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ये हैं IMA के 'उस्ताद', इनकी मेहनत से 'आम' बनते हैं सेना में 'खास'

ईटीवी भारत ने आईएमए में जेंटलमैन कैडेट को सैन्य अधिकारी बनाने वाले ट्रेनर से बात की. आखिर कैसे वे एक युवा को सेना के लायक बनाते हैं, ताकि वे आगे जाकर देश की आन, बान और शान बन सकें.

IMA
IMA के 'उस्ताद
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Published : Dec 7, 2019, 7:07 PM IST

Updated : Dec 7, 2019, 7:52 PM IST

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को 377 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अंग बन गए. इसमें से 306 युवा सैन्य अफसर भारतीय सेना का हिस्सा बने हैं. साथ ही मित्र देशों के 71 कैडेट भी पास आउट होकर अपने-अपने देशों की फौज का हिस्सा बने. सभी युवा अधिकारियों के मेहनत की तारीफ कर रहे हैं. लेकिन आज हम उनके बारे में बताने जाने जा रहे हैं, जिन्होंने 377 जेंटलमैन कैडेट को इस काबिल बनाया की वे सेना में अधिकारी बन सकें.

ईटीवी भारत ने आईएमए में जेंटलमैन कैडेट को सैन्य अधिकारी बनाने वाले ट्रेनर से बात की. आखिर कैसे वे एक युवा को सेना के लायक बनाते हैं. ताकि वे आगे जाकर देश की आन, बान और शान बन सकें. आईएमए में ट्रेनिंग के लिए आने वाले जेंटलमैन कैडेट को कई अलग-अलग तरीके से फिजिकली और मेंटली मजबूत किया जाता है. इसके लिए हर तरह के इंस्ट्रक्टर मौजूद हैं जो इन्हें फिजिकली और मेंटली प्रिपेयर करते हैं.

ये हैं IMA के 'उस्ताद

पढ़ें- IMA परेड: भारतीय सेना में शामिल हुए 306 युवा सैन्य अधिकारी, उत्तराखंड के 19 कैडेट शामिल

ट्रेनिंग के दौरान जेंटलमैन कैडेट को हर वो तरीका सिखाया जाता है, जिसकी जरूरत उन्हें लड़ाई के दौरान पड़ती है. इसके साथ ही इंस्ट्रक्टरों ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान जेंटलमैन कैडेट को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि कुछ कैडेट फिजिकली वीक होते हैं. ऐसे में उन्हें उसी अनुसार तैयार किया जाता है. ताकि वह सही तरीके से ट्रेनिंग ले सकें.

इंस्ट्रक्टर ने बताया कि जब भी कोई जेंटलमैन कैडेट आईएमए में आता है तो वो पूरी तरह सिविलियन होता है. वो फौज के तौर-तरीकों से अंजान होता है. ऐसे में सबसे पहले है उसे फौज की बेसिक जानकारी दी जाती है. अगर कोई कैडेट किसी काम या ट्रेनिंग में असमर्थ होता है तो सबसे पहले उसे उस चीज के लिए स्ट्रांग बनाया जाता.

देहरादून: भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से शनिवार को 377 जेंटलमैन कैडेट बतौर लेफ्टिनेंट देश-विदेश की सेना का अंग बन गए. इसमें से 306 युवा सैन्य अफसर भारतीय सेना का हिस्सा बने हैं. साथ ही मित्र देशों के 71 कैडेट भी पास आउट होकर अपने-अपने देशों की फौज का हिस्सा बने. सभी युवा अधिकारियों के मेहनत की तारीफ कर रहे हैं. लेकिन आज हम उनके बारे में बताने जाने जा रहे हैं, जिन्होंने 377 जेंटलमैन कैडेट को इस काबिल बनाया की वे सेना में अधिकारी बन सकें.

