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MDDA के नोटिस ने उड़ाई सैकड़ों व्यापारियों की नींद, खड़ा हुआ रोजी-रोटी का सकंट

दरअसल, राजधानी के सैकड़ों व्यापारियों को प्राधिकरण की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं. ये नोटिस आवासीय नक्शे पर व्यवसायिक प्रतिष्ठा खोलने को लेकर है. खास बात यह है कि यह व्यवसायिक प्रतिष्ठान सालों साल से स्थापित है, लेकिन एमडीडीए को अब जाकर इसकी याद आई है.

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Published : Nov 20, 2019, 7:13 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 7:42 PM IST

देहरादून

देहरादून: राजधानी देहरादून में सैकड़ों परिवार मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के नोटिस से ख़ौफ़ में हैं. एमडीडीए ने ये नोटिस शहर के मुख्य सड़कों में बसे व्यापारियों को दिया है. जिसमें अवैधानिक रूप से भवन बनाने की बात कहकर निर्माण को ध्वस्त करने की चेतावनी दी गयी है.

एमडीडीए इन दिनों दून के व्यापारियों की जुबां पर हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्राधिकरण ने व्यापारियों के निर्माण को ध्वस्त करने की चेतावनी दी है.

MDDA ने उड़ाई सैकडों परिवारों की नींद.

दरअसल, राजधानी के सैकड़ों व्यापारियों को प्राधिकरण की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं. ये नोटिस आवासीय नक्शे पर व्यवसायिक प्रतिष्ठा खोलने को लेकर है. खास बात यह है कि यह व्यवसायिक प्रतिष्ठान सालों साल से स्थापित है, लेकिन एमडीडीए को अब जाकर इसकी याद आई है. यह सब तब है जब रजिस्ट्री के दौरान इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा व्यापारिक शुल्क अदा किया गया है.

पढ़ें- 26 नवंबर से शुरू हो रहा प्रसिद्ध नागराजा मेला, 8 किलो चांदी से बनी डोली होगी आकर्षण का केंद्र

बहरहाल, अबतक सोए एमडीडीए के अधिकारियों को कुछ गलत होने की याद आयी है. हालांकि, एमडीडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार श्रीवास्तव सरकार की नई नीति के तहत ऐसे लोगों को कंपाउंडिंग का मौका देने और ऐसा न करने वालों के खिलाफ ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न करने की बात कह रहे है.

पढ़ें- 'मुझे इस दुनिया में अच्छा नहीं लग रहा', किशोरी ने ट्रेन के आगे लगा दी छलांग

बड़ा सवाल यह है कि एमडीडीए की इस कार्रवाई को लेकर वे सैकड़ों परिवार कहां जाएंगे? जिनकी रोजी-रोटी इन्हीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से जुड़ी हुई है. सवाल ये भी है कि यदि शहर में नियम के विरुद्ध निर्माण हुए हैं तो सालों से एमडीडीए क्यों सोया रहा? फिलहाल, व्यापारियों को तारीख पर तारीख दी जा रही है. ऐसे में वह अंतिम नतीजे को लेकर परेशान हैं क्योंकि इसी पर उनका भविष्य टिका है.

देहरादून: राजधानी देहरादून में सैकड़ों परिवार मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के नोटिस से ख़ौफ़ में हैं. एमडीडीए ने ये नोटिस शहर के मुख्य सड़कों में बसे व्यापारियों को दिया है. जिसमें अवैधानिक रूप से भवन बनाने की बात कहकर निर्माण को ध्वस्त करने की चेतावनी दी गयी है.

एमडीडीए इन दिनों दून के व्यापारियों की जुबां पर हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि प्राधिकरण ने व्यापारियों के निर्माण को ध्वस्त करने की चेतावनी दी है.

MDDA ने उड़ाई सैकडों परिवारों की नींद.

