देहरादून: कोरोना संकट के बीच देश में जारी लॉकडाउन को 2 महीने से ज्यादा समय हो गया है. अलग-अलग चरणों में मिली छूट के बाद जहां कुछ लोगों को राहत मिली है तो वहीं कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जो आज भी राहत का इंतजार कर रहे हैं. घरेलू-विदेशी उड़ान, मेट्रो सर्विस, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और सिनेमा हॉल ये वे तमाम क्षेत्र हैं जिन्हें लॉकडाउन 4 में भी रियायत नहीं दी गई है. इसके कारण शहर के शॉपिंग मॉल और मल्टीप्लेक्स अभी भी पूरी तरह से बंद चल रहे हैं. ऐसे में लॉकडाउन के चलते हर महीने मॉल्स और मल्टीप्लेक्स संचालकों को लाखों- करोड़ों का नुकसान हो रहा है.
बात अगर राजधानी देहरादून में संचालित हो रहे मॉल्स और मल्टीप्लेक्सेस की करें तो यहां कुल 6 मॉल्स हैं. इन सभी मॉल्स में मल्टीप्लेक्सेस भी मौजूद हैं. मगर बीते 2 महीने से जारी लॉकडाउन के चलते इन मॉल्स और मल्टीप्लेक्स में सन्नाटा पसरा हुआ है. इस कारण कई घरों की आय पर असर पड़ा है.
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गौरतलब है कि देहरादून में संचालित होने वाले सभी 6 मल्टीप्लेक्सेस में 60 से 70 कर्मचारी कार्यरत हैं. इसमें मैनेजर से लेकर टिकट कलेक्टर, सिक्योरिटी गार्ड, सफाई कर्मचारी और टेक्निकल स्टाफ शामिल हैं. लॉकडाउन के चलते राजधानी के मल्टीप्लेक्सेस में काम करने वाले लगभग 4,000 से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित हुए हैं.
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ईटीवी भारत से बात करते हुए राजधानी देहरादून के जाने-माने मल्टीप्लेक्स संचालक सुयश अग्रवाल ने कहा कि कोरोना के खतरे के चलते प्रदेश में 15 मार्च से ही सभी सिनेमाघर और मल्टीप्लेक्सेस बंद करने के आदेश दिए गए थे. ऐसे में लॉकडाउन के इन महीनों में उनके साथ ही शहर के अन्य मल्टीप्लेक्स संचालकों के सामने कर्मचारियों के वेतन की व्यवस्था के साथ ही अन्य खर्चों का संकट खड़ा हो गया है.
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सुयश बताते हैं कि लॉकडाउन में शहर के सभी मल्टीप्लेक्स संचालकों को हर महीने औसतन लगभग 20 से 30 लाख रुपए का आर्थिक नुकसान हो रहा है. इसकी वजह से अब सभी मल्टीप्लेक्स संचालक अपने कर्मचारियों को निजी सेविंग से किसी तरह वेतन दे रहे हैं. ऐसे में अगर आगे भी इसी तरह मॉल्स और मल्टीप्लेक्स को खोलने की अनुमति नहीं दी गई तो आने वाला समय बहुत ही मुश्किलों भरा होगा.
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बता दें कि मल्टीप्लेक्सेस में कई तरह के महंगे टेक्निकल इक्विपमेंट होते हैं. इनकी हर रोज या फिर हफ्ते में एक बार मेंटिनेंस होना बेहद ही जरूरी होता है. अगर इन इक्विपमेंट को समय पर मेंटेन नहीं किया जाता है तो ये खराब हो सकते हैं. इसकी वजह से मल्टीप्लेक्स संचालकों को अभी भी अपने टेक्निकल स्टाफ को ड्यूटी पर बुलाना पड़ रहा है. वहीं देहरादून के ईसी रोड स्थित एक मल्टीप्लेक्स संचालक इकबाल वासु बताते हैं कि लॉकडाउन के महीनों में उन्हें अब तक लाखों रुपए का नुकसान हो चुका है. उन्हें लगता नहीं है कि अभी सरकार मॉल्स और मल्टीप्लेक्स खोलने की अनुमति देगी.