देहरादून: साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल दमखम से तैयारियों में जुटे हुए हैं. इसी क्रम में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फॉर्मूले को अपनाते हुए कहा है कि उत्तराखंड में अगर कांग्रेस की सरकार आती है तो प्रदेशावासियों को 200 यूनिट फ्री बिजली दी जाएगी.
हरदा की इस घोषणा के बाद सियासी गलियारों में हलचल शुरू हो गई है. शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने हरदा की इस घोषणा पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने हरीश रावत को इसके लिए राष्ट्रीय नेतृत्व में अधिकृत नहीं किया है. कांग्रेस ने प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह और नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश को उत्तराखंड की कमान सौंपी है, लेकिन हरीश रावत उन्हें नीचा दिखाने के लिए इस तरह के बयान और घोषणाएं कर रहे हैं. इसके पता चलता कि पार्टी में गुटबाजी किस स्तर पर है. हालांकि, ये उनकी अपनी लड़ाई है.
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कौशिक ने कहा कि इन कामों को करने के लिए हरीश रावत को मुख्यमंत्री रहते हुए किसने रोका था. उन्होंने तो मुख्यमंत्री रहते 100 यूनिट बिजली भी फ्री नहीं दी. आप जितना लीटर पानी देना चाहते थे, उससे आधा भी नहीं दिया. अब हरीश रावत को पता है कि अब अंगूर खट्टे हैं, तो वे इस तरह की बात कर रहे हैं. अब हरीश रावत कह रहे हैं कि वे गैरसैंण में ऐसा करेंगे, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री होते हुए वहां कुछ क्यों नहीं किया? जब हरीश रावत ने पद पर रहते हुए कुछ नहीं किया तो आज जनता उन पर क्यों विश्वास करें?
AAP ने भी साधा निशाना
आम आदमी पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रिटायर्ड मेजर जनरल चंद्र किशोर जख्मोला ने कहा कि पूर्व सीएम हरीश रावत बिजली और पानी को लेकर जनता को भ्रमित कर रहे हैं. चुनाव नजदीक आ रहे हैं तब हरीश रावत को जनता के लिए बिजली-पानी फ्री दिए जाने की याद आ रही है. प्रदेश उपाध्यक्ष का कहना है कि जब हरीश रावत मुख्यमंत्री थे. तब उन्हें प्रदेश की जनता को मुफ्त बिजली पानी दिए जाने का ख्याल क्यों नहीं आया.