ETV Bharat / state

देश की महिलाओं को जरुरत है इस SHE टीम की, जानिए हैदराबाद में किस तरह से महफूज हैं महिलाएं

SHE टीम तेलंगाना पुलिस की एक विंग है, जो पांच लोगों के छोटे-छोटे समूहों में काम करती है. ये टीम मुख्य रूप से हैदराबाद के व्यस्त सार्वजनिक क्षेत्रों में एक्टिव रहती है. इनका काम ईव टीज़िंग, स्टॉकरों और उत्पीड़कों को गिरफ्तार करना है.

ips swati lakra
author img

By

Published : Jul 18, 2019, 9:41 PM IST

हैदराबाद: SHE मुहिम की शुरुआत 24 अक्टूबर 2014 को हुई थी. इस कैंपेन का मकसद सभी पहलुओं पर, सभी रूपों में, सभी स्थानों पर, हर तरह से, समाज में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है. इस मुहिम की मदद से आज महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ है. महिलाओं के लिये हैदराबाद को सुरक्षित शहर बनाने की कोशिश आज काफी हद तक सफल रही है.

ips swati lakra
SHE टीम तेलंगाना पुलिस की एक विंग है.

SHE टीम तेलंगाना पुलिस की एक विंग है, जो पांच लोगों के छोटे-छोटे समूहों में काम करती है. ये टीम मुख्य रूप से हैदराबाद के व्यस्त सार्वजनिक क्षेत्रों में एक्टिव रहती है. इनका काम ईव टीज़िंग, स्टॉकरों और उत्पीड़कों को गिरफ्तार करना है. 2014 से अबतक ये टीम 10 हजार के ज्यादा केसों का निपटारा कर चुकी है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में आईजी लॉ एंड ऑर्डर स्वाति लकड़ा ने कई अहम जानकारियों भी साझा की हैं. उन्होंने बताया कि SHE टीम के पास जो भी केस आता है, उसकी पहले अच्छी तरह जांच होती है. कई दफा ऐसा भी देखा गया है कि लोग व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के मकसद से किसी की शिकायत करते हैं. लेकिन बिना जांच पड़ताल के केस को आगे नहीं बढ़ाया जाता.

आईपीएस अधिकारी स्वाति लकड़ा से खास बातचीत.

क्या है 'भरोसा'?
इसके साथ ही हैदराबाद पुलिस ने 2016 में यौन हिंसा की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए एक-स्टॉप सपोर्ट सेंटर 'भरो सा' भी लॉन्च किया. स्वाति लकड़ा ने जहां हैदराबाद में SHE टीमों को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वहीं BHAROSA केंद्र के जरिये बच्चों को यौन अपराधों से बचाने और बाल शोषण के मामलों को भी बढ़-चढ़कर उठाया है. ऐसे केस जब भी आते हैं तो कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं, जैसे- कोर्ट में जाना पड़ता है, पीड़ित का स्टेटमेंट रिकॉर्ड करना होता है, पीड़ित को अस्पताल ले जाना होता है. तो ऐसी स्थिति में पीड़ित की मानसिक अवस्था का भी ध्यान रखना होता है. ऐसी चीजें कम करने के लिये भरोसा सेंटर बनाया गया है.

BHAROSA केंद्र में एक पूरी टीम काम करती है. यहां मनोचिकित्सक पीड़ितों की मानसिक स्थिति के मुताबिक उन्हें मदद करते हैं. यहां एक क्लीनिक भी है, जहां डॉक्टर खुद आते हैं, जिससे पीड़ित को अलग से अस्पताल नहीं जाना पड़ता. इस टीम में लीगल एडवाइजर भी होते हैं.

ips swati lakra
BHAROSA केंद्र के जरिये बच्चों को यौन अपराधों से बचाने की कोशिश.

