विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष एवं पूर्व जीएमवीएन उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने विधायकों की सुख सुविधाएं बढ़ाने के मामले उच्च न्यायालय के अधीन करने की मांग की है. नेगी ने कहा कि विधायक और मंत्री अपने वेतन भत्ते बढ़ाने में एक मिनट भी नहीं लगाते हैं. जब जन साधारण से जुड़े मुद्दे आते हैं तो उस पर राजनीति करके लटका देते हैं.
रघुनाथ नेगी ने लगाया ये आरोप: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि प्रदेश के विधायकों को जब अपने वेतन भत्ते सुख-सुविधाओं, निधि आदि को बढ़ाना होता है तो विधानसभा में 1 मिनट में ही ध्वनिमत से बिल पास हो जाता है. प्रदेश का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि एक विधायक को वेतन तीस हजार प्रतिमाह और पेंशन चालीस हजार प्रति माह मिलती है.
विधायकों के वेतन-भत्ते पर उठाया सवाल: रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि यह अलग बात है कि निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, ईधन आदि समेत अनेक भत्तों के नाम पर लगभग तीन लाख जनता की गाढ़ी कमाई से डकार जाते हैं. देश और प्रदेश का इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या हो सकता है कि देश की सीमा पर तैनात जवानों और प्रदेश के कार्मिकों को पेंशन का हक नहीं है. हैरान करने वाली बात यह है कि वर्ष 2008 में विधायक को तीन हजार वेतन का प्रावधान था जो कि वर्ष 2014-15 में बढ़कर तीस हजार हो गया.
जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष ने कहा कि यानी 10 गुना बढ़ोत्तरी हो गई. इसी प्रकार विधायक निधि की राशि भी लगभग 4 करोड़ रुपए अपने हक में करवा चुके हैं. इसमें 30 से 40 फ़ीसदी कमीशन खोरी किसी से छुपी नहीं है. अपने हितों के लिए यह विधायक रात रात में अपने वेतन भत्ते पेंशन में ही नहीं सुविधाएं बढ़ाने के लिए भी बिल पास करा लेते हैं.
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मामले को हाईकोर्ट ले जाएंगे नेगी: रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि जब बेरोजगारों, किसानों, कर्मचारियों और आमजन के मुद्दों पर बात होती है तो इनको सांप सूंघ जाता है. नेगी ने कहा कि मोर्चा विधायकों की सुख-सुविधाओं पर अंकुश लगाने को माननीय उच्च न्यायालय की शरण लेगा.