डोईवाला: सरकार की लापरवाही के चलते डोईवाला की सोंग और जाखन नदी में 2 साल से खनन का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. ये दोनों नदियां सरकार को मोटा राजस्व ही नहीं बल्कि सैकड़ों लोगों को रोजगार भी देती थी. लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते पिछले 2 साल से खनन व चुगान का काम नहीं हो पाया है.
खनन कार्य शुरू नहीं होने से खनन कार्य से जुड़े कारोबारी कर्ज में डूबते जा रहे हैं. वहीं खनन सामग्री नहीं मिलने से विकास कार्यों पर भी इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है.
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खनन चुगान को लेकर ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि नदियों के खुलने से आम आदमी को सस्ते दामों पर खनन सामग्री मिल जाती है. लेकिन 2 साल से सभी नदियों से खनन बंद है घर बनाने वाले ग्रामीण अपना सपना पूरा नहीं कर पा रहे हैं.
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पूर्व ग्राम प्रधान परमिंदर सिंह ने बताया कि ग्रामीणों को छोटे-छोटे काम करने के लिए भी महंगे दामों पर खनन सामग्री बाहर से मंगवानी पड़ रही है. खनन कार्य से जुड़े कारोबारियों का कहना है कि सरकार और विभाग की लापरवाही उन पर भारी पड़ रही है. दो साल से नदियों में खनन कार्य बंद है और उन्होंने किश्तों पर महंगी मशीनें ले रखी हैं.
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वहीं, सरकार ने भंडारण की परमिशन तो दे रखी है, लेकिन 2 साल से नदियों में खनन कार्य नहीं खोले हैं. एक निजी कार्यक्रम में डोईवाला पहुंचे कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत से जब नदियों में खनन खुलने के बारे में पूछा गया तो उनमें जानकारी का अभाव देखने को मिला. उनका कहना है कि हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड की सभी नदियों में खनन चुगान का काम चल रहा है. जबकि डोईवाला की सोंग और जाखन नदियों में 2 साल से खनन व चुगान का कार्य नहीं हुआ है.