दरअसल, राजधानी के सैकड़ों व्यापारियों को प्राधिकरण की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं. ये नोटिस आवासीय नक्शे पर व्यवसायिक प्रतिष्ठा खोलने को लेकर है. खास बात यह है कि यह व्यवसायिक प्रतिष्ठान सालों साल से स्थापित है, लेकिन एमडीडीए को अब जाकर इसकी याद आई है. यह सब तब है जब रजिस्ट्री के दौरान इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा व्यापारिक शुल्क अदा किया गया है.

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बहरहाल, अबतक सोए एमडीडीए के अधिकारियों को कुछ गलत होने की याद आयी है. हालांकि, एमडीडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार श्रीवास्तव सरकार की नई नीति के तहत ऐसे लोगों को कंपाउंडिंग का मौका देने और ऐसा न करने वालों के खिलाफ ही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई न करने की बात कह रहे है.

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बड़ा सवाल यह है कि एमडीडीए की इस कार्रवाई को लेकर वे सैकड़ों परिवार कहां जाएंगे? जिनकी रोजी-रोटी इन्हीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से जुड़ी हुई है. सवाल ये भी है कि यदि शहर में नियम के विरुद्ध निर्माण हुए हैं तो सालों से एमडीडीए क्यों सोया रहा? फिलहाल, व्यापारियों को तारीख पर तारीख दी जा रही है. ऐसे में वह अंतिम नतीजे को लेकर परेशान हैं क्योंकि इसी पर उनका भविष्य टिका है.

Intro:summary- देहरादून के सैकड़ों परिवार मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के नोटिस से ख़ौफ़ में हैं.. एमडीडीए ने ये नोटिस शहर के मुख्य सड़कों में बसे व्यापारियों को दिया है... जिसमें अवैधानिक रूप से भवन बनाने की बात कहकर निर्माण को ध्वस्त करने तक कि चेतावनी दी गयी है..


Body:मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण इनदिनों दून के व्यापारियों की जुबां पर हैं..ऐसा प्राधिकरण के उन नोटिसों के कारण है जिसमे व्यपारियों को निर्माण ध्वस्त करने की चेतावनी दी गयी है... दरअसल राजधानी के सैकड़ों व्यापारियों को प्राधिकरण की तरफ से नोटिस जारी किए गए हैं... ये नोटिस आवासीय नक्शे पर व्यवसायिक प्रतिष्ठा खोलने को लेकर है... खास बात यह है कि यह व्यवसायिक प्रतिष्ठान सालों साल से स्थापित है... लेकिन एमडीडीए को अब जाकर इसकी याद आई है.. यह सब तब है जब रजिस्ट्री के दौरान इन व्यवसायिक प्रतिष्ठानों द्वारा व्यापारिक शुल्क अदा किया गया है..बहरहाल अबतक सोये एमडीडीए के अधिकारियों को कुछ गलत होने की याद आयी है.. हालांकि एमडीडीए उपाध्यक्ष आशीष कुमार श्रीवास्तव सरकार की नई नीति के तहत ऐसे लोगों को कंपाउंडिंग का मौका देने की बात कह रहे हैं.. और ऐसा न करने वालों के खिलाफ ही ध्वस्तीकरण की कार्यवाही होने की बात कही है...

बाइट-डॉ आशीष कुमार श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष, एमडीडीए

बड़ा सवाल यह है कि एमडीडीए की इस कार्रवाई को लेकर वह सैकड़ों परिवार कहां जाएंगे, जिनकी रोजी-रोटी इन्हीं व्यवसायिक प्रतिष्ठानों से जुड़ी हुई है.. और यदि नियम विरुद्ध निर्माण हुए हैं तो सालों से एसडीडीए क्यों इस मामले पर सोया रहा... बहरहाल फिलहाल व्यापारियों को तारीख पर तारीख दी जा रही है और वह अंतिम नतीजे को लेकर परेशान हैं...


Conclusion:
Last Updated : Nov 20, 2019, 7:42 PM IST
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