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मतगणना से पहले कई प्रत्याशी हुए नॉट रिचेबल, बीजेपी-कांग्रेस संपर्क साधने की कोशिश में लगी

10 मार्च को उत्तराखंड में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला होने वाला है. ऐसे में पूर्ण बहुमत नहीं मिलने की आशंका को देखते हुए राष्ट्रीय पार्टी निर्दलीय, यूकेडी और बसपा प्रत्याशियों से संपर्क साधने में लगी है. जिसकी वजह से भारी दवाब के चलते कई प्रत्याशियों ने अपना नंबर स्वीच ऑफ कर लिया है या फिर उनका नंबर पहुंच से बाहर है. वहीं, मतगणना से पहले कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत ने धारी देवी मंदिर में बीजेपी की जीत के लिए पूजा अर्चना की.

Dhan Singh Rawat reached Dhari Devi temple
धन सिंह रावत पहुंचे धारी देवी के द्वार
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Published : Mar 9, 2022, 10:38 PM IST

Updated : Mar 9, 2022, 10:58 PM IST

श्रीनगर: उत्तराखंड में मतगणना के लिए अब कुछ घंटे रह गए है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में निर्दलीय, यूकेडी और बसपा के प्रत्याशियों पर दबाव बढ़ने लगा है. स्थिति यह है कि कई प्रत्याशियों ने खुद को पहुंच से बाहर कर लिया है तो कुछ प्रत्याशी अब कुछ समय के लिए मोबाइल से तौबा करने की तैयारी कर रहे हैं. चुनावी परिणामों से पहले ऐसा क्यों हो रहा है जानिए.

उत्तराखंड में मतगणना से पहले राजनीति चरम पर है. प्रदेश में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद है, बावजूद इसके राजनीतिक दलों की तिगड़म बाजी अभी से शुरू हो गयी है. हालात ये हैं कि निर्दलीयों के साथ ही यूकेडी और बसपा के प्रत्याशियों से भाजपा के बड़े नेता संपर्क साधने में जुटे हुए हैं. यही नहीं कांग्रेस के नेताओं ने भी इस सेटिंग के खेल में खुद को बनाए रखते हुए ऐसे नेताओं से संपर्क की कोशिशें जारी रखी है. पिछले कुछ दिनों से लगातार फोन के जरिए बातचीत हो रही है तो कुछ नेताओं ने सीधी मुलाकात करके भी आपसी संवाद बढ़ाने की कोशिश की है.

दरअसल, यह सब 36 के जादुई आंकड़े को पाने के लिए किया जा रहा है. आपको बता दें कि प्रदेश में फिलहाल भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला होने की बात कही जा रही है, ऐसे में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है. बस इन्हीं आशंकाओं को देखते हुए दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता ऐसे प्रत्याशियों पर डोरे डाल रहे हैं, जो निर्दलीय या उत्तराखंड क्रांति दल समेत बहुजन समाजवादी पार्टी के सिंबल से चुनाव जीतने की स्थिति में है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड में हमेशा CM पद पर सियासी प्रयोग पड़ा है उल्टा, क्या धामी तोड़ पाएंगे मिथक?

खबर है कि इन दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए कई प्रत्याशियों ने तो अपने मोबाइल नंबर ही स्विच ऑफ कर लिए हैं. कुछ प्रत्याशियों ने खुद को नॉट रिचेबल कर लिया है. इसकी वजह वह दबाव है, जो दोनों ही दलों के नेताओं की तरफ से फिलहाल इन प्रत्याशियों पर दिखाई दे रहा है. जाहिर है कि यदि किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता तो ऐसी स्थिति पर सिर फुटोव्वल की स्थिति प्रदेश में देखने को मिल सकती है. ऐसे हालातों में यह प्रत्याशी खुद को सभी की नजरों से दूर रखकर ऐसे दबाव से बचने की कोशिश कर रहे हैं.

धन सिंह रावत पहुंचे धारी देवी मंदिर.

वहीं, मतगणना से एक दिन पहले कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत आज शाम मां भगवती धारी देवी के द्वार पहुंचे. इस दौरान उन्होंने शाम में होने वाली आरती में भाग लिया और भाजपा की जीत के लिए पूजा अर्चना की. उन्होंने दावा किया की पांचों राज्यों में भाजपा की सरकार आ रही है.