इसके साथ ही दिसंबर 2017 में POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) एक्ट के तहत दर्ज मामलों के तेजी से निपटारे के लिए एक नया चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट जोड़ा गया. इस कोर्ट में मजिस्ट्रेट खुद यहां आती हैं और स्टेटमेंट रिकॉर्ड करती हैं. इस दौरान महिला पुलिसकर्मी भी वहां बैठती हैं और पीड़ित को पुलिस स्टेशन भी नहीं जाना पड़ता.

कैसे काम करता है चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट?
BHAROSA केंद्र के ही बगल में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट बनाया गया है. ये कोर्ट दूसरे कोर्ट से अलग है. दरअसल, जो दूसरे राज्यों में चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट हैं और मुख्य कोर्ट के परिसर में ही होते हैं लेकिन तेलंगाना में एक कोर्ट मुख्य कोर्ट के बाहर है. इस कोर्ट की खासियत है कि यहां ये पूरा ध्यान रखा जाता है कि पीड़ित को आरोपी के सामने न लाया जाए. इसके लिये एक वन-वे मिरर भी है. अगर बच्चा कोर्ट में बैठा है तो आरोपी वन-वे मिरर के बाहर बैठेगा.

ips swati lakra
इस मुहिम की मदद से आज महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ है.

इसके साथ ही अगर बच्चे को कोर्ट में आने में भी हिचकिचाहट हो रही है तो बच्चा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जज से जुड़ सकता है.

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काम कर रहे SHE कैंपेन के बारे में जानकारी देने के साथ ही IPS स्वाति लकड़ा ने देश की सभी महिलाओं से अपील की है कि वो अपने हक को समझें, सशक्त बनें और अपने खिलाफ हो रहे किसी भी तरह के अपराध के खिलाफ आलाज उठाएं.

हैदराबाद: SHE मुहिम की शुरुआत 24 अक्टूबर 2014 को हुई थी. इस कैंपेन का मकसद सभी पहलुओं पर, सभी रूपों में, सभी स्थानों पर, हर तरह से, समाज में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है. इस मुहिम की मदद से आज महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ है. महिलाओं के लिये हैदराबाद को सुरक्षित शहर बनाने की कोशिश आज काफी हद तक सफल रही है.

ips swati lakra
SHE टीम तेलंगाना पुलिस की एक विंग है.

SHE टीम तेलंगाना पुलिस की एक विंग है, जो पांच लोगों के छोटे-छोटे समूहों में काम करती है. ये टीम मुख्य रूप से हैदराबाद के व्यस्त सार्वजनिक क्षेत्रों में एक्टिव रहती है. इनका काम ईव टीज़िंग, स्टॉकरों और उत्पीड़कों को गिरफ्तार करना है. 2014 से अबतक ये टीम 10 हजार के ज्यादा केसों का निपटारा कर चुकी है.

ईटीवी भारत से खास बातचीत में आईजी लॉ एंड ऑर्डर स्वाति लकड़ा ने कई अहम जानकारियों भी साझा की हैं. उन्होंने बताया कि SHE टीम के पास जो भी केस आता है, उसकी पहले अच्छी तरह जांच होती है. कई दफा ऐसा भी देखा गया है कि लोग व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के मकसद से किसी की शिकायत करते हैं. लेकिन बिना जांच पड़ताल के केस को आगे नहीं बढ़ाया जाता.

आईपीएस अधिकारी स्वाति लकड़ा से खास बातचीत.

क्या है 'भरोसा'?
इसके साथ ही हैदराबाद पुलिस ने 2016 में यौन हिंसा की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए एक-स्टॉप सपोर्ट सेंटर 'भरो सा' भी लॉन्च किया. स्वाति लकड़ा ने जहां हैदराबाद में SHE टीमों को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. वहीं BHAROSA केंद्र के जरिये बच्चों को यौन अपराधों से बचाने और बाल शोषण के मामलों को भी बढ़-चढ़कर उठाया है. ऐसे केस जब भी आते हैं तो कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं, जैसे- कोर्ट में जाना पड़ता है, पीड़ित का स्टेटमेंट रिकॉर्ड करना होता है, पीड़ित को अस्पताल ले जाना होता है. तो ऐसी स्थिति में पीड़ित की मानसिक अवस्था का भी ध्यान रखना होता है. ऐसी चीजें कम करने के लिये भरोसा सेंटर बनाया गया है.

