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दून रेलवे स्टेशन की सुरक्षा में लगे CCTV कैमरे रिकार्ड करते हैं 'आसमान' की हरकत, हालात देख अफसर रह गए सन्न - मेटल डिटेक्टर

सबसे बुरी स्थिति सीसीटीवी कैमरे की थी. स्टेशन पर करीब 15 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. लेकिन कैमरों का मूवमेंट नहीं हो रहा है.

dehradun railway station
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Published : Apr 29, 2019, 10:08 PM IST

देहरादून: प्रदेश के संवेदनशील रेलवे स्टेशनों में शामिल देहरादून रेलवे स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे है. सुरक्षा के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे तो लगाए गए हैं, लेकिन ये भी फेल साबित हो रहे हैं. सोमवार को पहली बार जीआरपी, आरपीएफ, एलआईयू, एनआईए समेत आईबी और सिविल पुलिस की संयुक्त टीम ने भी देहरादून रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. इस दौरान कई खामियां सामने आई.

भगवान भरोसे दून रेलवे स्टेशन की सुरक्षा

पढ़ें- नीती घाटी में 'बर्फानी बाबा' ने लिया आकार, टिम्मरसैंण मंदिर समिति ने की ऐसी व्यवस्था

सबसे बुरी स्थिति सीसीटीवी कैमरे की थी. स्टेशन पर करीब 15 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. लेकिन कैमरों का मूवमेंट नहीं हो रहा है. किसी का फेस बेहद नीचे झुका हुआ है, जो केवल नीचे फर्श दिखा रहा है तो किसी कैमरे का फेस आसमान की ओर कर दिया गया है. ऐसे में वांछित फुटेज नहीं मिल पा रही है और ये कैमरे अनुपयोगी साबित हो रहे हैं.

इसके अलावा स्टेशन पर लगेज स्कैनिंग मशीन और मेटल डिटेक्टर भी नहीं लगा हुआ है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति विस्फोटक सामग्री बड़ी आसानी से रेलवे स्टेशन के अंदर ले जा सकता है. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने लगेज कार्यालय का भी जयाजा लिया, लेकिन यहां भी किसी तरह के सुरक्षा उपकरण मौजूद नहीं थे.

पढ़ें- आज भारतीय तट से टकराएगा फेनी तूफान, जानें उत्तराखंड में क्या होगा इसका असर

सुरक्षा को लेकर रेलवे के अधिकारी कितना मुस्तैद हैं, इसकी बानगी निरीक्षण के दौरान देखने को मिली. जब स्टेशन के गोदाम के सामने एक बोरा सालों से लावारिस हालत में पड़ा हुआ मिला. हैरानी की बात ये है कि इस बोरे के बारे में जब रेलवे के अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं पता था. इसमें क्या है और ये किसका है? गोदाम में कई सामान तो ऐसे पड़े हैं, जिनकी जानकारी रेलवे के बड़े अधिकारियों तक को नहीं थी.

निरीक्षण टीम जब रेलवे यार्ड में पहुंची तो यहां भी सुरक्षा भगवान भरोसे ही थी. दून रेलवे स्टेशन में लगी स्वचालित सीढ़ी भी बंद पड़ी हुई थी. जिस कारण बुजुर्ग यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि जब इस बारे में रेलवे अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था.

इस बारे में जानकारी देते हुए असिस्टेंट कमिश्नर धर्मराज राम की निरीक्षण की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी जाएगाी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन पर लगे सभी 15 कैमरे मूवमेंट की स्थिति में नहीं है. सुरक्षा व्यवस्था में कई चुक पाई गई है.

देहरादून: प्रदेश के संवेदनशील रेलवे स्टेशनों में शामिल देहरादून रेलवे स्टेशन की सुरक्षा भगवान भरोसे है. सुरक्षा के लिए यहां सीसीटीवी कैमरे तो लगाए गए हैं, लेकिन ये भी फेल साबित हो रहे हैं. सोमवार को पहली बार जीआरपी, आरपीएफ, एलआईयू, एनआईए समेत आईबी और सिविल पुलिस की संयुक्त टीम ने भी देहरादून रेलवे स्टेशन का निरीक्षण किया. इस दौरान कई खामियां सामने आई.

भगवान भरोसे दून रेलवे स्टेशन की सुरक्षा

पढ़ें- नीती घाटी में 'बर्फानी बाबा' ने लिया आकार, टिम्मरसैंण मंदिर समिति ने की ऐसी व्यवस्था

सबसे बुरी स्थिति सीसीटीवी कैमरे की थी. स्टेशन पर करीब 15 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं. लेकिन कैमरों का मूवमेंट नहीं हो रहा है. किसी का फेस बेहद नीचे झुका हुआ है, जो केवल नीचे फर्श दिखा रहा है तो किसी कैमरे का फेस आसमान की ओर कर दिया गया है. ऐसे में वांछित फुटेज नहीं मिल पा रही है और ये कैमरे अनुपयोगी साबित हो रहे हैं.

