देहरादून: भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद खाली हुई सल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं. उपचुनाव को लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने तारीखों का ऐलान भी कर दिया है. 30 मार्च तक नामांकन दाखिल करने की तिथि रखी गई है और 17 अप्रैल को उपचुनाव होने है. वही, सल्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टियों भाजपा और कांग्रेस तैयारियों में जुटी हुई है.
इसके साथ ही उम्मीदवारों के नाम पर दोनों पार्टियां मंथन कर रही है कि इस विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए किसे उम्मीदवार घोषित किया जाए. शनिवार को भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में 6 नामों की लिस्ट आलाकमान को भेजी गई है, लेकिन मुख्य रूप से देखें तो इस विधानसभा सीट पर भाजपा से महेश सिंह जीना को उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है. आखिर क्या है इसके पीछे की वजह? जानिए इस रिपोर्ट में.
बीजेपी कोर कमेटी बैठक में 6 नाम पर प्रस्ताव
सल्ट विधानसभा उम्मीदवार के चयन को लेकर शनिवार को देर शाम भाजपा कार्यालय में कोर कमेटी की बैठक की गई. कोर कमेटी की बैठक में मुख्य रूप से 6 लोगों के नाम का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें से किसी एक व्यक्ति को सल्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया जाना है. हालांकि, उम्मीदवार के नाम पर अंतिम फैसला हाईकमान को लेना है, लेकिन भाजपा ने स्व. सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई महेश सिंह जीना का नाम उम्मीदवार लिस्ट में रखकर, यह स्पष्ट कर दिया है कि महेश सिंह जीना ही, सल्ट विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किए जाएंगे.
12 नवंबर से खाली है सल्ट विधानसभा सीट
आपको बता दें कि साल 2017 विधानसभा चुनाव में सल्ट विधानसभा सीट से भाजपा से सुरेंद्र सिंह जीना विधायक चुने गए थे. हालांकि, पिछले साल विधायक सुरेंद्र सिंह जीना, कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए थे. जिन्हें इलाज के लिए दिल्ली के श्री गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था. 12 नवंबर 2020 को सुरेंद्र सिंह जीना का निधन हो गया. जिसके बाद से ही सल्ट विधानसभा सीट खाली चल रही है. वहीं, सुरेंद्र सिंह जीना के निधन से कुछ दिनों पहले ही उनकी पत्नी का भी निधन हो गया था. जिसके चलते अब अटकलें लगाई जा रही है कि स्व. सुरेंद्र सिंहर जीना के बड़े भाई को उम्मीदवार बनाया जा सकता है.
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सल्ट क्षेत्र में भेजी गई थी तीन सदस्यीय टीम
उम्मीदवार के नाम पर रायशुमारी करने के लिए भाजपा कमेटी ने बीते दिन पहले 3 सदस्यीय टीम सल्ट विधानसभा क्षेत्र में भेजा था. ताकि सल्ट विधानसभा क्षेत्र के वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार उम्मीदवार का चयन किया जा सके. इस 3 सदस्यीय टीम ने कोर कमेटी की बैठक में 6 नामों की लिस्ट रखी थी. जिसमें सबसे ऊपर सल्ट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक रहे स्व. सुरेंद्र सिंह जीना के बड़े भाई महेश सिंह जीना का नाम रखा गया है. इसके अतिरिक्त दिनेश मेहरा, यशपाल रावत, गिरीश कोटनाला, प्रताप रावत, राधा रमन के भी नाम इस लिस्ट में शामिल है. इन नामों की लिस्ट को हाईकमान को भेजा जाएगा. जिस पर हाईकमान द्वारा अंतिम निर्णय लिया जाएगा. लिहाजा कुछ दिनों के भीतर ही उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी जाएगी.
