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जोशीमठ मामले में कांग्रेस ने CM दफ्तर का किया घेराव, सरकार पर लगाए आरोप - करन माहरा ने सरकार पर लगाए आरोप

जोशीमठ के हालातों पर सीएम पुष्कर सिंह धामी से बात करने के लिए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने सीएम कार्यालय से समय मांगा था, लेकिन विपक्ष का समय नहीं दिया गया. जिससे नाराज कांग्रसियों ने करन माहरा के नेतृत्व में सीएम आवास के बाहर धरना प्रदर्शन किया और विपक्ष की आवाज अनसुनी करने का आरोप लगाया.

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Published : Jan 10, 2023, 5:19 PM IST

जोशीमठ मामले में कांग्रेस ने CM दफ्तर का किया घेराव.

देहरादून: जोशीमठ मामले को लेकर विपक्ष ने सीएम पुष्कर धामी से मिलने का समय मांगा (Opposition sought time to meet CM Pushkar Dhami) था, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से विपक्ष को समय नहीं दिया गया. जिससे आक्रोशित कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना दिया और सरकार पर विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

कांग्रेस नेताओं ने कहा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने जोशीमठ के हालातों को लेकर बीते 6 जनवरी से मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा जा रहा हैं, लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज को नहीं सुनना चाहती है. जिसके विरोध में कांग्रेसी मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना दे रहे हैं. करन माहरा ने कहा मुख्य विपक्षी दल का अध्यक्ष होने के नाते वह लगातार मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया जा रहा है.

करन माहरा ने कहा कि जोशीमठ के हालातों का जायजा वे भी गए थे. जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया और दूसरे दिन कई वार्डों में जाकर लोगों से मुलाकात की और उनकी पीड़ा को जाना. जोशीमठ निवासियों की दिक्कतों को लेकर प्रीतम सिंह समेत तमाम वरिष्ठ नेता, विधायक और पूर्व विधायक मुख्यमंत्री से लगातार मुलाकात का समय मांग रहे हैं. ताकि कांग्रेसी नेताओं ने वहां जो ऑब्जर्व किया, उसे मुख्यमंत्री को बता सकें.
ये भी पढ़ें: हाइड्रो पावर परियोजना, सुरंग और एक धंसता शहर! उत्तराखंड में प्रोजेक्ट पर छिड़ी बहस

माहरा ने कहा जोशीमठ में संघर्ष समिति ने कुछ सुझाव कांग्रेस के नेताओं को दिए थे. उन सुझावों को भी हम सरकार के समक्ष पहुंचाना चाहते थे, लेकिन 80 करोड़ हिंदुओं की आस्था का केंद्र माने जाने वाले जोशीमठ को लेकर सरकार की संवेदनहीनता जाहिर होती है. वहां के लोग 2021 से ट्रीटमेंट किए जाने और वहां चल रहे पावर प्रोजेक्ट को रोके जाने की मांग कर रहे थे. जबकि 18 दिन से जोशीमठ में चल रहे आंदोलन के बावजूद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष 9 तारीख को जोशीमठ पहुंचते हैं. इससे संगठन और सरकार की गंभीरता को बखूबी समझा जा सकता है.

उन्होंने कहा भाजपा सरकार ने अपनी हठधर्मिता के चलते सब कुछ बर्बाद कर दिया है. सरकार को जोशीमठ के हालातों को गंभीरता से लेते हुए सर्वदलीय बैठक और कैबिनेट बैठक बुलानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
वहीं, धरने में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए. मुख्यमंत्री से समय नहीं मिलने पर कांग्रेसियों में आक्रोश देखने को मिला. इस दौरान कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के खिलाफ नारे लगाए.

गौरतलब है कि जोशीमठ भू धंसाव के हालातों को जायजा लेने कांग्रेस की ओर से चकराता विधायक प्रीतम सिंह सबसे पहले जोशीमठ पहुंचे. जहां उन्होंने जोशीमठ के हालातों का जायजा लिया. उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और कांग्रेस नेत्री अनुकृति गुसाईं ने भी जोशीमठ का दौरा किया. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी जोशीमठ पहुंचे और वहां रात्रि विश्राम किया.

जोशीमठ मामले में कांग्रेस ने CM दफ्तर का किया घेराव.

देहरादून: जोशीमठ मामले को लेकर विपक्ष ने सीएम पुष्कर धामी से मिलने का समय मांगा (Opposition sought time to meet CM Pushkar Dhami) था, लेकिन मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से विपक्ष को समय नहीं दिया गया. जिससे आक्रोशित कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना दिया और सरकार पर विपक्ष की आवाज को दबाने का आरोप लगाया. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई.

कांग्रेस नेताओं ने कहा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने जोशीमठ के हालातों को लेकर बीते 6 जनवरी से मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा जा रहा हैं, लेकिन सरकार विपक्ष की आवाज को नहीं सुनना चाहती है. जिसके विरोध में कांग्रेसी मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना दे रहे हैं. करन माहरा ने कहा मुख्य विपक्षी दल का अध्यक्ष होने के नाते वह लगातार मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें समय नहीं दिया जा रहा है.

करन माहरा ने कहा कि जोशीमठ के हालातों का जायजा वे भी गए थे. जहां उन्होंने रात्रि विश्राम किया और दूसरे दिन कई वार्डों में जाकर लोगों से मुलाकात की और उनकी पीड़ा को जाना. जोशीमठ निवासियों की दिक्कतों को लेकर प्रीतम सिंह समेत तमाम वरिष्ठ नेता, विधायक और पूर्व विधायक मुख्यमंत्री से लगातार मुलाकात का समय मांग रहे हैं. ताकि कांग्रेसी नेताओं ने वहां जो ऑब्जर्व किया, उसे मुख्यमंत्री को बता सकें.
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माहरा ने कहा जोशीमठ में संघर्ष समिति ने कुछ सुझाव कांग्रेस के नेताओं को दिए थे. उन सुझावों को भी हम सरकार के समक्ष पहुंचाना चाहते थे, लेकिन 80 करोड़ हिंदुओं की आस्था का केंद्र माने जाने वाले जोशीमठ को लेकर सरकार की संवेदनहीनता जाहिर होती है. वहां के लोग 2021 से ट्रीटमेंट किए जाने और वहां चल रहे पावर प्रोजेक्ट को रोके जाने की मांग कर रहे थे. जबकि 18 दिन से जोशीमठ में चल रहे आंदोलन के बावजूद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष 9 तारीख को जोशीमठ पहुंचते हैं. इससे संगठन और सरकार की गंभीरता को बखूबी समझा जा सकता है.

उन्होंने कहा भाजपा सरकार ने अपनी हठधर्मिता के चलते सब कुछ बर्बाद कर दिया है. सरकार को जोशीमठ के हालातों को गंभीरता से लेते हुए सर्वदलीय बैठक और कैबिनेट बैठक बुलानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
वहीं, धरने में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत कई कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए. मुख्यमंत्री से समय नहीं मिलने पर कांग्रेसियों में आक्रोश देखने को मिला. इस दौरान कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के खिलाफ नारे लगाए.

गौरतलब है कि जोशीमठ भू धंसाव के हालातों को जायजा लेने कांग्रेस की ओर से चकराता विधायक प्रीतम सिंह सबसे पहले जोशीमठ पहुंचे. जहां उन्होंने जोशीमठ के हालातों का जायजा लिया. उसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और कांग्रेस नेत्री अनुकृति गुसाईं ने भी जोशीमठ का दौरा किया. इसके अलावा प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी जोशीमठ पहुंचे और वहां रात्रि विश्राम किया.

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