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Somvar Puja Vidhi: आज भगवान शिव को ऐसे करें प्रसन्न, मनोवांछित फल की होगी प्राप्ति

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

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देहरादून
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Published : Jun 27, 2022, 5:00 AM IST

Updated : Jun 27, 2022, 6:01 AM IST

देहरादून: सोमवार का दिन शंकर भगवान को समर्पित होता है. आज के दिन भगवान शिव के भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस व्रत को करने से शिवभक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. सोमवार का दिन सबसे शुभ माना गया है. वैसे तो भगवान शिव सभी भगवानों में भोले माने जाते हैं जिसके लिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है.

भगवान शिव अपने भक्तों पर सदा ही कृपा बरसाते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए. सोमवार को भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल चढ़ाना चाहिए. इस दिन शिव जी पर खास तौर से चंदन, अक्षत, धतूरा और बिल्व पत्र चढ़ाने चाहिए. ये सभी चीजें भगवान शिव की प्रिय हैं. इन्हें चढ़ाने पर भोलेनाथ खुश होकर अपनी कृपा बरसाते हैं.

ऐसे करें शिव की पूजा: सोमवार के दिन भगवान शिव को घी, शक्कर और गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाएं. इसके बाद धूप, दीप से आरती करें. इसके बाद प्रसाद को गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवार, मित्र सहित ग्रहण करें. महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. सोमवार के दिन शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है.

सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से विवाह संबंधित सभी दिक्कतें दूर होती हैं. सोमवार की पूजा हरे, लाल, सफेद, केसरिया, पीला या आसमानी रंग का वस्त्र पहन कर करें. सोमवार की पूजा कभी भी काले रंग के वस्त्र पहन कर नहीं करनी चाहिए. भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित माना गया है. भगवान शिव को कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.
पढ़ें- रंगीलो उत्तराखंड: उत्तरकाशी में धान की रोपाई पर मनाया जाता है उत्सव, बौखनाग मेले का VIDEO

शुरू होने वाला है सावन: भगवान शिव की पूजा करने के लिए सावन महीने (श्रावण मास) को सबसे उत्तम माना गया है. इस बार सावन का महीना का 14 जुलाई से शुरू हो रहा है. कहा जाता है कि सावन महीने में भगवान शिव की आराधना जो कोई भी कर लेता है, उसके सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. हिंदू शास्त्रों में सावन महीने की मान्यता और महत्व कई गुना बताई गई है.

कहते हैं भगवान शिव सावन के महीने में कैलाश पर्वत को छोड़कर धरती पर आ जाते हैं और पूरे सावन भर शिव ससुराल यानी दक्ष की नगरी कनखल में ही विराजते हैं. शायद यही कारण है सावन महीने में कावड़ यात्रा में आने वाले श्रद्धालु दक्ष नगरी कनखल में जरूर जाते हैं. इस बार सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो रही है और 12 अगस्त तक रहेगा. सावन महीने में इस बार चार सोमवार पढ़ रहे हैं. पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा 25 जुलाई, तीसरा 1 अगस्त और चौथा 8 अगस्त को पढ़ रहा है.

देहरादून: सोमवार का दिन शंकर भगवान को समर्पित होता है. आज के दिन भगवान शिव के भक्त भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. इस व्रत को करने से शिवभक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. सोमवार का दिन सबसे शुभ माना गया है. वैसे तो भगवान शिव सभी भगवानों में भोले माने जाते हैं जिसके लिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है.

भगवान शिव अपने भक्तों पर सदा ही कृपा बरसाते हैं. मान्यता है कि भगवान शिव को खुश करने के लिए सोमवार को सुबह उठकर स्नान करके भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए. सोमवार को भगवान शंकर के साथ माता पार्वती और नंदी को गंगाजल चढ़ाना चाहिए. इस दिन शिव जी पर खास तौर से चंदन, अक्षत, धतूरा और बिल्व पत्र चढ़ाने चाहिए. ये सभी चीजें भगवान शिव की प्रिय हैं. इन्हें चढ़ाने पर भोलेनाथ खुश होकर अपनी कृपा बरसाते हैं.

ऐसे करें शिव की पूजा: सोमवार के दिन भगवान शिव को घी, शक्कर और गेंहू के आटे से बने प्रसाद का भोग लगाएं. इसके बाद धूप, दीप से आरती करें. इसके बाद प्रसाद को गुरुजनों, बुजुर्गों और परिवार, मित्र सहित ग्रहण करें. महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. सोमवार के दिन शिवलिंग पर गाय का कच्चा दूध चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है.

सोमवार के दिन भगवान शिव का अभिषेक करने से विवाह संबंधित सभी दिक्कतें दूर होती हैं. सोमवार की पूजा हरे, लाल, सफेद, केसरिया, पीला या आसमानी रंग का वस्त्र पहन कर करें. सोमवार की पूजा कभी भी काले रंग के वस्त्र पहन कर नहीं करनी चाहिए. भगवान शिव की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित माना गया है. भगवान शिव को कभी भी नारियल का पानी नहीं चढ़ाना चाहिए.
पढ़ें- रंगीलो उत्तराखंड: उत्तरकाशी में धान की रोपाई पर मनाया जाता है उत्सव, बौखनाग मेले का VIDEO

शुरू होने वाला है सावन: भगवान शिव की पूजा करने के लिए सावन महीने (श्रावण मास) को सबसे उत्तम माना गया है. इस बार सावन का महीना का 14 जुलाई से शुरू हो रहा है. कहा जाता है कि सावन महीने में भगवान शिव की आराधना जो कोई भी कर लेता है, उसके सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. हिंदू शास्त्रों में सावन महीने की मान्यता और महत्व कई गुना बताई गई है.

कहते हैं भगवान शिव सावन के महीने में कैलाश पर्वत को छोड़कर धरती पर आ जाते हैं और पूरे सावन भर शिव ससुराल यानी दक्ष की नगरी कनखल में ही विराजते हैं. शायद यही कारण है सावन महीने में कावड़ यात्रा में आने वाले श्रद्धालु दक्ष नगरी कनखल में जरूर जाते हैं. इस बार सावन महीने की शुरुआत 14 जुलाई से हो रही है और 12 अगस्त तक रहेगा. सावन महीने में इस बार चार सोमवार पढ़ रहे हैं. पहला सोमवार 18 जुलाई, दूसरा 25 जुलाई, तीसरा 1 अगस्त और चौथा 8 अगस्त को पढ़ रहा है.

Last Updated : Jun 27, 2022, 6:01 AM IST
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