टिहरी: देश के सबसे ऊंचे बांध वाले संसदीय क्षेत्र टिहरी में बीजेपी प्रत्याशी माला राज्यलक्ष्मी शाह ने रिकॉर्ड तोड़ जीत के साथ हैट्रिक लगाई है. शाह तीसरी बार इस सीट से चुनाव जीती हैं. उन्होंने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को 281188 वोटों से हराया है. 2014 के चुनाव में शाह 192503 वोटों से जीती थीं.
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पहले ही इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही थी. गुरुवार को जैसे- ईवीएम खुलनी शुरू हुई स्थिति साफ होती चली गई. विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्री बनने के बाद खाली हुई इस सीट पर 2012 में उपचुनाव हुए थे. बीजेपी ने फिर राजपरिवार पर दांव खेला और महारानी माला राज्य लक्ष्मी शाह को चुनावी मैदान में उतारा. माला राज्य लक्ष्मी शाह ने न सिर्फ़ उपचुनाव बल्कि 2014 के आम चुनाव में भी जीत हासिल की.
अपनी जीत के बाद देहरादून स्थित बीजेपी मुख्यालय पहुंची बीजेपी सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने उत्तराखंड की पांचों सीटों पर बीजेपी प्रत्याशियों को जीताया है. इसके लिए वो उनका आभार व्यक्त करती है. साथ ही उन्होंने अपनी जीत श्रेय प्रधानमंत्री मोदी के साथ प्रदेश सरकार को दिया है. शाह ने कहा कि आगे भी केंद्र और राज्य की मिलकर प्रदेश की लिए अच्छा काम करेंगी, ताकि उत्तराखंड को विकास हो सकें.
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उत्तराखंड में किसी राज परिवार का नाम आज भी चलता है तो वह टिहरी का शाह राज घराना है. चुनावों में भी इस परिवार का दबदबा रहा है. टिहरी से वर्तमान सांसद माला राज्य लक्ष्मी शाह भी इसी परिवार से हैं. देश आजाद होने से अबतक उत्तराखंड की टिहरी लोकसभा सीट पर 18 बार चुनाव हुए हैं, जिनमें दो उपचुनाव भी शामिल हैं. इस सीट पर अबतक 9 बार कांग्रेस और 7 बार भाजपा ने कब्जा जमाया है, लेकिन टिहरी राज परिवार से जुड़े लोगों का ही सीट पर ज्यादातर दबदबा रहा है. इस बार भी राज परिवार से बीजेपी प्रत्याशी रानी माला राज्यलक्ष्मी शाह अपनी जीत दर्ज कराई है.
उत्तराखंड से निर्वाचित पहली महिला सांसद
राज्य बनने के बाद उत्तराखंड से निर्वाचित पहली महिला सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह का जन्म 23 अगस्त 1950 को काठमांडू नेपाल में हुआ था. उनके पिता स्वर्गीय सेवानिवृत्त जनरल अर्जुन शमशेर जंग बहादुर राणा व मां का नाम स्वर्गीय रानी बिंदू देवी राणा राजलक्ष्मी है. माला राजलक्ष्मी शाह ने प्रारंभिक इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई कॉन्वेंट ऑफ जीसस एंड मैरी पुणे और रत्ना राजलक्ष्मी कॉलेज काठमांडू से पूरी की.
7 फरवरी 1973 को हुआ था जन्म
राज्यलक्ष्मी का विवाह 7 फरवरी 1973 में नेपाल काठमांडू राणा शाही घराने से उत्तराखंड टिहरी राजशाही परिवार में मानवेंद्र शाह के पुत्र मनुजेंद्र शाह के साथ हुआ. राजलक्ष्मी की एक बेटी हैं जिनका नाम कृश्या कुमारी देवी है. वह भी मां की तरह वर्तमान में राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय होती जा रही हैं.
माला राज्यलक्ष्मी टिहरी शाही परिवार के वंशज मानवेंद्र शाह की बहू हैं, जिन्होंने कई बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया. मानवेंद्र शाह 8 बार इस सीट से सांसद रहे है. उत्तराखंड में महिला प्रमुख चेहरों में सबसे बड़ा नाम रानी राजलक्ष्मी शाह का ही माना जाता है.