सिम्पैथी वोट का भाजपा को मिल सकता है फायदा
इस उपचुनाव को जीतना भाजपा के लिए नाक का सवाल है. क्योंकि नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के नेतृत्व में यह पहला उपचुनाव होने जा रहा है. यही नहीं, यह उपचुनाव आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति को भी बखूबी बयां करेगा. ऐसे में अगर भाजपा स्व. सुरेंद्र सिंह जीना के परिवार से किसी को टिकट देती है, तो उस उम्मीदवार को सिम्पैथी वोट भी मिलना लाजमी है. जिसका सीधे तौर पर भाजपा को लाभ पहुंचेगा. ऐसे में स्व. सुरेंद्र सिंह जीना के भाई महेश जीना को टिकट मिलने की संभावना बेहद अधिक है.
उपचुनाव में भाजपा परिजनों को देती रही है टिकट
वर्तमान भाजपा सरकार का 4 सालों का कार्यकाल पूरा हो गया है. इन 4 सालों में भाजपा के तीन विधायकों का निधन हो चुका है, जिसमें से 2 विधायकों के निधन के बाद खाली हुई विधानसभा सीट पर भाजपा ने उनके परिजनों को टिकट बांटे हैं. मुख्य रूप से देखें तो साल 2018 में थराली विधानसभा सीट से विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद उनकी पत्नी मुन्नी देवी को उपचुनाव में उम्मीदवार घोषित किया गया और वह उपचुनाव भाजपा जीत गई. इसी तरह साल 2019 में पिथौरागढ़ से विधायक प्रकाश पंत के निधन के बाद उनकी पत्नी चंद्रा पंत को उप चुनाव में उम्मीदवार घोषित की गई और फिर से भाजपा इस उपचुनाव को अपने पाले में कर लिया. लिहाजा अगले महीने होने वाले सल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव में भी भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के परिजनों में से ही किसी को टिकट देगी, ताकि इस उपचुनाव को भी भाजपा जीत सके.
भाजपा सरकार में कार्यकाल में तीसरा उपचुनाव
2017 विधानसभा चुनाव में भारी बहुमत के साथ भाजपा सत्ता पर काबिज हुई, लेकिन भाजपा सरकार के कार्यकाल को करीब एक साल से अधिक का ही वक्त हुआ था कि थराली विधानसभा सीट से भाजपा विधायक मगनलाल शाह का निधन हो गया. जिसके बाद इस विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराया गया और भाजपा उम्मीदवार ने जीत दर्ज की. इसके बाद साल 2019 में वित्त मंत्री प्रकाश पंत का निधन हो गया, जिसके बाद पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव कराया गया और इस उपचुनाव में भी भाजपा ने जीत दर्ज की. वही, साल 2020 में सल्ट विधानसभा सीट से विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है.
विधायक निधन के बाद 5वीं बार हो रहा उपचुनाव
उत्तराखंड में किसी विधायक के निधन के बाद विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव होने का यह पांचवा मामला है. राज्य में पहला उपचुनाव साल 2004 में द्वाराहाट के विधायक विपिन त्रिपाठी के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुए थे. दूसरी बार साल 2014 में भगवानपुर के विधायक सुरेंद्र राकेश के निधन के बाद खाली हुई भगवानपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हुए थे. तीसरी बार साल 2018 में थराली के विधायक मगनलाल शाह के निधन के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव हुए थे. वही, 2019 में वित्तमंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ सीट पर उपचुनाव हुआ था. ऐसे में अब पांचवी बार सल्ट विधायक सुरेंद्र सिंह जीना के निधन के बाद उपचुनाव होने जा रहा है. जिसके तारीख का ऐलान हो चुका है.
सल्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर तारीखों का ऐलान
- विधानसभा के उपचुनाव के संबंध में 23 मार्च को अधिसूचना जारी की जाएगी.
- 30 मार्च को नामांकन करने की अंतिम तिथि रखी गई है.
- 31 मार्च को नामांकन पत्रों की स्क्रुटनी की जाएगी.
- 3 अप्रैल को नामांकन वापसी की अंतिम तिथि.
- 17 अप्रैल को मतदान किया जाएगा.
- 2 मई को मतों की गणना कर चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे.