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'भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान' के सदस्यों की मांग, हिमाचल की तर्ज पर बने सशक्त भू-कानून - उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून की मांग

प्रदेश में सशक्त भू कानून की मांग को लेकर भू अध्यादेश अधिनियम अभियान के सदस्यों ने प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम दिया है. उन्होंने कहा कि 20 दिन के भीतर सशक्त भू-कानून लागू किया जाए नहीं तो वे अनशन करेंगे.

हिमाचल की तर्ज पर बने सशक्त भू-कानून
हिमाचल की तर्ज पर बने सशक्त भू-कानून
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Published : Sep 23, 2021, 5:35 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 6:01 PM IST

देहरादून: प्रदेश में हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू-कानून बनाने की मांग तूल पकड़ने लगी है. इसी क्रम में भू अध्यादेश अधिनियम अभियान के सदस्यों ने भी सरकार से हिमाचल की तरह उत्तराखंड में भी सख्त भू-कानून लागू करने की मांग की.

भू अध्यादेश अधिनियम अभियान के सदस्यों ने कहा सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर वह पूरे उत्तराखंड में 24 लाख परिवारों को जागरूक कर रहे हैं. राज्य में 1.35 करोड़ लोग इस बात को भलीभांति समझ गए हैं कि भू-कानून को अब कोई भी राजनीतिक पार्टी ज्यादा दिनों तक नजरअंदाज नहीं कर सकती है.

सशक्त भू-कानून की मांग

ये भी पढ़ें: 16-17 अक्टूबर को उत्तराखंड दौरे पर रहेंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, ये रहा कार्यक्रम

अभियान के संस्थापक शंकर सागर ने कहा आज संपूर्ण राज्य में सशक्त भू-कानून बनाने की मांग उठ रही है. इस बात को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभियान के सदस्य करीब सभी मुख्यमंत्रियों को हिमाचल की तर्ज पर यहां भू-कानून बनाने को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं. जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने एक समिति का गठन किया है, लेकिन कहीं सरकार ने समिति गठित कर चुनावी चाल तो नहीं चली है.

भू अध्यादेश अधिनियम अभियान के संस्थापक का कहना है कि अगर 20 दिनों के भीतर प्रदेश में हिमाचल की तर्ज पर भू-कानून लागू नहीं होता है तो उन्हें मजबूरन अनशन की राह पकड़नी होगी. अभियान के सदस्यों का कहना है सशक्त भू-कानून को लेकर वे संघर्षरत हैं. उत्तराखंड में करीब 2500 किलोमीटर की यात्रा कर प्रसिद्ध धामों सहित अनेक लोक देवी-देवताओं के चरणों में भू-कानून को लेकर अर्जी प्रेषित किया है. ऐसे में प्रदेश के जल, जंगल और जमीन और यहां के हक-हुकूकों के अधिकारों के लिए उनका यह संघर्ष जारी रहेगा.

देहरादून: प्रदेश में हिमाचल की तर्ज पर सशक्त भू-कानून बनाने की मांग तूल पकड़ने लगी है. इसी क्रम में भू अध्यादेश अधिनियम अभियान के सदस्यों ने भी सरकार से हिमाचल की तरह उत्तराखंड में भी सख्त भू-कानून लागू करने की मांग की.

भू अध्यादेश अधिनियम अभियान के सदस्यों ने कहा सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर वह पूरे उत्तराखंड में 24 लाख परिवारों को जागरूक कर रहे हैं. राज्य में 1.35 करोड़ लोग इस बात को भलीभांति समझ गए हैं कि भू-कानून को अब कोई भी राजनीतिक पार्टी ज्यादा दिनों तक नजरअंदाज नहीं कर सकती है.

सशक्त भू-कानून की मांग

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अभियान के संस्थापक शंकर सागर ने कहा आज संपूर्ण राज्य में सशक्त भू-कानून बनाने की मांग उठ रही है. इस बात को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि अभियान के सदस्य करीब सभी मुख्यमंत्रियों को हिमाचल की तर्ज पर यहां भू-कानून बनाने को लेकर ज्ञापन दे चुके हैं. जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने एक समिति का गठन किया है, लेकिन कहीं सरकार ने समिति गठित कर चुनावी चाल तो नहीं चली है.

भू अध्यादेश अधिनियम अभियान के संस्थापक का कहना है कि अगर 20 दिनों के भीतर प्रदेश में हिमाचल की तर्ज पर भू-कानून लागू नहीं होता है तो उन्हें मजबूरन अनशन की राह पकड़नी होगी. अभियान के सदस्यों का कहना है सशक्त भू-कानून को लेकर वे संघर्षरत हैं. उत्तराखंड में करीब 2500 किलोमीटर की यात्रा कर प्रसिद्ध धामों सहित अनेक लोक देवी-देवताओं के चरणों में भू-कानून को लेकर अर्जी प्रेषित किया है. ऐसे में प्रदेश के जल, जंगल और जमीन और यहां के हक-हुकूकों के अधिकारों के लिए उनका यह संघर्ष जारी रहेगा.

Last Updated : Sep 23, 2021, 6:01 PM IST
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