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डोईवाला: सोंग और जाखन नदियों में 2 साल खनन बंद, लोगों को नहीं मिल रही भवन सामग्री

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Published : Jun 11, 2021, 10:45 AM IST

Updated : Jun 11, 2021, 3:52 PM IST

2 साल से डोईवाला की नदियों में खनन चुगान का काम नहीं हुआ है. जिससे लोगों को भवन बनाने के लिए सामग्री नहीं मिल पा रही है.

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खनन कार्य

डोईवाला: सरकार की लापरवाही के चलते डोईवाला की सोंग और जाखन नदी में 2 साल से खनन का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ये दोनों नदियां सरकार को मोटा राजस्व ही नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों को रोजगार भी देती थी. लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते पिछले 2 साल से खनन व चुगान का काम नहीं हो पाया है.

खनन कार्य शुरू नहीं होने से खनन कार्य से जुड़े कारोबारी कर्ज में डूबते जा रहे हैं. वहीं खनन सामग्री नहीं मिलने से विकास कार्यों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

ये भी पढ़ें: ट्यूलिप गार्डन की खूबसूरती पर्यटकों को कर रही आकर्षित, रोजगार विकसित करना मकसद

खनन चुगान को लेकर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि नदियों के खुलने से आम आदमी को सस्ते दामों पर खनन सामग्री मिल जाती है. लेकिन 2 साल से सभी नदियों से खनन बंद है घर बनाने वाले ग्रामीण अपना सपना पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

ये भी पढ़ें: फर्जी कोरोना जांच रिपोर्ट से स्वास्थ्य विभाग में खलबली, सामने आ चुके हैं कई मामले

पूर्व ग्राम प्रधान परमिंदर सिंह ने बताया कि ग्रामीणों को छोटे-छोटे काम करने के लिए भी महंगे दामों पर खनन सामग्री बाहर से मंगवानी पड़ रही है. खनन कार्य से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि सरकार और विभाग की लापरवाही उन पर भारी पड़ रही है. दो साल से नदियों में खनन कार्य बंद है और उन्होंने किश्तों पर महंगी मशीनें ले रखी हैं.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना, कहा- प्रदेश सरकार ने बेरोजगारों को ठगा

वहीं, सरकार ने भंडारण की परमिशन तो दे रखी है, लेकिन 2 साल से नदियों में खनन कार्य नहीं खोले हैं. एक निजी कार्यक्रम में डोईवाला पहुंचे कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत से जब नदियों में खनन खुलने के बारे में पूछा गया तो उनमें जानकारी का अभाव देखने को मिला. उनका कहना है कि हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड की सभी नदियों में खनन चुगान का काम चल रहा है. जबकि डोईवाला की सोंग और जाखन नदियों में 2 साल से खनन व चुगान का कार्य नहीं हुआ है.

डोईवाला: सरकार की लापरवाही के चलते डोईवाला की सोंग और जाखन नदी में 2 साल से खनन का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ये दोनों नदियां सरकार को मोटा राजस्व ही नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों को रोजगार भी देती थी. लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते पिछले 2 साल से खनन व चुगान का काम नहीं हो पाया है.

खनन कार्य शुरू नहीं होने से खनन कार्य से जुड़े कारोबारी कर्ज में डूबते जा रहे हैं. वहीं खनन सामग्री नहीं मिलने से विकास कार्यों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है.

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खनन चुगान को लेकर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि नदियों के खुलने से आम आदमी को सस्ते दामों पर खनन सामग्री मिल जाती है. लेकिन 2 साल से सभी नदियों से खनन बंद है घर बनाने वाले ग्रामीण अपना सपना पूरा नहीं कर पा रहे हैं.

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पूर्व ग्राम प्रधान परमिंदर सिंह ने बताया कि ग्रामीणों को छोटे-छोटे काम करने के लिए भी महंगे दामों पर खनन सामग्री बाहर से मंगवानी पड़ रही है. खनन कार्य से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि सरकार और विभाग की लापरवाही उन पर भारी पड़ रही है. दो साल से नदियों में खनन कार्य बंद है और उन्होंने किश्तों पर महंगी मशीनें ले रखी हैं.

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वहीं, सरकार ने भंडारण की परमिशन तो दे रखी है, लेकिन 2 साल से नदियों में खनन कार्य नहीं खोले हैं. एक निजी कार्यक्रम में डोईवाला पहुंचे कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत से जब नदियों में खनन खुलने के बारे में पूछा गया तो उनमें जानकारी का अभाव देखने को मिला. उनका कहना है कि हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड की सभी नदियों में खनन चुगान का काम चल रहा है. जबकि डोईवाला की सोंग और जाखन नदियों में 2 साल से खनन व चुगान का कार्य नहीं हुआ है.

Last Updated : Jun 11, 2021, 3:52 PM IST
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