देहरादून: प्रदेश के संवेदनशील रेलवे स्टेशनों में शामिल देहरादून रेलवे स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे है. सुरक्षा के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे तो लगाए गए हैं, लेकिन ये भी फेल साबित हो रहे हैं. सोमवार को पहली बार जीआरपी, आरपीएफ, एलआईयू, एनआईए समेत आईबी और सिविल पुलिस की संयुक्त टीम ने भी देहरादून रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. इस दौरान कई खामियां सामने आई.
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सबसे बुरी स्थिति सीसीटीवी कैमरे की थी. स्टेशन पर करीब 15 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. लेकिन कैमरों का मूवमेंट नहीं हो रहा है. किसी का फेस बेहद नीचे झुका हुआ है, जो केवल नीचे फर्श दिखा रहा है तो किसी कैमरे का फेस आसमान की ओर कर दिया गया है. ऐसे में वांछित फुटेज नहीं मिल पा रही है और ये कैमरे अनुपयोगी साबित हो रहे हैं.
इसके अलावा स्टेशन पर लगेज स्कैनिंग मशीन और मेटल डिटेक्टर भी नहीं लगा हुआ है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति विस्फोटक सामग्री बड़ी आसानी से रेलवे स्टेशन के अंदर ले जा सकता है. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने लगेज कार्यालय का भी जयाजा लिया, लेकिन यहां भी किसी तरह के सुरक्षा उपकरण मौजूद नहीं थे.
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सुरक्षा को लेकर रेलवे के अधिकारी कितना मुस्तैद हैं, इसकी बानगी निरीक्षण के दौरान देखने को मिली. जब स्टेशन के गोदाम के सामने एक बोरा सालों से लावारिस हालत में पड़ा हुआ मिला. हैरानी की बात ये है कि इस बोरे के बारे में जब रेलवे के अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं पता था. इसमें क्या है और ये किसका है? गोदाम में कई सामान तो ऐसे पड़े हैं, जिनकी जानकारी रेलवे के बड़े अधिकारियों तक को नहीं थी.
निरीक्षण टीम जब रेलवे यार्ड में पहुंची तो यहां भी सुरक्षा भगवान भरोसे ही थी. दून रेलवे स्टेशन में लगी स्वचालित सीढ़ी भी बंद पड़ी हुई थी. जिस कारण बुजुर्ग यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि जब इस बारे में रेलवे अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था.
इस बारे में जानकारी देते हुए असिस्टेंट कमिश्नर धर्मराज राम की निरीक्षण की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी जाएगाी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन पर लगे सभी 15 कैमरे मूवमेंट की स्थिति में नहीं है. सुरक्षा व्यवस्था में कई चुक पाई गई है.