BHAROSA केंद्र में एक पूरी टीम काम करती है. यहां मनोचिकित्सक पीड़ितों की मानसिक स्थिति के मुताबिक उन्हें मदद करते हैं. यहां एक क्लीनिक भी है, जहां डॉक्टर खुद आते हैं, जिससे पीड़ित को अलग से अस्पताल नहीं जाना पड़ता. इस टीम में लीगल एडवाइजर भी होते हैं.

ips swati lakra
BHAROSA केंद्र के जरिये बच्चों को यौन अपराधों से बचाने की कोशिश.

इसके साथ ही दिसंबर 2017 में POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) एक्ट के तहत दर्ज मामलों के तेजी से निपटारे के लिए एक नया चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट जोड़ा गया. इस कोर्ट में मजिस्ट्रेट खुद यहां आती हैं और स्टेटमेंट रिकॉर्ड करती हैं. इस दौरान महिला पुलिसकर्मी भी वहां बैठती हैं और पीड़ित को पुलिस स्टेशन भी नहीं जाना पड़ता.

कैसे काम करता है चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट?
BHAROSA केंद्र के ही बगल में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट बनाया गया है. ये कोर्ट दूसरे कोर्ट से अलग है. दरअसल, जो दूसरे राज्यों में चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट हैं और मुख्य कोर्ट के परिसर में ही होते हैं लेकिन तेलंगाना में एक कोर्ट मुख्य कोर्ट के बाहर है. इस कोर्ट की खासियत है कि यहां ये पूरा ध्यान रखा जाता है कि पीड़ित को आरोपी के सामने न लाया जाए. इसके लिये एक वन-वे मिरर भी है. अगर बच्चा कोर्ट में बैठा है तो आरोपी वन-वे मिरर के बाहर बैठेगा.

ips swati lakra
इस मुहिम की मदद से आज महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ है.

इसके साथ ही अगर बच्चे को कोर्ट में आने में भी हिचकिचाहट हो रही है तो बच्चा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जज से जुड़ सकता है.

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काम कर रहे SHE कैंपेन के बारे में जानकारी देने के साथ ही IPS स्वाति लकड़ा ने देश की सभी महिलाओं से अपील की है कि वो अपने हक को समझें, सशक्त बनें और अपने खिलाफ हो रहे किसी भी तरह के अपराध के खिलाफ आलाज उठाएं.

Intro:Body:

देश की महिलाओं को जरुरत है इस SHE टीम की, जानिए हैदराबाद में किस तरह से महफूज हैं महिलाएं 



हैदराबाद: SHE मुहिम की शुरुआत 24 अक्टूबर 2014 को हुई थी. इस कैंपेन का मकसद सभी पहलुओं पर, सभी रूपों में, सभी स्थानों पर, हर तरह से, समाज में महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना है. इस मुहिम की मदद से आज महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा हुआ है. महिलाओं के लिये हैदराबाद को सुरक्षित शहर बनाने की कोशिश आज काफी हद तक सफल रही है.



SHE टीम तेलंगाना पुलिस की एक विंग है, जो पांच लोगों के छोटे-छोटे समूहों में काम करती है. ये टीम मुख्य रूप से हैदराबाद के व्यस्त सार्वजनिक क्षेत्रों में एक्टिव रहती है. इनका काम ईव टीज़िंग, स्टॉकरों और उत्पीड़कों को गिरफ्तार करना है. 2014 से अबतक ये टीम 10 हजार के ज्यादा केसों का निपटारा कर चुकी है.



