विकासनगर: जौनसार बावर क्षेत्र के बोहरी गांव स्थित परशुराम देवता मंदिर में ग्यास पर्व धूमधाम से मनाया गया. देर रात गांव में जागरण कर शुक्रवार सुबह 10 बजे देव डोली मंदिर से स्नान के लिए बाहर निकाली गई. करीब 1 घंटे बाद दोनों देव डोलियों को स्नान कराने के बाद मंदिर में प्रवेश कराया गया. इस बीच हजारों श्रद्धालुओं ने देव दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की.
बता दें कि कालसी विकासखंड के बोहरी गांव में देर रात जागरण के बाद से ही देव दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने लगे. वहीं, मां रेणुका व परशुराम के जयकारों के जयघोष के साथ संपूर्ण वातावरण धार्मिक आस्था से गुंजायमान हो उठा. इस बीच हजारों लोगों ने देव दर्शन कर महिलाओं ने देव डोलियों की धूप-दीप से पूजा अर्चना की. इस दौरान उत्तर प्रदेश लखनऊ से आए परशुराम के भक्तों ने बताया कि वह पिछले 10 सालों से इस मंदिर में हर साल परशुराम ग्यास पर्व के आयोजन पर आते हैं. उन्होंने बताया कि परशुराम देवता के मंदिर में मन्नत मांगने और पूजा करने से उनके परिवार की सभी समस्याएं दूर हो गईं.
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वहीं, भगवान परशुराम में अगाध आस्था रखने वाले संस्कृति के संवाहक चकराता के नंदलाल भारती बताते हैं कि परशुराम जी का ग्यास पर्व माता और पुत्र का पवित्र मिलन का पर्व है. जितने भी परशुराम भक्त हैं, उनके लिए यह सबसे बड़ा पर्व है. माना जाता है कि इस दिन परशुराम व माता रेणुका का कार्तिक मास की एकादशी को मिलन हुआ था. वहीं, यह भी माना जाता है कि भगवान परशुराम आज भी मेंद्रत पर्वत पर रहते हैं. इसके साथ ही मां रेणुका अपने पुत्र से मिलने हर साल इस पर्व में जरूर आती है.