देहरादून: उत्तराखंड में रेल सेवा के विस्तार को लेकर आज लोकसभा में सांसद अजय टम्टा ने केंद्र सरकार और रेलमंत्री के सामने अपने विचार रखे. इस मौके पर टम्टा ने कहा कि समारिक और भौगोलिक दृष्टि से उत्तराखंड राज्य बहुत संवेदनशील है. साथ ही नेपाल और चीन जैसे देशों से अंतरराष्ट्रीय सीमा उत्तराखंड से लगती है. ऐसे में पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड में रेल सेवा का विस्तार होना चाहिए.
लोकसभा में अपने संबोधन में उत्तराखंड से भाजपा सांसद अजय टम्टा ने सबसे पहले ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट को लेकर केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया. टम्टा ने कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन का काम तेजी से चल रहा है. संभवत: 2024 यह काम पूरा भी हो जाएगा.
साथ ही उन्होंने कहा कि कुमाऊं में बागेश्वर-टनकपुर रेल लाइन के सर्वे का काम अपने अंतिम चरण में हैं. ऐसे में इस रेल प्रोजक्ट से रामनगर, चखुटिया, गैरसैंण, बागेश्वर का गरुड़ और कपकोट के अलावा पिथौरागढ़ का सीमांत इलाके मुनस्यारी, मिलम, धारचूला और जौलजीबी भी जुड़ना चाहिए.
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वहीं, अजय टम्टा ने सदन में रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से कहा कि टनकपुर से देहरादून किसी शताब्दी और जनशताब्दी ट्रेन का संचालन होना चाहिए. साथ ही टनकपुर से जो पूर्णागिरी जनशताब्दी एक्सप्रेस नई दिल्ली के लिए चल रही है, उसका समय घटाने पर भी विचार होना चाहिए. यह ट्रेन नई दिल्ली 12 घंटे में पहुंचती है.
साथ ही टम्टा ने रामनगर से मुंबई बांद्रा एक्सप्रेस को सप्ताह में एक बार की जगह तीन बार चलाये जाने का निवेदन किया है. इस अलावा काठगोदाम से जम्मू तक जाने वाली गरीब रथ सेवा को सप्ताह में दो दिन चलाए जाने की मांग की है.
वहीं, लालकुआं से चलने वाली हावड़ा एक्सप्रेस को भी सप्ताह में दो बार चलाने का निवेदन किया है. टम्टा ने कहा कि कुमाऊं गढ़वाल से दक्षिण भारत (साउथ) के लिए कोई ट्रेन संचालित नहीं हो रही है. ऐसे में टनकपुर से बेंगलुरू जाने के लिए सप्ताह में एक ट्रेन का संचालन होना चाहिए.