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अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवसः नशे की लत से दूरी बनाने को निकाली रैली, लोगों को किया जागरूक

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Published : Jun 27, 2019, 12:03 AM IST

नशे के बढ़ रहे चलन से युवा पीढ़ी जिस तरीके से नशे की गिरफ्त में आ रही है और नशे की आदी होकर युवा पीढ़ी घर को बर्बाद कर रही है, जो आने वाले समय में समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन जाएगी. इसी विषय को आधार बनाकर लोगों को जागरुक किया.

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस.

कोटद्वार/मसूरी/डोइवाला: अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर पूरे प्रदेश भर में लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया गया. वहीं, मसूरी में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवानों द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. साथ ही लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहने की हिदायत दी. इसके साथ ही डोइवाला प्रशिक्षु सीओ पल्लवी त्यागी ने नशे के खिलाफ लोगों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताया.

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस.

कोटद्वार
झंडी प्राथमिक विद्यालय झंडीचौड़ में एक जागरूकता कार्यक्रम चला कर नशे से मुक्त होने की बात कही गई. इस नशा जागरुकता कार्यक्रम में सिविल जज जूनियर डिवीजन कोटद्वार विवेक राना, सरिता रानी, शरद चंद गुप्ता, जगमोहन भारद्वाज जैसे कई लोगों ने स्थानीय जनता को जागरूक किया.

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता शरद चंद गुप्ता ने बताया कि 26 जून विश्व नशा मुक्ति दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय लेवल पर मनाया जाता है. नशे से बचने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चलाना बहुत जरूरी है. जब तक युवा समाज को नशे के प्रतिकूल प्रभाव का पता नहीं होगा, तब तक नशे को रोकना बहुत मुश्किल बात होगी.

ये भी पढ़ें:आज देशभर में डॉक्टरों की हड़ताल, ममता मेडिकल कॉलेज के प्रतिनिधियों से करेंगी मुलाकात

मसूरी
भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवानों द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. इस रैली का नेतृत्व सेनानी प्रशासन परमिंदर सिंह और सेनानी प्रशिक्षण बेनुधर नायक ने किया.

आईटीबीपी के अधिकारियों और जवानों द्वारा मसूरी गांधी चौक से होते हुए बड़ौनी चौक तक रैली निकाली गई.

आइटीबीपी के अधिकारी संदीप ने बताया कि किसी भी प्रकार का नशा मनुष्य के सामाजिक, आर्थिक को नुकसान पहुंचाता है. इसका परिणाम असाध्य बीमारी के रूप में सामने आता है. वर्तमान समय में समाज को नशा मुक्त बनाने की आवश्यकता है, जिसके लिए हर एक व्यक्ति को जागरूक कर नशा मुक्त समाज की स्थापना की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें:महाराष्ट्र के खूंखार रावण गैंग के तीन शार्प शूटर देहरादून से गिरफ्तार, बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे

डोइवाला
26 जून अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के मौके पर डोइवाला कोतवाली में तैनात प्रशिक्षु सीओ पल्लवी त्यागी ने ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को नशे के प्रति जागरूक किया. साथ ही इससे होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया.

नशे के बढ़ रहे चलन से युवा पीढ़ी जिस तरीके से नशे की गिरफ्त में आ रही है और नशे की आदी होकर युवा पीढ़ी घर को बर्बाद कर रही है, जो आने वाले समय में समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन जाएगी.

प्रशिक्षु सीओ पल्लवी त्यागी ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश और समाज में नशे का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. नशे के सौदागर मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में स्कूल के छात्रों और युवाओं को नशे का आदी बनाकर अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं. युवा पीढ़ी भी नशे की गिरफ्त में आकर पैसों की बर्बादी के साथ अपने घर परिवार को भी हानि पहुंचा रहे हैं.

