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नामांकन वापसी के आखिरी दिन कई प्रत्याशियों ने लिए नाम वापस, लालकुआं में नहीं माने बागी

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Published : Jan 31, 2022, 6:17 PM IST

Updated : Jan 31, 2022, 7:15 PM IST

उत्तराखंड में नामांकन वापसी की आखिरी दिन आज कई प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया है. जिसके बाद पार्टी से सिंबल पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों ने राहत की सांस ली है. क्यों कि निर्दलीय प्रत्याशी किसी का भी चुनावी गणित खराब कर सकते थे.

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देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बागी प्रत्याशियों ने बढ़ा रखी थी और नाम वापसी की अंतिम तारीख पर कई बागियों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं. इसमें कई प्रत्याशी ऐसे थे जो हर जनता पार्टी और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत करते हुए मैदान में उतरे थे. जबकि कुछ प्रत्याशी किसी पार्टी से ताल्लुक नहीं रखते थे, लेकिन फिर भी वह निर्दलीय तौर पर ताल ठोक रहे थे.

गौरतलब है कि भाजपा और कांग्रेस ने बागियों को अल्टीमेटम दिया था कि अगर उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला वापस नहीं लिया तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. वहीं बागियों को मनाने के लिए कई नेताओं को कमान सौंपी गई थी. उत्तराखंड में आज का दिन चुनाव के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण था. दरअसल, आज नामांकन वापसी का आखिरी दिन था और कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी भी अपनी पार्टी के बागियों को मनाने की जद्दोजहद में जुटे हुए थे.

पढ़ें-Uttarakhand Election 2022: इस विधानसभा सीट पर पिछले 21 सालों से महिलाओं का वर्चस्व, पुरुषों का नहीं खुल सका खाता

इस कड़ी में कई ऐसे सारे चेहरे थे जिन्होंने आखिरकार पार्टी की बात मानते हुए नामांकन वापस ले लिया है. मुख्य तौर पर देखें तो इसमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवान ने ऋषिकेश विधानसभा सीट से पार्टी की बात मानते हुए अपना नाम वापस ले लिया है. इसी तरह डोईवाला विधानसभा सीट पर भी भाजपा से नाराज होकर निर्दलीय नामांकन भरने वाले सौरव थपलियाल ने भी नाम वापस ले लिया है. इसके अलावा देहरादून जिले में आम आदमी पार्टी से ताल्लुक रखने वाले पीटर प्रसाद ने आज मसूरी विधानसभा सीट से नाम वापस ले लिया.

पढ़ें-रूठने पर जो मनाते थे अब उन्हीं के खिलाफ प्रचार करेंगे हरक सिंह, श्रीनगर में गणेश गोदियाल के लिए मांगेंगे वोट

कैट विधानसभा सीट पर आशा आनंद ने नाम वापस लिया है. इसके अलावा कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले चरणजीत कौशल ने भी नाम वापस ले लिया है.राजपुर विधानसभा सीट में तारा देवी संजय और विशाल ने नामांकन वापस ले लिया. इसके अलावा जितेंद्र पंत और अब्दुल हमीद ने भी नाम वापस लिया है, उधर कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले सूरत सिंह नेगी ने इसी सीट पर नाम वापस ले लिया है.

रुद्रप्रयाग में कंडारी ने बढ़ाई मुश्किलें: रुद्रप्रयाग विधानसभा से पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने आखिरी दिन अपना नामांकन वापस नहीं लिया. वहीं टिकट ना दिये जाने से कांग्रेस प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा, युवा नेता अंकुर रौथाण, ठाकुर गजेन्द्र पंवार सहित अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने बगावत करके कंडारी को मैदान में खड़ा किया है. नामांकन के बाद से निर्दलीय प्रत्याशी मातबर सिंह कंडारी विधानसभा क्षेत्र में प्रचार अभियान चलाये हुए हैं, जिससे कांग्रेस प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

कांग्रेस नेताओं को उम्मीद थी कि नामांकन वापसी के आखिरी दिन कंडारी दल-बल के साथ पार्टी में लौट आयेंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में खड़े हुए कंडारी का जनता के बीच अच्छा-खासा जनाधार है. वे पूर्व में रुद्रप्रयाग विधानसभा से दो बार विधायक, मंत्री रहने के साथ ही यूपी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. जिससे उनकी जनता के बीच काफी पकड़ है. इसके अलावा वे पिछले पांच सालों से जनता के बीच कांग्रेस का प्रचार कर रहे थे और अपने को प्रत्याशी बता रहे थे.

