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कोर्ट की सख्ती ने सरकार को दिलाई चीनी मिल कर्मियों की याद, वेतन बढ़ाने को लेकर हुई बैठक

गैर सरकारी चीनी मिलों कर्मचारियों के वेतन निर्धारण को लेकर सोमवार को मजदूरी बोर्ड की पहली बैठक बुलाई गई, जिसमें वेतन निर्धारण पर बैठक में मौजूद कर्मियों ने अपना पक्ष रखा. बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने की.

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Published : Jul 16, 2019, 9:12 AM IST

मजदूरी बोर्ड की पहली बैठक

देहरादून: उत्तराखंड की गैर सरकारी चीनी मिल कर्मियों के वेतन निर्धारण को लेकर कोर्ट की सख्ती ने अब राज्य सरकार को वेतन वृद्धि के निर्धारण की याद दिलाई है. कोर्ट के आदेश के बाद मजदूरी बोर्ड का गठन किया गया है. सोमवार को मजदूरी बोर्ड की पहली बैठक बुलाई गई. बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने की. इस बैठक में श्रम विभाग, गन्ना विभाग एवं मजदूर संगठन के प्रतिनिधि रहे.

बैठक में मौजूद तमात अधिकारियों और गन्ना मिल मजदूरों से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने वेतन निर्धारण को लेकर चर्चा की. बैठक में निजी चीनी मिल के प्रतिनिधि मौजूद न होने के कारण यह बैठक 24 जुलाई को फिर बुलाई गयी है, जिसमें वेतन वृद्धि से संबंधित 29 सितम्बर, 2016 को जारी शासनादेश की समीक्षा की जायेगी.

मजदूरी बोर्ड की पहली बैठक

पढ़ें- स्वच्छता सर्वेक्षण की दौड़ में देहरादून, रैंकिंग सुधारने के लिए कर रहा ये काम

बैठक में बताया गया कि वेतन वृद्धि से संबंधित 29 सितम्बर, 2016 को जारी शासनादेश के अनुसार सरकारी चीनी मिलों के कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है. इसलिए विभाग की तरफ से इन चीनी मिलों को नोटिस भेजा जायेगा.

दरअसल, चीनी मिल के कर्मचारियों को निर्धारित वेतन नहीं मिल रहा है. इस मामले में कोर्ट ने बोर्ड गठित कर कर्मियों के वेतन निर्धारण को लेकर निर्णय लेने के आदेश दिए है. हालांकि, तय समय में राज्य सरकार वेतन निर्धारण करने में खुद को सक्षम नहीं मान रही है और इसीलिए हरक सिंह रावत ने कोर्ट से कुछ और समय मांगे जाने की भी बात कही है.

देहरादून: उत्तराखंड की गैर सरकारी चीनी मिल कर्मियों के वेतन निर्धारण को लेकर कोर्ट की सख्ती ने अब राज्य सरकार को वेतन वृद्धि के निर्धारण की याद दिलाई है. कोर्ट के आदेश के बाद मजदूरी बोर्ड का गठन किया गया है. सोमवार को मजदूरी बोर्ड की पहली बैठक बुलाई गई. बैठक की अध्यक्षता श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने की. इस बैठक में श्रम विभाग, गन्ना विभाग एवं मजदूर संगठन के प्रतिनिधि रहे.

बैठक में मौजूद तमात अधिकारियों और गन्ना मिल मजदूरों से श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने वेतन निर्धारण को लेकर चर्चा की. बैठक में निजी चीनी मिल के प्रतिनिधि मौजूद न होने के कारण यह बैठक 24 जुलाई को फिर बुलाई गयी है, जिसमें वेतन वृद्धि से संबंधित 29 सितम्बर, 2016 को जारी शासनादेश की समीक्षा की जायेगी.

मजदूरी बोर्ड की पहली बैठक

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बैठक में बताया गया कि वेतन वृद्धि से संबंधित 29 सितम्बर, 2016 को जारी शासनादेश के अनुसार सरकारी चीनी मिलों के कर्मचारियों को वेतन दिया जा रहा है. इसलिए विभाग की तरफ से इन चीनी मिलों को नोटिस भेजा जायेगा.

दरअसल, चीनी मिल के कर्मचारियों को निर्धारित वेतन नहीं मिल रहा है. इस मामले में कोर्ट ने बोर्ड गठित कर कर्मियों के वेतन निर्धारण को लेकर निर्णय लेने के आदेश दिए है. हालांकि, तय समय में राज्य सरकार वेतन निर्धारण करने में खुद को सक्षम नहीं मान रही है और इसीलिए हरक सिंह रावत ने कोर्ट से कुछ और समय मांगे जाने की भी बात कही है.

Intro:summary- चीनी मिलों के कर्मचारियों के वेतन निर्धारण को लेकर आज मजदूरी बोर्ड की पहली बैठक हुई ...जिसमें वेतन निर्धारण पर बैठक में मौजूद कर्मियों ने अपना पक्ष रखा।

कोर्ट के निर्देश के बाद बनाए गए मजदूरी बोर्ड की आज पहली बैठक हुई... श्रम मंत्री हरक सिंह रावत की अगुवाई में हुई इस बैठक में कर्मियों के वेतन वृद्धि को लेकर चिंतन किया गया।


Body:उत्तराखंड के चीनी मिलों में काम करने वाले कर्मियों के वेतन निर्धारण को लेकर कोर्ट की सख्ती ने अब राज्य सरकार को भी वेतन वृद्धि के निर्धारण की याद दिलाई है... इसी कड़ी में कोर्ट के आदेश के बाद मजबूरी बोर्ड का गठन किया गया है जिसकी आज पहली बैठक आहूत की गई। बैठक में श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने तमाम अधिकारियों और चीनी मिलों के कर्मचारियों के साथ वेतन निर्धारण को लेकर बात की। इस बैठक में श्रम विभाग, गन्ना विभाग एवं मजदूर संगठन के प्रतिनिधि थे। निजी चीनी मिल के प्रतिनिधि न होने के कारण यह बैठक पुनः 24 जुलाई को बुलाई गयी है। इस बैठक में वेतन वृद्धि सम्बन्धित 29 सितम्बर, 2016 का शासनादेश की पुनः समीक्षा की जायेगी। बैठक में बताया गया कि वेतन वृद्धि सम्बन्धित 29 सितम्बर, 2016 का शासनादेश के अनुसार सरकारी चीनी मिलों के कर्मचारियों को वेतन प्राप्त हो रहा है। चूकि निजी चीनी मिल इस शासनादेश के अनुसार अपने कर्मचारियों को वेतन नहीं दे रहे हैं अतः इन्हें श्रम विभाग की तरफ से नोटिस भेजा जायेगा। 




Conclusion:दरअसल चीनी मिल के कर्मचारियों को निर्धारित वेतन नहीं मिल पा रहा है जिसके बाद कोर्ट ने इस मामले में बोर्ड गठित कर कर्मियों के वेतन निर्धारण को लेकर निर्णय लेने के आदेश दिए हैं। हालांकि निर्धारित समय सीमा पर राज्य सरकार वेतन निर्धारण करने में खुद को सक्षम नहीं मान रही है और इसीलिए हरक सिंह रावत ने कोर्ट से कुछ और समय मांगे जाने की भी बात कही है।
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