कोटद्वार/मसूरी/डोइवाला: अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस पर पूरे प्रदेश भर में लोगों को नशे के खिलाफ जागरूक किया गया. वहीं, मसूरी में भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवानों द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. साथ ही लोगों को नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहने की हिदायत दी. इसके साथ ही डोइवाला प्रशिक्षु सीओ पल्लवी त्यागी ने नशे के खिलाफ लोगों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में बताया.

अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस.

कोटद्वार
झंडी प्राथमिक विद्यालय झंडीचौड़ में एक जागरूकता कार्यक्रम चला कर नशे से मुक्त होने की बात कही गई. इस नशा जागरुकता कार्यक्रम में सिविल जज जूनियर डिवीजन कोटद्वार विवेक राना, सरिता रानी, शरद चंद गुप्ता, जगमोहन भारद्वाज जैसे कई लोगों ने स्थानीय जनता को जागरूक किया.

कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता शरद चंद गुप्ता ने बताया कि 26 जून विश्व नशा मुक्ति दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय लेवल पर मनाया जाता है. नशे से बचने के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम चलाना बहुत जरूरी है. जब तक युवा समाज को नशे के प्रतिकूल प्रभाव का पता नहीं होगा, तब तक नशे को रोकना बहुत मुश्किल बात होगी.

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मसूरी
भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल के जवानों द्वारा जागरूकता रैली का आयोजन किया गया. इस रैली का नेतृत्व सेनानी प्रशासन परमिंदर सिंह और सेनानी प्रशिक्षण बेनुधर नायक ने किया.

आईटीबीपी के अधिकारियों और जवानों द्वारा मसूरी गांधी चौक से होते हुए बड़ौनी चौक तक रैली निकाली गई.

आइटीबीपी के अधिकारी संदीप ने बताया कि किसी भी प्रकार का नशा मनुष्य के सामाजिक, आर्थिक को नुकसान पहुंचाता है. इसका परिणाम असाध्य बीमारी के रूप में सामने आता है. वर्तमान समय में समाज को नशा मुक्त बनाने की आवश्यकता है, जिसके लिए हर एक व्यक्ति को जागरूक कर नशा मुक्त समाज की स्थापना की जानी चाहिए.

ये भी पढ़ें:महाराष्ट्र के खूंखार रावण गैंग के तीन शार्प शूटर देहरादून से गिरफ्तार, बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे

डोइवाला
26 जून अंतरराष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस के मौके पर डोइवाला कोतवाली में तैनात प्रशिक्षु सीओ पल्लवी त्यागी ने ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को नशे के प्रति जागरूक किया. साथ ही इससे होने वाले दुष्प्रभाव के बारे में बताया.

नशे के बढ़ रहे चलन से युवा पीढ़ी जिस तरीके से नशे की गिरफ्त में आ रही है और नशे की आदी होकर युवा पीढ़ी घर को बर्बाद कर रही है, जो आने वाले समय में समाज के लिए गंभीर चिंता का विषय बन जाएगी.

प्रशिक्षु सीओ पल्लवी त्यागी ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश और समाज में नशे का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है. नशे के सौदागर मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में स्कूल के छात्रों और युवाओं को नशे का आदी बनाकर अपनी गिरफ्त में ले रहे हैं. युवा पीढ़ी भी नशे की गिरफ्त में आकर पैसों की बर्बादी के साथ अपने घर परिवार को भी हानि पहुंचा रहे हैं.

Intro:summary अंतरराष्ट्रीय मादक द्रव्य नशा मुक्ति दिवस पर प्राथमिक विद्यालय झंडिचौड़ में जन जागरूकता कार्यक्रम किया गया, नशे की लत वाले युवाओं को किसी भी नशा मुक्ति के लिए किसी काउंसलर की सलाह लेना युवा वर्ग के लिए सबसे सही उपाय है।


intro अंतर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस नशा एक ऐसी बीमारी है जो कि युवा पीढ़ी को लगातार अपनी चपेट में लेकर उसे कई तरह से बीमार कर रही है जैसे शराब सिगरेट तंबाकू ड्रक्स जैसे जहरीले पदार्थों का सेवन कर युवा वर्ग एक बड़ा हिस्सा नशे का शिकार होता जा रहा है इसी को लेकर झंडी प्राथमिक विद्यालय झंडिचौड़ में एक जागरूकता कार्यक्रम चलाया गया जिसमें विवेक राना सिविल जज जूनियर डिवीजन कोटद्वार , सरिता रानी शरद चंद गुप्ता, जगमोहन भारद्वाज जैसे कई लोगों ने स्थानीय जनता को जागरूक करने का कार्य किया और नशे से दूर रहने की बात कही