जिस कारण लोग उनसे जुड़ भी रहे थे. कंडारी पूर्व में कई वर्षों तक भाजपा में भी रहे हैं और पिछले कई सालों से कांग्रेस में रहकर उन्होंने काफी काम भी किये. कंडारी की भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ है. ऐसे में कंडारी के बगावत करके मैदान में उतरने से कांग्रेस प्रत्याशी को भारी नुकसान होने की संभावना है.

लालकुआं में बागियों ने नहीं लिया नाम वापस: लालकुआं विधानसभा सीट पर पूरे प्रदेश की निगाहें लगी हुई हैं. नामांकन के बाद आज नाम वापसी के अंतिम दिन लोगों की नजर लालकुआं विधानसभा सीट पर लगी हुई थी. जहां कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय के तौर पर संध्या डालाकोटी ने नामांकन दाखिल किया था तो वहीं बीजेपी से बगावत कर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन पवन चौहान मैदान में हैं. दोनों बागी नेताओं को मनाने के लिए दोनों पार्टियों के नेता पिछले कई दिनों से लगे हुए थे, लेकिन दोनों प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस नहीं लिया.

ऐसे में आज दोनों प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित होते ही उन्होंने अपना प्रचार अभियान भी तेज कर दिया है. वहीं संध्या डालाकोटी के चुनाव लड़ने से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, जबकि पवन चौहान के चुनाव लड़ने से बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं संध्या डालाकोटी और पवन चौहान ने दावा किया है कि उनकी जीत निश्चित है और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव हराकर विजयी बनेंगे.

देहरादून: उत्तराखंड में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) की मुश्किलें बागी प्रत्याशियों ने बढ़ा रखी थी और नाम वापसी की अंतिम तारीख पर कई बागियों ने अपने नाम वापस ले लिए हैं. इसमें कई प्रत्याशी ऐसे थे जो हर जनता पार्टी और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत करते हुए मैदान में उतरे थे. जबकि कुछ प्रत्याशी किसी पार्टी से ताल्लुक नहीं रखते थे, लेकिन फिर भी वह निर्दलीय तौर पर ताल ठोक रहे थे.

गौरतलब है कि भाजपा और कांग्रेस ने बागियों को अल्टीमेटम दिया था कि अगर उन्होंने चुनाव लड़ने का फैसला वापस नहीं लिया तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. वहीं बागियों को मनाने के लिए कई नेताओं को कमान सौंपी गई थी. उत्तराखंड में आज का दिन चुनाव के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण था. दरअसल, आज नामांकन वापसी का आखिरी दिन था और कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी भी अपनी पार्टी के बागियों को मनाने की जद्दोजहद में जुटे हुए थे.

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इस कड़ी में कई ऐसे सारे चेहरे थे जिन्होंने आखिरकार पार्टी की बात मानते हुए नामांकन वापस ले लिया है. मुख्य तौर पर देखें तो इसमें कांग्रेस के पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवान ने ऋषिकेश विधानसभा सीट से पार्टी की बात मानते हुए अपना नाम वापस ले लिया है. इसी तरह डोईवाला विधानसभा सीट पर भी भाजपा से नाराज होकर निर्दलीय नामांकन भरने वाले सौरव थपलियाल ने भी नाम वापस ले लिया है. इसके अलावा देहरादून जिले में आम आदमी पार्टी से ताल्लुक रखने वाले पीटर प्रसाद ने आज मसूरी विधानसभा सीट से नाम वापस ले लिया.