इसके अलावा स्टेशन पर लगेज स्कैनिंग मशीन और मेटल डिटेक्टर भी नहीं लगा हुआ है. ऐसे में कोई भी व्यक्ति विस्फोटक सामग्री बड़ी आसानी से रेलवे स्टेशन के अंदर ले जा सकता है. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने लगेज कार्यालय का भी जयाजा लिया, लेकिन यहां भी किसी तरह के सुरक्षा उपकरण मौजूद नहीं थे.

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सुरक्षा को लेकर रेलवे के अधिकारी कितना मुस्तैद हैं, इसकी बानगी निरीक्षण के दौरान देखने को मिली. जब स्टेशन के गोदाम के सामने एक बोरा सालों से लावारिस हालत में पड़ा हुआ मिला. हैरानी की बात ये है कि इस बोरे के बारे में जब रेलवे के अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो उन्हें इसके बारे में कुछ नहीं पता था. इसमें क्या है और ये किसका है? गोदाम में कई सामान तो ऐसे पड़े हैं, जिनकी जानकारी रेलवे के बड़े अधिकारियों तक को नहीं थी.

निरीक्षण टीम जब रेलवे यार्ड में पहुंची तो यहां भी सुरक्षा भगवान भरोसे ही थी. दून रेलवे स्टेशन में लगी स्वचालित सीढ़ी भी बंद पड़ी हुई थी. जिस कारण बुजुर्ग यात्रियों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि जब इस बारे में रेलवे अधिकारियों से जानकारी मांगी गई तो उनके पास इसका कोई जवाब नहीं था.

इस बारे में जानकारी देते हुए असिस्टेंट कमिश्नर धर्मराज राम की निरीक्षण की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को दी जाएगाी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि रेलवे स्टेशन पर लगे सभी 15 कैमरे मूवमेंट की स्थिति में नहीं है. सुरक्षा व्यवस्था में कई चुक पाई गई है.

Intro:देहरादून- देशभर के पर्यटक राज्यों में उत्तराखंड की अपनी एक अलग पहचान हैं, चारधाम यात्रा सहित अन्य स्थानों में सैलानियो का यहाँ वर्षभर आना जाना लगा रहता हैं। लेकिन सबसे हैरानी की बात यह सामने आयी हैं कि,धर्मनगरी हरिद्वार के बाद संवेदनशील की श्रेणी में आने वाला देहरादून रेलवेस्टेशन सुरक्षा के मानकों में फिस्सडी माना जा रहा हैं। इस मामलें पर सोमवार जीआरपी आरपीएफ एलआईयू एनआईए आईबी सहित सिविल पुलिस के सुरक्षा अधिकारियों द्वारा पहली बार देहरादून रेलवे स्टेशन का संयुक्त रूप सुरक्षा ऑडिट निरीक्षण किया गया, इस दौरान जहाँ स्टेशन में सीसीटीवी की निगरानी की हालत दयनीय पायी गई, वही लगेज स्कैनर जैसे महत्वपूर्ण उपकरण की कमी सुरक्षा में बड़ी चूक के रूप में देखा गया,इतना ही नहीं स्टेशन में यार्ड सुरक्षा सहित कई तरह से सुरक्षा मानकों की भारी कमी पायी गई। ऐसे में संवेदनशील स्टेशनों की श्रेणी में आने वाला देहरादून रेलवेस्टेशन सुरक्षा के लिहाज़ से भगवान भरोसे नजर आ रहा हैं।




Body:सुरक्षा में बड़ी चूक, लगेज चैकिंग उपकरणों की कमी

सुरक्षा ऑडिट निरक्षण के दौरान देहरादून रेलवे स्टेशन पर सबसे बड़ी सुरक्षा की चूक यह देखने को मिली की, यात्रा के दौरान स्टेशन में लगेज के रूप में आने-जाने वाले सामान की चेकिंग के लिए ना तो कोई डिटेक्टर मौजूद है और नाही लगेज स्कैनर रेलवे प्रशासन के पास उपलब्ध है ऐसे में यात्रा के दौरान रेलवे से आने-जाने वाले सामान के अंदर की संवेदनशीलता के लिए कोई भी जांच की व्यवस्था रेलवे प्रशासन के पास मौजदू नहीं हैं।निरीक्षण के दौरान संबंधित सुरक्षा अधिकारियों ने जब लगेज कार्यालय का जायजा लिया तो रेलवे कर्मचारियों ने उपकरणों का रोना-रोते हुए लगेज़ जांच को भगवान भरोसे बताया. हालांकि इस मामले में जीआरपीएफ एडिशनल एसपी मनोज कत्याल ने लगेज घर सुरक्षा के दृष्टिगत सामानों की चेकिंग उपकरणों के अभाव में ना होने के चलते रेलवे प्रशासन से नाराजगी जाहिर करते हुए तत्काल इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों तक सौंपने की बात कही है।

