देहरादून: उत्तराखंड के विभिन्न जन संगठनों और विपक्षी दलों द्वारा दिल्ली हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी गई. साथ ही सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया. धरने के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सीएए, एनआरसी और एनपीआर को रद्द करने की मांग की. वहीं इस प्रदर्शन में कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी शामिल हुए और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.
किशोर उपाध्याय ने कहा कि भाजपा सरकार ने पूरे देश को आग में झोंकने का काम किया है. भाजपा ये सब इसलिए कर रही है ताकि लोगों का ध्यान बेरोजगारी, महंगाई ,भ्रष्टाचार और गिरती जीडीपी से हटाया जा सके. जिस तरीके से भाजपा सरकार ने नोटबंदी के समय लोगों को उलझाया हुआ था. उसी तरह से इसमें भी लोगों को उलझाया जा रहा है.
किशोर उपाध्याय ने कहा कि जिस धरती पर गंगा और यमुना हैं और जिस राज्य में चारों धाम विद्यमान है. उसी राज्य से दिल्ली की घटना में उत्तराखंड का 23 वर्षीय दिलबर सिंह मारा गया. दिल्ली दंगों में मारे गए लोगों को यहां श्रद्धांजलि अर्पित की गई है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह यह वातावरण बना रहे हैं कि एनपीआर, सीएए, एनआरसी से खाली मुस्लिम समुदाय के लोग प्रभावित होंगे या फिर पाकिस्तान प्रभावित होगा, ऐसा नहीं है.
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भाजपा कहती है कि वे हिंदुओं या संत समाज के शुभचिंतक हैं, वो इसमें सबसे अधिक प्रभावित होंगे. देशभर में करीब 30 करोड़ लोग भूमिहीन होने के साथ ही घुमंतू हैं. ऐसे लोग आखिर कैसे अपनी नागरिकता साबित करेंगे? किशोर उपाध्याय ने कहा कि इसमें सबसे ज्यादा परेशानी संत समाज को आने वाली है, क्योंकि ये माना जाता है कि जब संत बन जाते हैं तब उनका नया जन्म होता है. वो अपनी नागरिकता भला कैसे साबित करेंगे?