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ELECTION 2022: किंग मेकर बन सकते हैं निर्दलीय, जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू - independent candidates in forming government in Uttarakhand

राजनीतिक पंडितों की मानें तो उत्तराखंड में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है. ऐसे में भाजपा-कांग्रेस ने मजबूत निर्दलीय प्रत्याशियों को अपने पाले में लाने की राजनीति शुरू कर दी है. हालांकि, बीएसपी भी इस बार उत्तराखंड में सरकार बनाने में किंग मेकर की भूमिका निभा सकती है.

independent government will form
निर्दलीय बनाएंगे सरकार
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Published : Feb 28, 2022, 4:00 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 5:35 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को सामने आएंगे. जैसे-जैसे चुनाव परिणाम की तारीख नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे सरकार की भी उल्टी गिनती शुरू हो रही है. ऐसे में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा बेहद जरूरी है. इस आंकड़े के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने मजबूत निर्दलीय प्रत्याशियों पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. हालांकि, दूसरी तरफ निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

वहीं, राजनीतिक पंडितों की मानें तो उनके अनुसार इस बार उत्तराखंड में किसी भी दल के प्रचंड बहुमत के आसार बहुत कम नजर आ रहे हैं. निर्दलीय प्रत्याशियों की भूमिका किंग मेकर के रूप में बताई जा रही है. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशियों की क्या रणनीति है और 10 मार्च को वह किस दल को अपना समर्थन देंगे, यह जानना बेहद जरूरी है. इसको लेकर ETV भारत ने उन सभी निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के प्रत्याशियों से बातचीत की, जिनकी स्थिति मजबूत बताई जा रही है.

दिनेश धनैः राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, जीतकर आने वाले इंडिपेंडेंट कैंडिडेट में से सबसे पहला नाम टिहरी से उत्तराखंड जन एकता पार्टी के अध्यक्ष दिनेश धनै का आता है. वह पहले भी कांग्रेस सरकार में निर्दलीय विधायक रहते हुए सरकार में मंत्री रहे. ETV भारत से बातचीत में दिनेश धनै ने बताया कि 10 मार्च का दिन यह तय करेगा कि वह किस को अपना समर्थन देंगे. हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि उनसे कांग्रेस और भाजपा लगातार संपर्क कर रही हैं. लेकिन दिनेश धनै का कहना है कि वह उसी पार्टी के साथ आगे बढ़ेंगे जो कि पार्टी बहुमत में होगी.
ये भी पढ़ेंः हरिद्वार में सवा करोड़ पार्थिव शिवलिंग पूजा समारोह में शामिल हुए CM, महाशिवरात्रि की दी शुभकामना

बसपा की मजबूत भूमिकाः राजनीतिक पंडितों की मानें तो विधानसभा चुनाव में बीएसपी भी जमकर उभरी है. ऐसी उम्मीद है कि हरिद्वार जिले में बीएसपी 5 सीटों पर बाजी मार सकती है. ऐसे में बीएसपी पर भी लगातार नजरें लगी हुई हैं. हालांकि, यूपी में बीएसपी की बदली हुई सियासी रणनीति से भी सस्पेंस बढ़ा हुआ है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो यूपी में इस बार बीएसपी बीजेपी की साइलेंट पार्टनर के रूप में काम कर रही है. ऐसे में अगर उत्तराखंड में कांग्रेस को बीएसपी की दरकार हुई तो बीएसपी साथ खड़ी होगी, ये बड़ा सवाल है. हरिद्वार की इन 5 सीटों पर बसपा मजबूत बताई जा रही है

मोहम्मद शाहिद की मदन कौशिक से नजदीकीः ETV भारत से बात करते हुए बसपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शीशपाल ने बताया कि वह चुनाव परिणामों का इंतजार कर रहे हैं. बसपा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि लगातार बड़े दलों के नेताओं के कॉल आ रहे हैं. लेकिन बसपा ने दो टूक सभी दलों को जवाब दे दिया है कि जो बसपा प्रमुख का आदेश होगा, उसे माना जाएगा.

बसपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने बताया कि पार्टी चुनाव परिणाम का इंतजार कर रही है और 10 मार्च को चुनाव परिणामों के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा. वहीं, बसपा प्रत्याशी मोहम्मद शाहिद और भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के बीच नजदीकियों के सवाल पर चौधरी शीशपाल सिंह ने कहा कि लक्सर से उनके प्रत्याशी पार्टी में आने से पहले दूध के व्यापारी थे. उस दौरान हो सकता है कि उनकी करीबी मदन कौशिक से रही हो. लेकिन अभी ऐसा उनके संज्ञान में कुछ नहीं है.

देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को सामने आएंगे. जैसे-जैसे चुनाव परिणाम की तारीख नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे सरकार की भी उल्टी गिनती शुरू हो रही है. ऐसे में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा बेहद जरूरी है. इस आंकड़े के लिए भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों ने मजबूत निर्दलीय प्रत्याशियों पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं. हालांकि, दूसरी तरफ निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी रणनीति बनानी शुरू कर दी है.

वहीं, राजनीतिक पंडितों की मानें तो उनके अनुसार इस बार उत्तराखंड में किसी भी दल के प्रचंड बहुमत के आसार बहुत कम नजर आ रहे हैं. निर्दलीय प्रत्याशियों की भूमिका किंग मेकर के रूप में बताई जा रही है. ऐसे में निर्दलीय प्रत्याशियों की क्या रणनीति है और 10 मार्च को वह किस दल को अपना समर्थन देंगे, यह जानना बेहद जरूरी है. इसको लेकर ETV भारत ने उन सभी निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के प्रत्याशियों से बातचीत की, जिनकी स्थिति मजबूत बताई जा रही है.

दिनेश धनैः राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, जीतकर आने वाले इंडिपेंडेंट कैंडिडेट में से सबसे पहला नाम टिहरी से उत्तराखंड जन एकता पार्टी के अध्यक्ष दिनेश धनै का आता है. वह पहले भी कांग्रेस सरकार में निर्दलीय विधायक रहते हुए सरकार में मंत्री रहे. ETV भारत से बातचीत में दिनेश धनै ने बताया कि 10 मार्च का दिन यह तय करेगा कि वह किस को अपना समर्थन देंगे. हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि की है कि उनसे कांग्रेस और भाजपा लगातार संपर्क कर रही हैं. लेकिन दिनेश धनै का कहना है कि वह उसी पार्टी के साथ आगे बढ़ेंगे जो कि पार्टी बहुमत में होगी.
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बसपा की मजबूत भूमिकाः राजनीतिक पंडितों की मानें तो विधानसभा चुनाव में बीएसपी भी जमकर उभरी है. ऐसी उम्मीद है कि हरिद्वार जिले में बीएसपी 5 सीटों पर बाजी मार सकती है. ऐसे में बीएसपी पर भी लगातार नजरें लगी हुई हैं. हालांकि, यूपी में बीएसपी की बदली हुई सियासी रणनीति से भी सस्पेंस बढ़ा हुआ है. राजनीतिक पंडितों की मानें तो यूपी में इस बार बीएसपी बीजेपी की साइलेंट पार्टनर के रूप में काम कर रही है. ऐसे में अगर उत्तराखंड में कांग्रेस को बीएसपी की दरकार हुई तो बीएसपी साथ खड़ी होगी, ये बड़ा सवाल है. हरिद्वार की इन 5 सीटों पर बसपा मजबूत बताई जा रही है

मोहम्मद शाहिद की मदन कौशिक से नजदीकीः ETV भारत से बात करते हुए बसपा के प्रदेश अध्यक्ष चौधरी शीशपाल ने बताया कि वह चुनाव परिणामों का इंतजार कर रहे हैं. बसपा अध्यक्ष ने यह भी बताया कि लगातार बड़े दलों के नेताओं के कॉल आ रहे हैं. लेकिन बसपा ने दो टूक सभी दलों को जवाब दे दिया है कि जो बसपा प्रमुख का आदेश होगा, उसे माना जाएगा.

बसपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी ने बताया कि पार्टी चुनाव परिणाम का इंतजार कर रही है और 10 मार्च को चुनाव परिणामों के बाद ही इस पर कोई निर्णय लिया जाएगा. वहीं, बसपा प्रत्याशी मोहम्मद शाहिद और भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के बीच नजदीकियों के सवाल पर चौधरी शीशपाल सिंह ने कहा कि लक्सर से उनके प्रत्याशी पार्टी में आने से पहले दूध के व्यापारी थे. उस दौरान हो सकता है कि उनकी करीबी मदन कौशिक से रही हो. लेकिन अभी ऐसा उनके संज्ञान में कुछ नहीं है.

Last Updated : Feb 28, 2022, 5:35 PM IST
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