देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सदन के भीतर महंगाई के मुद्दे को लेकर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. विपक्ष को समझाने के बाद प्रश्नकाल का दौर शुरू हुआ. प्रश्नकाल के दौरान वन विभाग और श्रम विभाग से जुड़े तमाम सवाल, सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायकों द्वारा पूछे गए. वहीं, वन मंत्री हरक सिंह रावत अपने ही विधायकों के सवालों पर घिरते नजर आए.
ईएसआई के सवाल पर घिरे श्रम मंत्री
विपक्षी विधायक ममता राकेश ने सदन के भीतर सवाल उठाया कि राज्य कर्मचारी बीमा योजना के अंतर्गत कितने लोगों को बीमांकित किया गया. इसके जवाब में श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि साल 2017-18 में 4279 लाभार्थियों को लाभ मिला, जिसमें 6.36 करोड़ रुपये वितरित किए गए. इसके साथ ही साल 2018-19 में 5410 लाभार्थियों को लाभ मिला, जिसमें 10 करोड़ 72 लाख 45 हजार 420 रुपये वितरित किए गए.
जबकि, राज्य सरकार द्वारा विभाग को 2017-18 में 77 करोड़ 86 लाख रुपये और साल 2018-19 में 86 करोड़ 10 लाख रुपये की धनराशि आवंटित की गई. इसके साथ ही ममता राकेश ने सदन में प्रश्न किया कि राज्य कर्मचारी बीमा योजना में कार्यरत डॉक्टर मिलीभगत कर निजी अस्पतालों को फायदा पहुंचा रहे हैं.
श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि कोई मामला नहीं है, क्योंकि भारत सरकार का जो ईएसआई कॉर्पोरेशन है उसके तहत काम होता है. लेकिन ऐसा कोई मामला संज्ञान में आएगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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कांग्रेस ने लालढांग-चिलरखाल मार्ग पर उठाया सवाल
कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने सदन में लालढांग-चिलरखाल मार्ग के निर्माण कार्य पर सवाल उठाया. इसके जवाब में वन मंत्री ने बताया कि 70 प्रतिशत का कार्य पूरा हो चुका है. बाकी का कार्य NGT के कारण अटका हुआ है. लेकिन, आगामी 17 दिसंबर को नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक होनी है. इसमें सड़क निर्माण कार्य को पूर्ण करने के लिए क्लीन चिट मिलने की उम्मीद है. लालढांग-चिलरखाल मार्ग का निर्माण कार्य पर मंजूरी मिलते ही तीव्र गति से बचे 30 प्रतिशत काम भी पूरे कर लिए जाएंगे.
जीव जंतु की विलुप्ति का उठा सवाल
निर्दलीय प्रीतम सिंह पंवार ने सदन के भीतर प्रदेश में जीव-जंतुओं की कुल प्रजातियों के उपलब्ध पर सवाल खड़े किए. इसके जवाब में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने सदन में जवाब दिया कि जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा प्रकाशित स्टेट फोना सीरीज 18 फोना ऑफ उत्तराखंड में प्रदेश में कुल 3748 जीव-जन्तु हैं. इन जीव-जंतुओं में से कोई भी जीव-जंतु विलुप्त के कगार पर नहीं है. इसके साथ ही जीव जन्तुओं के संकट के सवाल पर वन मंत्री ने सदन में जवाब दिया कि संकटग्रस्त जीव जंतुओं के स्थलों के विकास तथा संरक्षण के लिए प्रदेश में प्रोजेक्ट टाइगर, प्रोजेक्ट एलीफेंट, प्रोजेक्ट स्नो लेपर्ड, वन्यजीव वास स्थलों का समेकित विकास तथा सिक्योर हिमालय आदि परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं.
मजदूरों के न्यूनतम वेतन के सवाल पर घिरे मंत्री
वहीं, सदन के भीतर सत्ता पक्ष विधायक देशराज कर्णवाल ने उत्तराखंड में न्यूनतम मजदूरी अधिनियम में कब-कब संसोधन कर कितनी बार न्यूनतम मजदूरी तय की गई है, इस पर सवाल उठाए. इसके जवाब में उत्तराखंड राज्य में न्यूनतम वेतन का निर्धारण संबंधित सारी जानकारियां विभाग की वेबसाइट पर भी उपलब्ध हैं. साथ ही बताया कि सभी ट्रेंड के मजदूरों के न्यूनतम वेतन में 22.9 फीसदी वेतन बढ़ाया गया है, लेकिन मंत्री के जवाब से विपक्ष समेत सत्ता पक्ष के ही विधायक संतुष्ट नहीं हो पाए.