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आजादी के 75 साल बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिली सड़क, गर्भवती और बुजुर्ग सबसे ज्यादा परेशान - किमोटा गांव सड़क सुविधा से वंचित

Kimota village deprived of road facilitiesजौनसार के किमोटा गांव के ग्रामीण 75 साल से सड़क सुविधा की मांग कर रहे हैं. आलम ये है कि ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की वस्तुओं को बाजार से खरीदकर पीठ और सिर पर लादकर गांव तक पहुंचते हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को होती है.

vikashnagar
विकासनगर
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 13, 2023, 4:09 PM IST

Updated : Dec 16, 2023, 1:44 PM IST

आजादी के 75 साल बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिली सड़क

विकासनगर: आजादी के 75 साल बाद भी पहाड़ों के कई कई गांव हैं, जो मोटर मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं. इन्हीं में से एक देहरादून के जौनसार क्षेत्र का ग्राम पंचायत कनबुआ अंतर्गत आने वाला किमोटा गांव है. जो अभी तक मोटर मार्ग की राह देख रहा है. इस गांव में करीब 13 परिवार स्थाई रूप से निवासरत है. आलम ये है कि गांव तक पहुंचने के लिए खड़ी चड़ाई पर पगडंडियों के सहारे पहुंचना पड़ता है.

ग्रामीण रोजाना अपनी रोजमर्रा की चीजों को बाजार से खरीदकर पीठ और सिर पर लादकर करीब तीन किलोमीटर की दूरी तय करते हैं. किसान भी अपनी फसलों को पीठ पर लादकर मंडी तक पहुंचाते हैं. पिछले कई सालों से ग्रामीण गांव को मोटर मार्ग से जोड़ने के लिए सरकार के जनप्रतिनिधियों और लोकनिर्माण विभाग के चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं. लेकिन ग्रामीणों को अभी तक सड़क सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है.

किमोटा गांव की महिलाओं का कहना है कि गांव में सड़क नहीं है. कई सालों से सड़क की मांग की जा रही है. लेकिन आज तक सड़क निर्माण कार्य नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है. क्योंकि 3 किमी की पैदल दूरी तय करके उन्हें अस्पताल जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से गुहार लगाते हैं कि सरकार हमारे गांव को भी सड़क से जोड़े. ताकि ग्रामीणों को आने जाने में राहत मिल सके.
ये भी पढ़ें: पिपलोगों गांव को 20 साल बाद मिलेगी सड़क, ग्रामीणों ने सीएम पुष्कर सिंह धामी को दिया धन्यवाद

लोक निर्माण विभाग सहिया के अधिशासी अभियंता प्रत्यूष कुमार ने बताया कि कनबुआ किमोटा गांव के लिए पहले चरण में 4 किलोमीटर सड़क के लिए 35.96 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी. गांव की सहमति से संरेखण प्रस्ताव नवीनतम स्वीकृत हो चुकी है. वन और राजस्व विभाग की रिर्पोट भी आ चुकी है. जिसके आधार पर अधिकांश भूमि, नाप और सिविल भूमि आ रही है. जिसका स्थांतरण जिलाधिकारी द्वारा होना है. जिसका प्रस्ताव खंड स्तर पर तैयार कर लिया गया है. जिलाधिकारी को 15 दिनों में प्रभावित भूमि की स्वीकृति के लिए भेज देंगे. उसके बाद द्वितीय स्वीकृति का आंकलन शासन को भेज दिया जाएगा.
ये भी पढ़ें: अल्मोड़ा में PWD के कार्यालय में गरजे ग्रामीण, सड़क निर्माण की मांग को लेकर अधिकारियों को घेरा

आजादी के 75 साल बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिली सड़क

विकासनगर: आजादी के 75 साल बाद भी पहाड़ों के कई कई गांव हैं, जो मोटर मार्ग से नहीं जुड़ पाए हैं. इन्हीं में से एक देहरादून के जौनसार क्षेत्र का ग्राम पंचायत कनबुआ अंतर्गत आने वाला किमोटा गांव है. जो अभी तक मोटर मार्ग की राह देख रहा है. इस गांव में करीब 13 परिवार स्थाई रूप से निवासरत है. आलम ये है कि गांव तक पहुंचने के लिए खड़ी चड़ाई पर पगडंडियों के सहारे पहुंचना पड़ता है.

ग्रामीण रोजाना अपनी रोजमर्रा की चीजों को बाजार से खरीदकर पीठ और सिर पर लादकर करीब तीन किलोमीटर की दूरी तय करते हैं. किसान भी अपनी फसलों को पीठ पर लादकर मंडी तक पहुंचाते हैं. पिछले कई सालों से ग्रामीण गांव को मोटर मार्ग से जोड़ने के लिए सरकार के जनप्रतिनिधियों और लोकनिर्माण विभाग के चक्कर काट-काटकर थक चुके हैं. लेकिन ग्रामीणों को अभी तक सड़क सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है.

किमोटा गांव की महिलाओं का कहना है कि गांव में सड़क नहीं है. कई सालों से सड़क की मांग की जा रही है. लेकिन आज तक सड़क निर्माण कार्य नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती महिलाओं को होती है. क्योंकि 3 किमी की पैदल दूरी तय करके उन्हें अस्पताल जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि हम सरकार से गुहार लगाते हैं कि सरकार हमारे गांव को भी सड़क से जोड़े. ताकि ग्रामीणों को आने जाने में राहत मिल सके.
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लोक निर्माण विभाग सहिया के अधिशासी अभियंता प्रत्यूष कुमार ने बताया कि कनबुआ किमोटा गांव के लिए पहले चरण में 4 किलोमीटर सड़क के लिए 35.96 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी. गांव की सहमति से संरेखण प्रस्ताव नवीनतम स्वीकृत हो चुकी है. वन और राजस्व विभाग की रिर्पोट भी आ चुकी है. जिसके आधार पर अधिकांश भूमि, नाप और सिविल भूमि आ रही है. जिसका स्थांतरण जिलाधिकारी द्वारा होना है. जिसका प्रस्ताव खंड स्तर पर तैयार कर लिया गया है. जिलाधिकारी को 15 दिनों में प्रभावित भूमि की स्वीकृति के लिए भेज देंगे. उसके बाद द्वितीय स्वीकृति का आंकलन शासन को भेज दिया जाएगा.
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Last Updated : Dec 16, 2023, 1:44 PM IST
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