पढ़ें-रूठने पर जो मनाते थे अब उन्हीं के खिलाफ प्रचार करेंगे हरक सिंह, श्रीनगर में गणेश गोदियाल के लिए मांगेंगे वोट

कैट विधानसभा सीट पर आशा आनंद ने नाम वापस लिया है. इसके अलावा कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले चरणजीत कौशल ने भी नाम वापस ले लिया है.राजपुर विधानसभा सीट में तारा देवी संजय और विशाल ने नामांकन वापस ले लिया. इसके अलावा जितेंद्र पंत और अब्दुल हमीद ने भी नाम वापस लिया है, उधर कांग्रेस से ताल्लुक रखने वाले सूरत सिंह नेगी ने इसी सीट पर नाम वापस ले लिया है.

रुद्रप्रयाग में कंडारी ने बढ़ाई मुश्किलें: रुद्रप्रयाग विधानसभा से पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी ने आखिरी दिन अपना नामांकन वापस नहीं लिया. वहीं टिकट ना दिये जाने से कांग्रेस प्रदेश महामंत्री एवं पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लक्ष्मी राणा, युवा नेता अंकुर रौथाण, ठाकुर गजेन्द्र पंवार सहित अन्य वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने बगावत करके कंडारी को मैदान में खड़ा किया है. नामांकन के बाद से निर्दलीय प्रत्याशी मातबर सिंह कंडारी विधानसभा क्षेत्र में प्रचार अभियान चलाये हुए हैं, जिससे कांग्रेस प्रत्याशी की मुश्किलें बढ़ गई हैं.

कांग्रेस नेताओं को उम्मीद थी कि नामांकन वापसी के आखिरी दिन कंडारी दल-बल के साथ पार्टी में लौट आयेंगे, मगर ऐसा नहीं हुआ. निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में खड़े हुए कंडारी का जनता के बीच अच्छा-खासा जनाधार है. वे पूर्व में रुद्रप्रयाग विधानसभा से दो बार विधायक, मंत्री रहने के साथ ही यूपी सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं. जिससे उनकी जनता के बीच काफी पकड़ है. इसके अलावा वे पिछले पांच सालों से जनता के बीच कांग्रेस का प्रचार कर रहे थे और अपने को प्रत्याशी बता रहे थे.

जिस कारण लोग उनसे जुड़ भी रहे थे. कंडारी पूर्व में कई वर्षों तक भाजपा में भी रहे हैं और पिछले कई सालों से कांग्रेस में रहकर उन्होंने काफी काम भी किये. कंडारी की भाजपा और कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय पार्टियों के कार्यकर्ताओं में अच्छी पकड़ है. ऐसे में कंडारी के बगावत करके मैदान में उतरने से कांग्रेस प्रत्याशी को भारी नुकसान होने की संभावना है.

लालकुआं में बागियों ने नहीं लिया नाम वापस: लालकुआं विधानसभा सीट पर पूरे प्रदेश की निगाहें लगी हुई हैं. नामांकन के बाद आज नाम वापसी के अंतिम दिन लोगों की नजर लालकुआं विधानसभा सीट पर लगी हुई थी. जहां कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय के तौर पर संध्या डालाकोटी ने नामांकन दाखिल किया था तो वहीं बीजेपी से बगावत कर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन पवन चौहान मैदान में हैं. दोनों बागी नेताओं को मनाने के लिए दोनों पार्टियों के नेता पिछले कई दिनों से लगे हुए थे, लेकिन दोनों प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस नहीं लिया.

ऐसे में आज दोनों प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित होते ही उन्होंने अपना प्रचार अभियान भी तेज कर दिया है. वहीं संध्या डालाकोटी के चुनाव लड़ने से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, जबकि पवन चौहान के चुनाव लड़ने से बीजेपी प्रत्याशी मोहन सिंह बिष्ट की मुश्किलें बढ़ गई हैं. वहीं संध्या डालाकोटी और पवन चौहान ने दावा किया है कि उनकी जीत निश्चित है और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को चुनाव हराकर विजयी बनेंगे.

Last Updated : Jan 31, 2022, 7:15 PM IST
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