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उत्तराखंड में 10 साल पुराने कमर्शियल वाहनों पर नहीं लगेगी रोक, परिवहन मंत्री ने दिलाया भरोसा

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Published : Nov 14, 2019, 11:54 PM IST

Updated : Nov 15, 2019, 4:13 PM IST

NGT ने परिवहन विभाग को 10 साल पुराने कमर्शियल वाहनों के संचालन बंद करने को कहा था. इसी क्रम में समिति के पदाधिकारियों ने गुरुवार को परिवहन मंत्री से मुलाकात की.

संयुक्त परिवहन यात्रा व्यवस्था समिति के पदाधिकारी

ऋषिकेश: संयुक्त परिवहन यात्रा व्यवस्था समिति ने गुरुवार को परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से मुलाकात की. इस दौरान समिति के पदाधिकारियों ने एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) के सुझाव के अनुसार, प्रदेश में वाहनों की आयुसीमा 10 साल करने पर आपत्ति जताई. बता दें कि कुछ समय पहले उत्तराखंड में देश के कई वैज्ञानिक जुटे थे. इस दौरान हिमालयी राज्यों में हो रहे जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की गई. वैज्ञानिकों ने सरकार को पुराने वाहनों को बंद करने का सुझाव दिया था.

वहीं, एनजीटी ने परिवहन विभाग को 10 साल पुराने कमर्शियल वाहनों के संचालन बंद करने को कहा था. ऐसे में संयुक्त परिवहन यात्रा व्यवस्था समिति ने इस नियम को प्रदेश में लागू करने में आपत्ति जताई थी. इसी क्रम में समिति के पदाधिकारियों ने गुरुवार को परिवहन मंत्री से मुलाकात की.

संयुक्त परिवहन यात्रा व्यवस्था समिति के पदाधिकारी

ये भी पढ़ें: बिना सुरक्षा उपकरणों के वनकर्मी जहरीले सांपों को कर रहे रेस्क्यू, हो सकता है बड़ा हादसा

इस मौके पर उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष अध्यक्ष सुधीर राय ने बताया कि वाहन स्वामियों को तो 10 साल केवल बैंकों का कर्ज चुकाने में ही खत्म हो जाता है. ऐसे में ये नियम लागू होने के बाद वाहन स्वामी कर्ज में डूब जाएंगे.

वहीं, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि समिति के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि सरकार ऐसा कोई नियम लागू नहीं करने जा रही है. उत्तराखंड में 10 साल पुराने कमर्शियल वाहनों पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई जाएगी.

ऋषिकेश: संयुक्त परिवहन यात्रा व्यवस्था समिति ने गुरुवार को परिवहन मंत्री यशपाल आर्य से मुलाकात की. इस दौरान समिति के पदाधिकारियों ने एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) के सुझाव के अनुसार, प्रदेश में वाहनों की आयुसीमा 10 साल करने पर आपत्ति जताई. बता दें कि कुछ समय पहले उत्तराखंड में देश के कई वैज्ञानिक जुटे थे. इस दौरान हिमालयी राज्यों में हो रहे जलवायु परिवर्तन पर चर्चा की गई. वैज्ञानिकों ने सरकार को पुराने वाहनों को बंद करने का सुझाव दिया था.

वहीं, एनजीटी ने परिवहन विभाग को 10 साल पुराने कमर्शियल वाहनों के संचालन बंद करने को कहा था. ऐसे में संयुक्त परिवहन यात्रा व्यवस्था समिति ने इस नियम को प्रदेश में लागू करने में आपत्ति जताई थी. इसी क्रम में समिति के पदाधिकारियों ने गुरुवार को परिवहन मंत्री से मुलाकात की.

संयुक्त परिवहन यात्रा व्यवस्था समिति के पदाधिकारी

ये भी पढ़ें: बिना सुरक्षा उपकरणों के वनकर्मी जहरीले सांपों को कर रहे रेस्क्यू, हो सकता है बड़ा हादसा

इस मौके पर उत्तराखंड परिवहन महासंघ के अध्यक्ष अध्यक्ष सुधीर राय ने बताया कि वाहन स्वामियों को तो 10 साल केवल बैंकों का कर्ज चुकाने में ही खत्म हो जाता है. ऐसे में ये नियम लागू होने के बाद वाहन स्वामी कर्ज में डूब जाएंगे.

वहीं, परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि समिति के पदाधिकारियों को आश्वस्त किया कि सरकार ऐसा कोई नियम लागू नहीं करने जा रही है. उत्तराखंड में 10 साल पुराने कमर्शियल वाहनों पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई जाएगी.

Intro:ऋषिकेश संयुक्त परिवहन यात्रा व्यवस्था समिति के अध्यक्ष सुधीर राय ने आज देहरादून स्थित परिवहन मंत्री के कार्यालय में एक ज्ञापन सौंपते हुए मांग की कि सरकार द्वारा एनजीटी के सुझाव के अनुसार संभाग में पर्यावरण कारणों से वाहनों की समय सीमा 10 वर्ष करने पर आपत्ति जताई है!और परिवहन मंत्री से मुलाकात के बाद मंत्री द्वारा आश्वस्त किया गया है की उत्तराखंड में 10 साल पुराने कॉमर्सियल वाहनों पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई जाएगी!Body:गौरतलब है कि कुछ समय पहले उत्तराखंड में देश के कई वैज्ञानिक जुटे थे। इस दौरान हिमालयी राज्यों में हो रहे मौसम परिवर्तन पर चर्चा की गई और सरकार को पुराने वाहनों को बंद करने का एक सुझाव दिया गया था।प्रस्ताव 4 नवंबर को आरटीए की बैठक में रखा जाना था लेकिन यह बैठक किसी कारण  टल गई थी और अगली बैठक जो भी निर्णय होगा उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।एनजीटी ने परिवहन विभाग को 10 साल पुराने व्यावसायिक वाहनों के चलन को बंद करने के लिए कहा है।
Conclusion:उत्तराखंड परिवहन महासंघ ऋषिकेश के अध्यक्ष सुधीर राय बताया कि जिस व्यक्ति के पास वाहन है उसका 10 वर्ष तो केवल बैंकों की कर्ज चुकाने में ही खत्म हो जाता है और वह इस नियम के अनुसार कर्जे में डूब जाएगा!सरकार जो पूर्व में यथास्थिति के नियम है उसी को लागू रखा जाए जिससे वाहन स्वामियों को राहत मिलने के साथ-साथ रोजी रोटी के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा!साथ ही यात्रा में लाखों लोगों की रोजी-रोटी इसी व्यवसाय से चलती है,यदि यह नियम लागू किया गया तो लाखों लोग बेघर हो जाएंगे!और अभी यह नियम लागू नहीं हुआ है जब खटीमा में एक व्यक्ति द्वारा आत्महत्या कर ली गई यदि यह नियम लागू हुआ तो आप सोच सकते हैं कि राज्य का क्या हाल होगा!वही मंत्री द्वारा हमें आश्वस्त किया गया कि उत्तराखंड में 10 साल पुराने कॉमर्सियल वाहनों पर किसी भी तरह की रोक नहीं लगाई जाएगी! 

 बाइत-सुधीर राय(अध्यक्ष,उत्तराखंड परिवहन महासंघ ऋषिकेश)
Last Updated : Nov 15, 2019, 4:13 PM IST
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