देहरादूनः उत्तराखंड के हिमालयी क्षेत्रों पर भी ग्लोबल वार्मिंग का असर दिखाई देने लगा है. फरवरी महीने में तापमान और मौसम के मिजाज में बेहद ज्यादा बदलाव महसूस किया जा रहा है. बड़ी बात ये है कि मौसम में हो रहे बदलाव के चलते न केवल सीजन ओवरलैप हो रहे हैं, बल्कि ग्लेशियर्स पर भी इसका बुरा असर पड़ रहा है. फिलहाल, मौसम विभाग की नई चेतावनी पर्यावरण में हो रहे बदलाव के संकेत दे रही है.
उत्तराखंड मौसम विज्ञान केंद्र अगले एक हफ्ते तक मौसम शुष्क रहने का अंदेशा जता रहा है. हालांकि, 20 और 21 फरवरी को ऊंचाई वाले स्थानों पर खासकर उत्तरकाशी और चमोली जिले में हल्की बारिश की बौछार होने की संभावना है. इसके अलावा बाकी सभी 11 जिलों में बारिश न होने के आसार हैं. अंदाजा लगाया जा रहा है कि जिस तरह फरवरी महीने में तापमान बढ़ने जा रहा है. उसका बुरा असर ग्लेशियर पर भी पड़ सकता है.
दरअसल, मौसम विज्ञान केंद्र ने 18, 19 और 20 फरवरी को एवलॉन्च आने की संभावना जताई है. इससे पहले भी बढ़ते तापमान के कारण ग्लेशियर के तेजी से पिघलने की बात वैज्ञानिक कह चुके हैं. ऐसे में जिस तरह फरवरी महीना बारिश के लिहाज से पूरी तरह से सूखा दिखाई दे रहा है. उससे बदलते मौसम की तस्वीर दिखाई दे रही है.
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मौसम विभाग की मानें तो अगले एक हफ्ते तक राज्य के सभी 13 जिलों में बारिश नहीं होगी. चिंता की बात ये है कि फरवरी महीने में 30% तक कम बारिश रही है. ईटीवी भारत इससे पहले अपनी रिपोर्ट में कम होती बारिश पर वैज्ञानिकों के अध्ययन और चिंताओं को बता चुका है. उधर, अब अगले एक हफ्ते में भी बारिश के न होने से फरवरी महीने का ज्यादातर समय सूखा ही गुजरेगा. इस तरह सभी जिलों में सामान्य से भी कम बारिश होने की स्थिति बन गई है.
उत्तराखंड के इतिहास में फरवरी महीने को लेकर आकलन किया जा रहा है कि पिछले सालों में ऐसे कम मौके ही आए हैं. जब फरवरी महीना बारिश के लिहाज से इतना सूखा रहा है. जबकि, इससे पहले ही सामान्य से भी कम बारिश का औसत और भी गिरने की उम्मीद है. बहरहाल, मौसम विभाग ने चेतावनी दे दी है और तापमान की करीब 4 से 5 डिग्री तक बढ़ने के साथ ग्लेशियर्स के भी प्रभावित होने की बात कही गई है. जिसके चलते आने वाले 3 दिनों में एवलॉन्च का खतरा रहेगा.
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