देहरादून: उत्तराखंड में लॉकडाउन के दौरान जहां सड़क दुर्घटनाओं में खासी कमी देखने को मिली, वहीं अनलॉक का दौर शुरू होते ही अब फिर से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ने लगी हैं. आंकड़ों की बात करें तो राज्य के मैदानी और पहाड़ी जनपदों में प्रतिदिन कम से कम तीन व्यक्तियों की मौत हो रही है.
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों पर गौर करें तो 1 जनवरी से 30 सितंबर, 2020 तक (9 महीने) कुल 685 सड़क हादसे हुए हैं. इन हादसों में कुल 445 लोगों की मौत हुई है और 550 लोग घायल हुए हैं. ये आंकड़ा पिछले तीन साल के मुकाबले इस साल (1 जनवरी से 30 सितंबर तक) बेहद कम है. क्योंकि इस साल तीन महीने लॉकडाउन होने के कारण सड़क हादसे कम हुए हैं.
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान कुल 138 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें कुल 99 लोगों की मौत हुई है और 96 लोग घायल हुए. यानी लॉकडाउन शुरू होते ही सड़क हादसों की रफ्तार थम सी गई, जो उत्तराखंड पुलिस महकमे के लिए काफी सुकून भरा रहा, लेकिन अनलॉक का दौर शुरू होते ही सड़क हादसों की संख्या बढ़ने लगी है.
पिछले तीन साल में 1 जनवरी से 30 सितंबर तक हुए सड़क हादसे
इस साल अभी तक राज्यभर में 685 दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें 447 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 550 लोग सड़क हादसे में घायल हो चुके हैं. पुलिस मुख्यालय के आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि सड़क हादसों का जो सिलसिला लॉकडाउन में थम गया था, अब तेजी से बढ़ रहा है. सड़क हादसों के मामले में देहरादून हरिद्वार, नैनीताल, उधम सिंह नगर, टिहरी और पौड़ी जैसे जिलों में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं और मौतें हुई हैं.
इन जिलों में हुए सबसे ज्यादा सड़क हादसे