धन सिंह रावत ने ईटीवी भारत से कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पांचों राज्यों में भाजपा जीत रही है. उतराखंड में पूर्ण बहुमत के साथ जीत तय है. उन्होंने कांग्रेस द्वारा लगाए गए ईवीएम छेड़छाड़ के आरोप को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कांग्रेस जिस राज्य में हार रही होती है, वहां ईवीएम पर दोषारोपण किया जाता है, लेकिन जनता के जनादेश पर उनको पूर्ण भरोसा है.

श्रीनगर: उत्तराखंड में मतगणना के लिए अब कुछ घंटे रह गए है, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में निर्दलीय, यूकेडी और बसपा के प्रत्याशियों पर दबाव बढ़ने लगा है. स्थिति यह है कि कई प्रत्याशियों ने खुद को पहुंच से बाहर कर लिया है तो कुछ प्रत्याशी अब कुछ समय के लिए मोबाइल से तौबा करने की तैयारी कर रहे हैं. चुनावी परिणामों से पहले ऐसा क्यों हो रहा है जानिए.

उत्तराखंड में मतगणना से पहले राजनीति चरम पर है. प्रदेश में प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में बंद है, बावजूद इसके राजनीतिक दलों की तिगड़म बाजी अभी से शुरू हो गयी है. हालात ये हैं कि निर्दलीयों के साथ ही यूकेडी और बसपा के प्रत्याशियों से भाजपा के बड़े नेता संपर्क साधने में जुटे हुए हैं. यही नहीं कांग्रेस के नेताओं ने भी इस सेटिंग के खेल में खुद को बनाए रखते हुए ऐसे नेताओं से संपर्क की कोशिशें जारी रखी है. पिछले कुछ दिनों से लगातार फोन के जरिए बातचीत हो रही है तो कुछ नेताओं ने सीधी मुलाकात करके भी आपसी संवाद बढ़ाने की कोशिश की है.

दरअसल, यह सब 36 के जादुई आंकड़े को पाने के लिए किया जा रहा है. आपको बता दें कि प्रदेश में फिलहाल भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे का मुकाबला होने की बात कही जा रही है, ऐसे में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत मिलने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है. बस इन्हीं आशंकाओं को देखते हुए दोनों ही पार्टियों के दिग्गज नेता ऐसे प्रत्याशियों पर डोरे डाल रहे हैं, जो निर्दलीय या उत्तराखंड क्रांति दल समेत बहुजन समाजवादी पार्टी के सिंबल से चुनाव जीतने की स्थिति में है.
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खबर है कि इन दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के बढ़ते दबाव को देखते हुए कई प्रत्याशियों ने तो अपने मोबाइल नंबर ही स्विच ऑफ कर लिए हैं. कुछ प्रत्याशियों ने खुद को नॉट रिचेबल कर लिया है. इसकी वजह वह दबाव है, जो दोनों ही दलों के नेताओं की तरफ से फिलहाल इन प्रत्याशियों पर दिखाई दे रहा है. जाहिर है कि यदि किसी भी दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता तो ऐसी स्थिति पर सिर फुटोव्वल की स्थिति प्रदेश में देखने को मिल सकती है. ऐसे हालातों में यह प्रत्याशी खुद को सभी की नजरों से दूर रखकर ऐसे दबाव से बचने की कोशिश कर रहे हैं.

धन सिंह रावत पहुंचे धारी देवी मंदिर.

वहीं, मतगणना से एक दिन पहले कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत आज शाम मां भगवती धारी देवी के द्वार पहुंचे. इस दौरान उन्होंने शाम में होने वाली आरती में भाग लिया और भाजपा की जीत के लिए पूजा अर्चना की. उन्होंने दावा किया की पांचों राज्यों में भाजपा की सरकार आ रही है.

धन सिंह रावत ने ईटीवी भारत से कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पांचों राज्यों में भाजपा जीत रही है. उतराखंड में पूर्ण बहुमत के साथ जीत तय है. उन्होंने कांग्रेस द्वारा लगाए गए ईवीएम छेड़छाड़ के आरोप को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा कांग्रेस जिस राज्य में हार रही होती है, वहां ईवीएम पर दोषारोपण किया जाता है, लेकिन जनता के जनादेश पर उनको पूर्ण भरोसा है.

Last Updated : Mar 9, 2022, 10:58 PM IST
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