Body:वीओ1- बता दे कि नशा करने के लिए सिर्फ मादक पदार्थों की जरूरत नहीं होती बल्कि व्हाइटनर, नेल पॉलिश, पेट्रोल, विक्स झंडू बाम, का सेवन करने से भी नशा किया जाता है, जो बेहद खतरनाक होता है नशे की लत से इंसान को उस स्तर पर लाकर खड़ा कर देता है कि वह व्यक्ति मादक पदार्थों के सेवन के लिए किसी भी हद तक गुजर जाता है और वह नशे के लिए जुर्म भी करता है, समाज में महिलाएं भी नशे की लत से पीछे नहीं है महिलाओं द्वारा भी मादक पदार्थ का बहुत अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में तनाव,प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन में परेशानियां व तलाक आदि के कारण महिलाएं भी नशे की लत में डूबती जा रही है

वीओ2- वर्तमान में सबसे ज्यादा नशा युवा पीढ़ी कर रही है युवा जिसके हाथ में देश का भविष्य है वही नशे में बर्बाद होता जा रहा है युवाओं में नशा करने की वजह उनकी बढ़ती उम्र के शौक होते हैं कुछ युवा परिवार की विपरीत परिस्थितियों के कारण भी नशा करने पर मजबूर हो जाते हैं तो कुछ लोग मानसिक तनाव से ग्रसित होकर नशा करते या उनके माता-पिता उन्हें समय नहीं दे पाते कुछ ऐसे कारणों से भी युवा वर्ग नशे की चपेट में आ जाता है

नशे से होने वाली हानियां


नशा करने वाला व्यक्ति हमेशा चिढ़ा और मानसिक तनाव से ग्रस्त होता है

नशा करने वाला व्यक्ति सदैव अपने ख्यालों में ही रहता है उसे अपने आसपास के माहौल से ज्यादा मतलब नहीं रहता

नशा करने वाला व्यक्ति आर्थिक मानसिक एवं शारीरिक सभी से कमजोर होता है

नशे करने वाला व्यक्ति अपने समाज एवं परिवार से बिल्कुल दूर हो जाता है

नशे करने वाला व्यक्ति सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं का शिकार होता ह


विवेक राणा सिविल जज जूनियर डिवीजन कोटद्वार ने कहा कि नशा शराब से ही नहीं किया जाता, बल्कि नशे के कई और सामान भी बाजार में बिकता है जैसे झंडू बाम, कोरेक्स, विक्स, फ़्यूलुड आदि से भी आजकल के युवा नशा करते हैं उन्होंने कहा कि बच्चों के पेरेंट्स को अपने बच्चों पर ध्यान देना चाहिए कि बच्चे इस तरह से किसी नशे वाले सामान का प्रयोग तो नहीं कर रहे हैं,

विओ3- वही कार्यक्रम में पहुंचे वरिष्ठ अधिवक्ता शरद चंद गुप्ता ने कहा कि 26 जून विश्व नशा मुक्ति दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय लेवल पर मनाया जाता है नशे को हटाने के लिए जहां तक सवाल है उसके लिए जन जागरूकता कार्यक्रम करना बहुत जरूरी है जब तक युवाओं को और समाज को नशे के प्रतिकूल प्रभाव शरीर पर भविष्य पर क्या पड़ता है उसकी जानकारी समाज और युवाओं के लोगों के सामने नहीं रखी जाएगी तब तक नशे को दूर को रोकना बहुत मुश्किल बात होगी।

बाइट शरद चंद गुप्ता अधिवक्ता


Conclusion:
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