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सीएम त्रिवेंद्र ने जानकी सेतु का किया उद्घाटन, तीन जिलों को मिलेगा फायदा

ऋषिकेश में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकी सेतु को जनता को समर्पित कर दिया है. 48 करोड़ 85 लाख की लागत से बने जानकी सेतु से ऋषिकेश के साथ-साथ टिहरी और पौड़ी की जनता को भी फायदा मिलेगा

Rishikesh News
सीएम त्रिवेंद्र ने जानकी सेतु का किया उद्घाटन
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Published : Nov 20, 2020, 3:12 PM IST

Updated : Nov 20, 2020, 9:24 PM IST

ऋषिकेश: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकी सेतु को जनता को समर्पित कर दिया है. जानकी सेतु से ऋषिकेश को बड़ी सौगात मिली है. जानकी सेतु पुल टिहरी और पौड़ी जिलों की सीमाओं को जोड़ने का काम करेगा. जानकी सेतु पर मार्च 13 में इसका काम शुरू हुआ था. जानकी सेतु पुल गंगा नदी पर बना है और 346 मीटर इसकी लंबाई है.

इस मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तीन सालों में उत्तराखंड सरकार ने 288 पुलों का निर्माण किया है, जो एक रिकॉर्ड है. इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में डी नदी के ऊपर पुल और लक्ष्मणझूला के पास ही बजरंग सेतु का निर्माण की घोषणा की है. इन दोनों पुलों के निर्माण को लेकर सरकार ने डीपीआर केंद्र सरकार को भेज दी है.

सीएम त्रिवेंद्र ने जानकी सेतु का किया उद्घाटन.

इस दौरान ऋषिकेश की जनता को संबोधित करते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने प्रदेश की 37 लाख महिलाओं के लिए एक कमेटी बनाई है. जिसमे पत्नी को पति की संपत्ति पर पूरा अधिकार होगा और वह ऋण लेने के लिए पति की संपत्ति को गिरवी रख सकती है.

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ऋषिकेश में जानकी सेतु.

ये भी पढ़ें: 14 वर्ष बाद जानकी सेतु का सपना हुआ साकार

48 करोड़ 85 लाख में बना जानकी पुल

आपको बता दें कि जानकी पुल की कुल लंबाई 346 मीटर है. इसकी चौड़ाई 3.9 मीटर है, जिसको तीन भागों में बांटा गया है. बीच का भाग लोगों की पैदल आवाजाही के लिए रखा गया है. इसके अलावा दोनों किनारों से एक ओर से दोपहिया वाहनों के आने और जाने के लिए व्यवस्था की गई है. इसकी कुल लागत 48 करोड़ 85 लाख आई है.

इस सेतु के बनने से टिहरी और पौड़ी दोनों जिलों के व्यापार पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा. दोपहिया वाहन चलाने वालों को इससे राहत मिलेगी. ऋषिकेश में पहले से लक्ष्मण झूला और राम झूला हैं. इसके बावजूद लंबे समय से एक अन्य पुल की मांग की जा रही थी. ये पुल राजनीति का भी शिकार हुआ और बीच में इसका काम बंद रहा. मुख्यमंत्री बनने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द इसका कार्य पूरा किया जाएगा.

शहीद के परिजनों से की मुलाकात

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस कार्यक्रम के बाद बारामूला में शहीद हुए बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल के ऋषिकेश स्थित आवास पर जाकर शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी. इस मौके पर सीएम ने कहा कि इस दु:ख की घड़ी में राज्य सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है. जल्द ही शहीद के आश्रित को शैक्षिक योग्यता के आधार पर राज्य सरकार के सेवायोजन में सेवा नियोजित किया जाएगा.

ऋषिकेश: सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जानकी सेतु को जनता को समर्पित कर दिया है. जानकी सेतु से ऋषिकेश को बड़ी सौगात मिली है. जानकी सेतु पुल टिहरी और पौड़ी जिलों की सीमाओं को जोड़ने का काम करेगा. जानकी सेतु पर मार्च 13 में इसका काम शुरू हुआ था. जानकी सेतु पुल गंगा नदी पर बना है और 346 मीटर इसकी लंबाई है.

इस मौके पर सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तीन सालों में उत्तराखंड सरकार ने 288 पुलों का निर्माण किया है, जो एक रिकॉर्ड है. इसके साथ ही उन्होंने विधानसभा क्षेत्र में डी नदी के ऊपर पुल और लक्ष्मणझूला के पास ही बजरंग सेतु का निर्माण की घोषणा की है. इन दोनों पुलों के निर्माण को लेकर सरकार ने डीपीआर केंद्र सरकार को भेज दी है.

सीएम त्रिवेंद्र ने जानकी सेतु का किया उद्घाटन.

इस दौरान ऋषिकेश की जनता को संबोधित करते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि सरकार ने प्रदेश की 37 लाख महिलाओं के लिए एक कमेटी बनाई है. जिसमे पत्नी को पति की संपत्ति पर पूरा अधिकार होगा और वह ऋण लेने के लिए पति की संपत्ति को गिरवी रख सकती है.

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ऋषिकेश में जानकी सेतु.

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48 करोड़ 85 लाख में बना जानकी पुल

आपको बता दें कि जानकी पुल की कुल लंबाई 346 मीटर है. इसकी चौड़ाई 3.9 मीटर है, जिसको तीन भागों में बांटा गया है. बीच का भाग लोगों की पैदल आवाजाही के लिए रखा गया है. इसके अलावा दोनों किनारों से एक ओर से दोपहिया वाहनों के आने और जाने के लिए व्यवस्था की गई है. इसकी कुल लागत 48 करोड़ 85 लाख आई है.

इस सेतु के बनने से टिहरी और पौड़ी दोनों जिलों के व्यापार पर भी इसका सकारात्मक असर पड़ेगा. दोपहिया वाहन चलाने वालों को इससे राहत मिलेगी. ऋषिकेश में पहले से लक्ष्मण झूला और राम झूला हैं. इसके बावजूद लंबे समय से एक अन्य पुल की मांग की जा रही थी. ये पुल राजनीति का भी शिकार हुआ और बीच में इसका काम बंद रहा. मुख्यमंत्री बनने के बाद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आश्वासन दिया था कि जल्द से जल्द इसका कार्य पूरा किया जाएगा.

शहीद के परिजनों से की मुलाकात

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस कार्यक्रम के बाद बारामूला में शहीद हुए बीएसएफ के सब इंस्पेक्टर राकेश डोभाल के ऋषिकेश स्थित आवास पर जाकर शोक संतप्त परिजनों को सांत्वना दी. इस मौके पर सीएम ने कहा कि इस दु:ख की घड़ी में राज्य सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है. जल्द ही शहीद के आश्रित को शैक्षिक योग्यता के आधार पर राज्य सरकार के सेवायोजन में सेवा नियोजित किया जाएगा.

Last Updated : Nov 20, 2020, 9:24 PM IST
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