बाइट मनोज कत्याल, एडिशनल एसपी जीआरपी



रेलवे गोदाम में लावारिस हालत में पड़े मिले सामान

देहरादून रेलवे स्टेशन में सुरक्षा मानकों को किस कदर हवा में उड़ाया जा रहा है इसकी बानगी का नजारा तब सामने आया जब स्टेशन के गोदाम में आये सामान लावारिस अवस्था में वर्षों से धूल फाँकते हुए पड़े मिले, कुछ बंद बोरो के सामान तो बदबूदार भी नजर आए,हैरानी की बात यह दिखेगी मिली समान के अन्दर क्या है यह किसी को नहीं पता है,यह किसका है इसे कौन ले जाएगा इन सब बातों का जवाब किसी के पास नहीं हैं। इतना ही नहीं जानकारी के मुताबिक रेलवे प्रशासन द्वारा गोदामों में रखे गए सामान के बारे में जांच पड़ताल के लिए सुरक्षा विभाग के अधिकारियों को भी अब तक अवगत नहीं कराया गया।

स्टेशन में स्वचालित सीढ़ियां बंद पड़ी मिली-

देहरादून जैसे संवेदनशील रेलवे स्टेशन में कई तरह की सुरक्षा मानकों की अनदेखी को देखकर ऑडिट करने आये संबंधित विभागीय अधिकारी भी हैरान रह गए, स्टेशन पर आने वाली गाड़ियों की यार्ड सुरक्षा जहाँ राम भरोसे हैं तो वही बुजुर्गोंव व विकलांगो के लिए स्वचालितवाली सीढ़ियां अभी बंद पड़ी मिली जब इस बारे में रेलवे अधिकारियों से पूछा गया तो वह नजरें बचाते हुए मौके से निकलते बने।

स्टेशन की सुरक्षा रिपोर्ट बनायी जा रही हैं- रेलवे सुरक्षा अधिकारी

उधर रेलवे पुलिस फोर्स के असिस्टेंट कमिश्नर धर्म राज राम ने सुरक्षा की कमियों को माननीय के साथी सफाई देते हुए बताया कि सुरक्षा आडिट के दौरान सभी संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ सामान्य से बना कर स्टेशन में यार्डों की सुरक्षा व्यवस्था बनाने को लेकर उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट के सौंपा जाएगा। असिस्टेंट कमिश्नर धर्मराज ने माना कि रेलवे स्टेशन में 15 सीसीटीवी कैमरे लगे तो हैं लेकिन वह मूवमेंट स्थिति में काम नहीं कर रहे हैं जिसके चलते स्टेशन के आस पास की गतिविधियों की निगरानी करनी मुश्किल हो रही है। इसके अलावा स्टेशन के लगेज़ घर में उपकरण उपलब्ध ना होने के चलते सामान की चेकिंग ना होना सुरक्षा में एक बड़ी चूक है।

बाइट -धर्मराज राम, असिस्टेंट कमिश्नर आरपीएफ


Conclusion:चारधाम यात्रा सहित उत्तराखंड की कई स्थानों में जाने के लिए पर्यटक देहरादून रेलवे स्टेशन से होकर ही आगे बढ़ते हैं ऐसे में सुरक्षा मानकों को ताक पर रखकर देहरादून रेलवे स्टेशन की हालत सुरक्षा के मध्यनजर फिसड्डी होना एक गंभीर विषय है।
देहरादून रेलवे स्टेशन अपने आप में एक ऐसा स्टेशन है जहां भारतीय सैन्य अकादमी सर्वे ऑफ इंडिया लाल बहादुर शास्त्री अकैडमी भारतीय वन अकादमी ओएनजीसी दिल जैसे कई संवेदनशील व महत्वपूर्ण स्थान है ऐसे में यहाँ देश विदेश के वीवीआइपी से लेकर प्रतिवर्ष लाखों की तादात में पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है ऐसे में सुरक्षा मानकों को दरकिनार कर देहरादून रेलवेस्टेशन से यात्रा व्यवस्था चलाना किसी भी सूरत में खतरे से खाली नहीं हैं।

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