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कोरे आश्वासनों से खफा कृष्णा नगर कॉलोनी के लोग, लगाये गंभीर आरोप

ऋषिकेश कृष्णा नगर कॉलोनी के लोग मांगों को लेकर मुखर हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि कई सालों से उनकी समस्याएं जस की तस पड़ी हुआ हैं. इस कारण उन्हें आए दिन परेशानियों से दो-चार होना पड़ता है.

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कोरे आश्वासनों से खफा कृष्णा नगर कॉलोनी के लोग
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Published : Sep 24, 2021, 1:19 PM IST

ऋषिकेश: आईडीपीएल क्षेत्र अंतर्गत करीब पांच दशक से बसी कृष्णा नगर कॉलोनी को नगर निगम में शामिल करने की मांग लंबे समय से हो रही है. लेकिन इसके बावजूद लोगों की मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. जिससे लोगों को असुविधाओं के बीच जीवन यापन करना पड़ रहा है.

कृष्णा नगर कॉलोनी में एक बार फिर बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों स्थानीय निवासी एकत्रित हुए. एक स्वर में सभी ने कहा कि कॉलोनी को नगर निगम में शामिल करने की मांग कई वर्षों से की जा रही है. बावजूद इसके अभी तक उनकी मांगों पर सरकार और जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं. पांच दशक पहले कॉलोनी को बसाया गया, लेकिन उन्हें हर चुनाव में आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला.

पढ़ें-चारधाम यात्रा पर आए थे कानपुर के भाई-बहन, देवप्रयाग में हुए लापता, गंगा में बहने की आशंका

मामला सरकार तक पहुंचा तो केवल घोषणा करके उन्हें खुश करने की कोशिश की गई. करीब 15 हजार निवासियों की कॉलोनी में पीने योग्य पानी भी नहीं है. चलने के लिए सड़कों की हालत खस्ता है. समस्या से आजिज लोग चुनाव बहिष्कार का निर्णय ले चुके हैं. स्थानीय निवासी बीएन तिवारी ने बताया कि यह आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है. उनकी मांग पर जब तक ध्यान नहीं दिया जाएगा, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

ऋषिकेश: आईडीपीएल क्षेत्र अंतर्गत करीब पांच दशक से बसी कृष्णा नगर कॉलोनी को नगर निगम में शामिल करने की मांग लंबे समय से हो रही है. लेकिन इसके बावजूद लोगों की मांगों पर गौर नहीं किया जा रहा है. जिससे लोगों को असुविधाओं के बीच जीवन यापन करना पड़ रहा है.

कृष्णा नगर कॉलोनी में एक बार फिर बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों स्थानीय निवासी एकत्रित हुए. एक स्वर में सभी ने कहा कि कॉलोनी को नगर निगम में शामिल करने की मांग कई वर्षों से की जा रही है. बावजूद इसके अभी तक उनकी मांगों पर सरकार और जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं. पांच दशक पहले कॉलोनी को बसाया गया, लेकिन उन्हें हर चुनाव में आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला.

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मामला सरकार तक पहुंचा तो केवल घोषणा करके उन्हें खुश करने की कोशिश की गई. करीब 15 हजार निवासियों की कॉलोनी में पीने योग्य पानी भी नहीं है. चलने के लिए सड़कों की हालत खस्ता है. समस्या से आजिज लोग चुनाव बहिष्कार का निर्णय ले चुके हैं. स्थानीय निवासी बीएन तिवारी ने बताया कि यह आंदोलन अब रुकने वाला नहीं है. उनकी मांग पर जब तक ध्यान नहीं दिया जाएगा, उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

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