ईटीवी भारत से खास बातचीत में आईजी लॉ एंड ऑर्डर स्वाति लकड़ा ने कई अहम जानकारियों भी साझा की हैं. उन्होंने बताया कि SHE टीम के पास जो भी केस आता है, उसकी पहले अच्छी तरह जांच होती है. कई दफा ऐसा भी देखा गया है कि लोग व्यक्तिगत दुश्मनी निकालने के मकसद से किसी की शिकायत करते हैं. लेकिन बिना जांच पड़ताल के केस को आगे नहीं बढ़ाया जाता.



क्या है 'भरोसा'?

इसके साथ ही हैदराबाद पुलिस ने 2016 में यौन हिंसा की शिकार महिलाओं और बच्चों के लिए एक-स्टॉप सपोर्ट सेंटर 'भरो सा' भी लॉन्च किया. स्वाति लकड़ा ने जहां हैदराबाद में SHE टीमों को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई वहीं BHAROSA केंद्र के जरिये बच्चों को यौन अपराधों से बचाने और बाल शोषण के मामलों को भी बढ़-चढ़कर उठाया है. ऐसे केस जब भी आते हैं तो कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं, जैसे- कोर्ट में जाना पड़ता है, पीड़ित का स्टेटमेंट रिकॉर्ड करना होता है, पीड़ित को अस्पताल ले जाना होता है. तो ऐसी स्थिति में पीड़ित की मानसिक अवस्था का भी ध्यान रखना होता है. ऐसी चीजें कम करने के लिये भरोसा सेंटर बनाया गया है. 



BHAROSA केंद्र में एक पूरी टीम काम करती है. यहां मनोचिकित्सक पीड़ितों की मानसिक स्थिति के मुताबिक उन्हें मदद करते हैं. यहां एक क्लीनिक भी है, जहां डॉक्टर खुद आते हैं, जिससे पीड़ित को अलग से अस्पताल नहीं जाना पड़ता. इस टीम में लीगल एडवाइजर भी होते हैं. 



इसके साथ ही दिसंबर 2017 में POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) एक्ट के तहत दर्ज मामलों के तेजी से निपटारे के लिए एक नया चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट जोड़ा गया. इस कोर्ट में मजिस्ट्रेट खुद यहां आती हैं और स्टेटमेंट रिकॉर्ड करती हैं. इस दौरान महिला पुलिसकर्मी भी वहां बैठती हैं और पीड़ित को पुलिस स्टेशन भी नहीं जाना पड़ता. 



कैसे काम करता है चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट?

BHAROSA केंद्र के ही बगल में वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर का चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट बनाया गया है. ये कोर्ट दूसरे कोर्ट से अलग है. दरअसल, जो दूसरे राज्यों में चाइल्ड-फ्रेंडली कोर्ट हैं और मुख्य कोर्ट के परिसर में ही होते हैं लेकिन तेलंगाना में एक कोर्ट मुख्य कोर्ट के बाहर है. इस कोर्ट की खासियत है कि यहां ये पूरा ध्यान रखा जाता है कि पीड़ित को आरोपी के सामने न लाया जाए. इसके लिये एक वन-वे मिरर भी है. अगर बच्चा कोर्ट में बैठा है तो आरोपी वन-वे मिरर के बाहर बैठेगा.



इसके साथ ही अगर बच्चे को कोर्ट में आने में भी हिचकिचाहट हो रही है तो बच्चा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये जज से जुड़ सकता है.



महिलाओं की सुरक्षा को लेकर काम कर रहे SHE कैंपेन के बारे में जानकारी देने के साथ ही IPS स्वाति लकड़ा ने देश की सभी महिलाओं से अपील की है कि वो अपने हक को समझें, सशक्त बनें और अपने खिलाफ हो रहे किसी भी तरह के अपराध के खिलाफ आलाज उठाएं. 





 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.