं कांग्रेस से भाजपा में आने वाले नेता

उत्तराखंड भाजपा के लिए कांग्रेस से भाजपा में आने वाले नेता मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं हाल ही में विधायक देशराज और कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन के बीच चल रहे विवाद में भी कांग्रेस से आए कुंवर प्रणव सिंह चैंपियन अपनी बयानबाजी को लेकर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जांच से गुजर रहे हैं यही नहीं इस से पहले उमेश शर्मा का भी भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा विरोध किए जाने का मामला सामने आ चुका है। कुल मिलाकर कांग्रेस परिपाटी से जुड़े भाजपा नेता अब पार्टी के लिए चुनौती बन गए हैं और फिलहाल सबसे बड़ी चुनौती वन मंत्री हरक सिंह रावत है।


Conclusion:भाजपा अनुशासित पार्टी मानी जाती है और अक्सर मीडिया के सामने भाजपा के नेताओं द्वारा गलत बयान बाजी नहीं की जाती ऐसे में अब पार्टी के कई नेताओं द्वारा अनर्गल बयान बाजी करने से पार्टी बैकफुट पर है और सबसे बड़ी बात यह है कि यह सभी नेता पार्टी के विधायक या बड़े पद पर बैठे हैं जिससे पार्टी को इन पर कार्यवाही करने में भी सोचना पड़ रहा है।

पीटीसी नवीन उनियाल देहरादून
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