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दून अस्पतालः नई और पुरानी बिल्डिंग के बीच फंसे मरीज, इलाज के लिए लगा रहे 'दौड़'

दून मेडिकल कॉलेज की नई ओपीडी में अव्यवस्थाओं की वजह से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दून मेडिकल कॉलेज और नई ओपीडी बिल्डिंग के बीच कनेक्टिविटी नहीं होने से मरीजों को एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक जाने में भारी ट्रैफिक से गुजरना पड़ता है.

Doon Hospital
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Published : Feb 4, 2020, 5:30 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज की नई ओपीडी अव्यवस्थाओं के चलते लाइलाज हो गई है. यहां जरूरी सुविधाएं नहीं हैं. रेडियोलॉजी अभी तक शिफ्ट नहीं हो पाई है. लिफ्ट का काम लटका है और मरीज नई और पुरानी बिल्डिंग के बीच दौड़ रहे हैं. ऐसे में अधूरी तैयारी और बदहाल व्यवस्था के कारण उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं, मरीजों को इलाज के लिए दो बिल्डिंगों के बीच भागमभाग करनी पड़ रही है.

बता दें, दून मेडिकल कॉलेज और नई ओपीडी बिल्डिंग के बीच कनेक्टिविटी भी नहीं है. एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक जाने में भारी ट्रैफिक से मरीजों को गुजरना पड़ता है. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि पुरानी बिल्डिंग से नई बिल्डिंग के बीच फुटओवर ब्रिज बनना है लेकिन कब बनेगा इसका कोई जवाब नहीं है.

दून अस्पताल की अव्यवस्थाओं से मरीज परेशान.

पढ़ें- महाकुंभ 2021: धीमी तैयारियों से खफा अखाड़ा परिषद, 8 फरवरी को जुटेंगे देशभर के आखाड़ा प्रमुख

अस्पताल के एमएस केके टम्टा ने बताया कि अस्पताल में दो चीजों के ऊपर विचार विमर्श किया गया था, जिसमें एक तो अंडर ग्राउंड पाथ से टनल बनाया जाए. दूसरा फुट ओवर ब्रिज बनाने पर विचार विमर्श किया जा रहा था. लेकिन अंडर ग्राउंड पाथ में कई समस्याएं आ रही हैं. इसलिए फुट ओवर ब्रिज बनाये जाने को लेकर सहमति बनी थी लेकिन अभी इसका काम रुका हुआ है.

देहरादून: उत्तराखंड के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज की नई ओपीडी अव्यवस्थाओं के चलते लाइलाज हो गई है. यहां जरूरी सुविधाएं नहीं हैं. रेडियोलॉजी अभी तक शिफ्ट नहीं हो पाई है. लिफ्ट का काम लटका है और मरीज नई और पुरानी बिल्डिंग के बीच दौड़ रहे हैं. ऐसे में अधूरी तैयारी और बदहाल व्यवस्था के कारण उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है. वहीं, मरीजों को इलाज के लिए दो बिल्डिंगों के बीच भागमभाग करनी पड़ रही है.

बता दें, दून मेडिकल कॉलेज और नई ओपीडी बिल्डिंग के बीच कनेक्टिविटी भी नहीं है. एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक जाने में भारी ट्रैफिक से मरीजों को गुजरना पड़ता है. अस्पताल प्रशासन का दावा है कि पुरानी बिल्डिंग से नई बिल्डिंग के बीच फुटओवर ब्रिज बनना है लेकिन कब बनेगा इसका कोई जवाब नहीं है.

दून अस्पताल की अव्यवस्थाओं से मरीज परेशान.

पढ़ें- महाकुंभ 2021: धीमी तैयारियों से खफा अखाड़ा परिषद, 8 फरवरी को जुटेंगे देशभर के आखाड़ा प्रमुख

अस्पताल के एमएस केके टम्टा ने बताया कि अस्पताल में दो चीजों के ऊपर विचार विमर्श किया गया था, जिसमें एक तो अंडर ग्राउंड पाथ से टनल बनाया जाए. दूसरा फुट ओवर ब्रिज बनाने पर विचार विमर्श किया जा रहा था. लेकिन अंडर ग्राउंड पाथ में कई समस्याएं आ रही हैं. इसलिए फुट ओवर ब्रिज बनाये जाने को लेकर सहमति बनी थी लेकिन अभी इसका काम रुका हुआ है.

Intro:उत्तराखंड के सबसे बड़े अस्पताल दून मेडिकल कॉलेज की नई ओपीडी अव्यवस्थाओं के चलते लाइलाज हो गई है।यहां जरूरी सुविधाएं नहीं जुटाई जा सकी हैं। रेडियोलॉजी अभी तक शिफ्ट नहीं हो पाई है, लिफ्ट का काम लटका है और मरीज नई और पुरानी बिल्डिंग के बीच दौड़ रहे हैं। ऐसे में अधूरी तैयारी और बदहाल व्यवस्था के कारण उन्हें परेशानी झेलनी पड़ रही है।  वही दूसरी और दून अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को इलाज के लिए दो बिल्डिंगों के बीच भागमभाग करनी पड़ रही है। Body:दून मेडिकल कॉलेज और नई ओपीडी बिल्डिंग के बीच कनेक्टिविटी भी नहीं है। एक बिल्डिंग से दूसरी बिल्डिंग तक जाने में भारी ट्रैफिक से मरीजों को गुजरना पड़ रहा है। अस्पताल प्रशासन का दावा है कि पुरानी बिल्डिंग से नई बिल्डिंग के बीच फुटओवर ब्रिज बनना है. लेकिन, कब बनेगा इसका कोई जवाब नहीं है। Conclusion:अस्पताल के एमएस के के टम्टा ने बताया कि अस्पताल में दो चीजों के ऊपर विचार विमर्श किया गया था जिसमे एक तो अंडर ग्राउंड पाथ से टर्नल बनाया जाए दूसरा फुट ओवर ब्रिज बनाने पर विचार विमर्श किया जा रहा था ।लेकिन अंडर ग्राउंड पाथ में कई समस्याएं आ रही है इसलिए फुट ओवर ब्रिज बनाये जाने को लेकर सहमति बनी थी लेकिन अभी इसका काम रुका हुआ है ।

   बाइट- के के टम्टा , एमएस दून अस्पताल
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