मसूरी: उत्तराखंड कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने मसूरी में कहा कि वन अधिकारों को लेकर 8 सितंबर से आंदोलन शुरू करेंगे. हरिद्वार से आंदोलन की शुरुआत की जायेगी, जिससे उत्तराखंड के लोगों को उनके अधिकार मिल सकें. नौजवानों को केंद्र की नौकरियों में आरक्षण मिल सके.
किशोर उपाध्याय ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार प्रदेश के वनों पर कब्जा कर वन सम्पदा का प्रयोग कर रही है, लेकिन उसके एवज में प्रदेशवासियों को कुछ भी नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता से बिजली और पानी के बिल नहीं लिए जाने चाहिये. उन्होंने कहा कि बिजली और पानी के बिलों को 8 सितंबर को जलाकर धरना प्रदर्शन करेंगे. जले हुए बिलों का हरिद्वार में गंगा में तर्पण किया जाएगा.
किशोर उपाध्याय ने सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा कि विकास के नाम पर एक ईंट भी नहीं लगाई, जिससे उत्तराखंड की जनता खुद को ठगा सा महसूस कर रही है. प्रदेश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है. बेरोजगार युवा लगातार आत्महत्या कर रहे हैं.
इसके साथ ही किशोर उपाध्याय ने प्रदेश के क्वारंटाइन सेंटरों की व्यवस्था को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उनका कहना है कि प्रदेश के क्वारंटाइन सेंटरों का बुरा हाल है. प्रवासियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. कोरोना काल में प्रदेश का पर्यटन और परिवहन सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है, जिसने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है, लेकिन सरकार को इससे कोई लेना-देना नहीं है.
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किशोर उपाध्याय ने कहा कि राहुल गांधी ने एक बार फिर देश को चेताया है कि हालात बद-से-बदतर होने वाले हैं, जिसको लेकर सभी को सतर्क रहने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के विकास के लिए एक बार फिर आंदोलन की आवश्यकता महसूस हो रही है.