देहरादून: देश दुनिया में साइबर ठगी के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं. बावजूद इसके राज्य सरकार लोगों को साइबर ठगी के प्रति जागरूक करने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है. हालांकि, उत्तराखंड में दो जगहों पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन जरूर बनाए गए हैं, जहां से शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.
अब आईटीडीए (सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी) साइबर ठगी के प्रति लोगों को जागरूक करने को लेकर साइबर वॉलिंटियर्स तैयार करने जा रहा है, जो क्षेत्रों में घूम-घूम कर लोगों को साइबर ठगी से बचाव संबंधित जानकारी देंगे.
आपको बता दे कि उत्तराखंड में रोजाना 6 से 7 साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं. हालांकि, ये वो मामले हैं जिसमें ठगी का शिकार हो चुका व्यक्ति साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराता है.
मुख्य रूप से देखें तो सबसे अधिक मामलों में ठग बैंक अधिकारी बन लोगों के अकाउंट और डेबिट कार्ड संबंधी गोपनीय जानकारी हासिल कर लोगों की जमा पूंजी पर सेंध लगा रहे हैं. ऐसे में अगर आईटीडीए का प्रयास सफल रहा तो ना सिर्फ लोग साइबर ठगी से खुद को बचा पाएंगे, बल्कि अपने जानकारों को भी साइबर ठगी के प्रति जागरूक कर सकेंगे.
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सूचना प्रौद्योगिकी विकास एजेंसी के डायरेक्टर अमित सिन्हा ने बताया कि पिछले साल 30 लड़कियों को बतौर साइबर वॉलिंटियर्स चिन्हित किया गया था. उनको ट्रेनिंग दी जानी थी, लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से इन साइबर वॉलिंटियर्स को ट्रेनिंग नहीं दी जा सकी. ऐसे में अब आईटीडीए साइबर वॉलिंटियर्स बनाकर जगह-जगह जाकर लोगों को साइबर ठगी से जागरूक करने का काम करेगा.