देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को 377 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अंग बन गए. इसमें से 306 युवा सैन्य अफसर भारतीय सेना का हिस्सा बने हैं. साथ ही मित्र देशों के 71 कैडेट भी पास आउट होकर अपने-अपने देशों की फौज का हिस्सा बने. सभी युवा अधिकारियों के मेहनत की तारीफ कर रहे हैं. लेकिन आज हम उनके बारे में बताने जाने जा रहे हैं, जिन्होंने 377 जेंटलमैन कैडेट को इस काबिल बनाया की वे सेना में अधिकारी बन सकें.
ईटीवी भारत ने आईएमए में जेंटलमैन कैडेट को सैन्य अधिकारी बनाने वाले ट्रेनर से बात की. आखिर कैसे वे एक युवा को सेना के लायक बनाते हैं. ताकि वे आगे जाकर देश की आन, बान और शान बन सकें. आईएमए में ट्रेनिंग के लिए आने वाले जेंटलमैन कैडेट को कई अलग-अलग तरीके से फिजिकली और मेंटली मजबूत किया जाता है. इसके लिए हर तरह के इंस्ट्रक्टर मौजूद हैं जो इन्हें फिजिकली और मेंटली प्रिपेयर करते हैं.
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ट्रेनिंग के दौरान जेंटलमैन कैडेट को हर वो तरीका सिखाया जाता है, जिसकी जरूरत उन्हें लड़ाई के दौरान पड़ती है. इसके साथ ही इंस्ट्रक्टरों ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान जेंटलमैन कैडेट को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि कुछ कैडेट फिजिकली वीक होते हैं. ऐसे में उन्हें उसी अनुसार तैयार किया जाता है. ताकि वह सही तरीके से ट्रेनिंग ले सकें.
इंस्ट्रक्टर ने बताया कि जब भी कोई जेंटलमैन कैडेट आईएमए में आता है तो वो पूरी तरह सिविलियन होता है. वो फौज के तौर-तरीकों से अंजान होता है. ऐसे में सबसे पहले है उसे फौज की बेसिक जानकारी दी जाती है. अगर कोई कैडेट किसी काम या ट्रेनिंग में असमर्थ होता है तो सबसे पहले उसे उस चीज के लिए स्ट्रांग बनाया जाता.