देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में कैबिनेट की अहम बैठक हुई. बैठक में धामी कैबिनेट ने देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने की मंजूरी दे दी है. अब प्रदेश सरकार एक्ट को निरस्त करने के लिए विधानसभा सत्र के दौरान सदन में वापसी का विधेयक लाएगी. इसके साथ ही कैबिनेट ने प्रदेश में नजूल नीति-2018 जारी रखने का फैसला लिया है. नजूल भूमि मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पट्टाधारकों को राहत देते हुए नियमतिकरण जारी रखने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही परिवहन विभाग के विवादित 24 कर्मचारियों को अन्य विभागों में समायोजित किया जाएगा.
उत्तराखंड एक्सपोर्ट पॉलिसी को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. जिसके तहत निर्यात कोटा 15 हजार करोड़ से बढ़ा कर 30 हजार करोड़ का किया गया है. एमएसएमई नीति के तहत बॉटलिंग प्लांट के नियमों में संशोधन किया गया है. भवन निर्माण बॉयलॉज में संशोधन मानक पर्वतीय और मैदानी इलाकों के लिए अलग-अलग होंगे. इलेक्ट्रॉनिक पार्क के लिए उद्योग विभाग की जमीन को सिडकुल की जमीन ट्रांसफर किया गया है. 2500 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाएगा.
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इसके साथ ही सरकारी अस्पतालों के OPD में अब मरीजों को मुफ्त दवा भी मिलेगी और अब सरकारी डॉक्टरों को बाहर की दवा लिखने का कारण भी बताना होगा. कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की बुकिंग में कोविड टेस्ट के पैसे भी रिफंड होंगे. हरिद्वार में पंचायत चुनाव न होने के चलते 6 महीने के लिए प्रशासक नियुक्त किया जाएगा. पॉलिटेक्निक कॉलेजों के संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा. अतिथि शिक्षकों को मूल जनपदों में तैनाती दिए जाने का फैसला लिया गया है. GMVN के 9 कर्मचारियों को जो सीएम आवास में कार्यरत हैं, उन्हें समायोजित किया जाएगा. धामी सरकार हटाए गए गेस्ट टीचरों को वापस सेवा में लेगी और उन्हें गृह जनपदों में तैनात करने का प्रयास करेगी.