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उत्तराखंड के रेस्टोरेंट-होटल में सर्विस चार्ज देना जरूरी नहीं, मनमानी पर शिकायत कर सकता है ग्राहक

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Published : May 11, 2022, 10:51 AM IST

उत्तराखंड के होटल और रेस्टोरेंट संचालक ग्राहकों को जीएसटी बिल के साथ सर्विस चार्ज या टिप के लिए बाध्य नहीं कर सकेंगे. इसके बाद भी यदि कोई होटल और रेस्टोरेंट संचालक ग्राहकों से सर्विस चार्ज लेता है तो शिकायत होने पर उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है. बैठक में राज्य कर विभाग के अधिकारियों ने ये जानकारी दी.

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मसूरी: राज्य कर विभाग द्वारा मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के सहयोग से मसूरी में एक बैठक का आयोजन किया गया है. इस बैठक में ज्वाइंट कमिश्नर राज्यकर (प्रशासन) राकेश वर्मा ने मसूरी के होटल-रेस्टोरेंट और व्यापारियों को संबंधित कई जानकारियां दी और उनकी परेशानियों को भी सुना.

ज्वाइंट कमिश्नर राज्य कर (प्रशासन) राकेश वर्मा ने बताया कि सर्विस चार्ज को लेकर कई भ्रांतियां हैं, जिसको लेकर वित्त मंत्री द्वारा स्पष्ट किया गया है कि सर्विस चार्ज लेना अनिवार्य नहीं है. वह उपभोक्ता पर निर्भर करता है कि वह सर्विस चार्ज दे या ना दे. उन्होंने कहा कि नियमानुसार सर्विस चार्ज लेना गलत है, लेकिन फिर भी कई होटल रेस्टोरेंट और व्यापारी सर्विस चार्ज ले रहे हैं. अगर वह सर्विस चार्ज लेते हैं तो उसपर जीएसटी भी अदा करना होगा.
पढ़ें- चंपावत उपचुनाव के लिए BJP ने जारी की 40 स्टार प्रचारकों की सूची, योगी और स्मृति मांगेंगे वोट

ज्वाइंट कमिश्नर राज्यकर (प्रशासन) राकेश वर्मा ने स्पष्ट किया है कि कोई होटल और रेस्टोरेंट या फिर सर्विस देने वाला व्यक्ति सर्विस चार्ज के लिए ग्राहक को बाध्य नहीं कर सकता है. यह ग्राहक के ऊपर निर्भर है कि उसे सर्विस चार्ज देना है या नहीं. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति उपभोक्ता को सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य करता है तो उपभोक्ता कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटा सकता है.

इस मौके पर व्यापारियों ने अधिकारियों के सामने कई समस्या भी रखीं, जिनका अधिकारियों ने निराकरण किया. वहीं पेनाल्टी, लेट फीस और चालान आदि के सम्बंध में बताया गया. इस बैठक के बाद व्यापारियों की समस्या का काफी हद तक समाधान हुआ है.

मसूरी: राज्य कर विभाग द्वारा मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएशन के सहयोग से मसूरी में एक बैठक का आयोजन किया गया है. इस बैठक में ज्वाइंट कमिश्नर राज्यकर (प्रशासन) राकेश वर्मा ने मसूरी के होटल-रेस्टोरेंट और व्यापारियों को संबंधित कई जानकारियां दी और उनकी परेशानियों को भी सुना.

ज्वाइंट कमिश्नर राज्य कर (प्रशासन) राकेश वर्मा ने बताया कि सर्विस चार्ज को लेकर कई भ्रांतियां हैं, जिसको लेकर वित्त मंत्री द्वारा स्पष्ट किया गया है कि सर्विस चार्ज लेना अनिवार्य नहीं है. वह उपभोक्ता पर निर्भर करता है कि वह सर्विस चार्ज दे या ना दे. उन्होंने कहा कि नियमानुसार सर्विस चार्ज लेना गलत है, लेकिन फिर भी कई होटल रेस्टोरेंट और व्यापारी सर्विस चार्ज ले रहे हैं. अगर वह सर्विस चार्ज लेते हैं तो उसपर जीएसटी भी अदा करना होगा.
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ज्वाइंट कमिश्नर राज्यकर (प्रशासन) राकेश वर्मा ने स्पष्ट किया है कि कोई होटल और रेस्टोरेंट या फिर सर्विस देने वाला व्यक्ति सर्विस चार्ज के लिए ग्राहक को बाध्य नहीं कर सकता है. यह ग्राहक के ऊपर निर्भर है कि उसे सर्विस चार्ज देना है या नहीं. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति उपभोक्ता को सर्विस चार्ज देने के लिए बाध्य करता है तो उपभोक्ता कंज्यूमर फोरम का दरवाजा खटखटा सकता है.

इस मौके पर व्यापारियों ने अधिकारियों के सामने कई समस्या भी रखीं, जिनका अधिकारियों ने निराकरण किया. वहीं पेनाल्टी, लेट फीस और चालान आदि के सम्बंध में बताया गया. इस बैठक के बाद व्यापारियों की समस्या का काफी हद तक समाधान हुआ है.

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