ईटीवी भारत ने आईएमए में जेंटलमैन कैडेट को सैन्य अधिकारी बनाने वाले ट्रेनर से बात की. आखिर कैसे वे एक युवा को सेना के लायक बनाते हैं. ताकि वे आगे जाकर देश की आन, बान और शान बन सकें. आईएमए में ट्रेनिंग के लिए आने वाले जेंटलमैन कैडेट को कई अलग-अलग तरीके से फिजिकली और मेंटली मजबूत किया जाता है. इसके लिए हर तरह के इंस्ट्रक्टर मौजूद हैं जो इन्हें फिजिकली और मेंटली प्रिपेयर करते हैं.

ये हैं IMA के 'उस्ताद

पढ़ें- IMA परेड: भारतीय सेना में शामिल हुए 306 युवा सैन्य अधिकारी, उत्तराखंड के 19 कैडेट शामिल

ट्रेनिंग के दौरान जेंटलमैन कैडेट को हर वो तरीका सिखाया जाता है, जिसकी जरूरत उन्हें लड़ाई के दौरान पड़ती है. इसके साथ ही इंस्ट्रक्टरों ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान जेंटलमैन कैडेट को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. क्योंकि कुछ कैडेट फिजिकली वीक होते हैं. ऐसे में उन्हें उसी अनुसार तैयार किया जाता है. ताकि वह सही तरीके से ट्रेनिंग ले सकें.

इंस्ट्रक्टर ने बताया कि जब भी कोई जेंटलमैन कैडेट आईएमए में आता है तो वो पूरी तरह सिविलियन होता है. वो फौज के तौर-तरीकों से अंजान होता है. ऐसे में सबसे पहले है उसे फौज की बेसिक जानकारी दी जाती है. अगर कोई कैडेट किसी काम या ट्रेनिंग में असमर्थ होता है तो सबसे पहले उसे उस चीज के लिए स्ट्रांग बनाया जाता.

Intro:Ready to air आईएमए में हुए पासिंग आउट परेड के बाद 306 युवा  सैन्य अफसर भारतीय सेना में शामिल हो गए हैं। यही नहीं 71 युवा अफसर ऐसे भी हैं जो मित्र देशों के हैं  जो अपनी सेना में शामिल होंगे। लेकिन उन लोगों को बहुत कम ही लोग जानते होंगे जो इन अफसरों को कड़ी ट्रेनिंग देकर इस काबिल बनाते हैं। ताकि यह अफसर बनकर देश की रक्षा कर सकें। 


Body:वही इन अफसरों को शुरुआती दिनों में ट्रेंड करने वाले कुछ ने बताया कि जब यह आईएमए में आते हैं तो सबसे पहले इनको फिजिकली और मेंटली मजबूत किया जाता है। और इसके लिए हर तरह के इंस्ट्रक्टर मौजूद है जो इन्हें फिजिकली और मेंटली प्रिपेयर करते हैं। और मोटिवेट करते हैं। इसके बाद ट्रेनिंग पीरियड में इन्हें हर उस सुविधा और हर वह तरीके सिखाए जाते हैं, जिसकी जरूरत लड़ाई के दौरान बॉर्डर पर पड़ती है। साथ ही इंस्ट्रक्टर ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान तमाम दिक्कतें होती है क्योंकि जब वह आईएमए में अफसर बनने आते हैं उसमें से कई लोग फिजिकली वीक होते हैं। ऐसे में उन्हें उसी अनुसार तैयार किया जाता है। और मेंटली मजबूत किया जाता है ताकि वह सही तरीके से ट्रेनिंग ले सकें।  वही इंस्ट्रक्टर ने बताया कि जब सिविलियन यहां आता है तो उसे सबसे पहले सिविलियन इंस्ट्रक्टर उसे फौज के बारे में बेसिक चीजें बताता है और अगर कैडेट कोई काम या ट्रेनिंग के किसी काम को करने में असमर्थ है, तो सबसे पहले उसे उस चीज के लिए स्ट्रांग बनाया जाता है। साथ ही बताया कि जो गिरकर के उठे वही आगे बढ़ता है। 


Conclusion:
Last Updated : Dec 7, 2019, 7:52 PM IST
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