देहरादून: उत्तराखंड की गैर सरकारी चीनी मिल कर्मियों के वेतन निर्धारण को लेकर कोर्ट की सख्ती ने अब राज्य सरकार को वेतन वृद्धि के निर्धारण की याद दिलाई है. कोर्ट के आदेश के बाद मजदूरी बोर्ड का गठन किया गया है. सोमवार को मजदूरी बोर्ड की पहली बैठक बुलाई गई. बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने की. इस बैठक में श्रम विभाग, गन्ना विभाग एवं मजदूर संगठन के प्रतिनिधि रहे.
बैठक में मौजूद तमात अधिकारियों और गन्ना मिल मजदूरों से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने वेतन निर्धारण को लेकर चर्चा की. बैठक में निजी चीनी मिल के प्रतिनिधि मौजूद न होने के कारण यह बैठक 24 जुलाई को फिर बुलाई गयी है, जिसमें वेतन वृद्धि से संबंधित 29 सितम्बर, 2016 को जारी शासनादेश की समीक्षा की जायेगी.
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बैठक में बताया गया कि वेतन वृद्धि से संबंधित 29 सितम्बर, 2016 को जारी शासनादेश के अनुसार सरकारी चीनी मिलों के कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है. इसलिए विभाग की तरफ से इन चीनी मिलों को नोटिस भेजा जायेगा.
दरअसल, चीनी मिल के कर्मचारियों को निर्धारित वेतन नहीं मिल रहा है. इस मामले में कोर्ट ने बोर्ड गठित कर कर्मियों के वेतन निर्धारण को लेकर निर्णय लेने के आदेश दिए है. हालांकि, तय समय में राज्य सरकार वेतन निर्धारण करने में खुद को सक्षम नहीं मान रही है और इसीलिए हरक सिंह रावत ने कोर्ट से कुछ और समय मांगे जाने की भी बात कही है.