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अवैध शिकार मामलाः 7 दिन बाद भी वन विभाग के हाथ खाली, गिरफ्त से बाहर आरोपी

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Published : Jun 13, 2019, 5:22 AM IST

अवैध शिकार मामले की जानकारी देते हुए लच्छीवाला रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि आरोपी की पहचान मनीष पुत्र बलवंत झदोंद निवासी के रूप में हुई है. साथ ही कहा कि मामले पर कई लोगों के नाम भी इस अवैध शिकार में सामने आ रहे हैं. मौके पर दो किलो जंगली जानवर का मांस बरामद किया गया है. मांस किस जीव का है, इसकी जांच की जा रही है. साथ ही मांस को वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट में फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है.

अवैध शिकार मामला

डोइवालाः लच्छीवाला रेंज के शिमलास ग्रांट क्षेत्र में अवैध शिकार के मामले में आरोपी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं. वन विभाग की टीम शिकारियों को नहीं पकड़ पाई है. ना ही शिकारियों ने आत्मसमर्पण किया है. ऐसे में वन विभाग अब आत्मसमर्पण ना करने पर शिकारियों पर शिकंजा कसने जा रहा है. वहीं, रेंज अधिकारी का कहना है कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत किया गया है.

जानकारी देते लच्छीवाला रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल.


गौर हो कि बीते 6 जून को लच्छीवाला रेंज के शिमलास ग्रांट के झदोंद गांव में वन विभाग की टीम को जंगली जानवर का अवैध शिकार कर मीट बेचने की सूचना मिली थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए टीम ने छापेमारी की थी, लेकिन आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए थे. इस दौरान टीम को मौके पर जंगली जानवर का मीट बरामद हुआ था. जिसे उन्होंने कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा. उधर, वन विभाग के कर्मचारियों का दावा है कि टोर्च की रोशनी से उन्होंने आरोपी की पहचान की है.

ये भी पढ़ेंः ओवर स्पीड वाहनों पर नजर रखेंगी चार नई इंटरसेप्टर, लेजर स्पीड गन 2 किमी दूर से पकड़ेगा गति


वहीं, लच्छीवाला रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि आरोपी की पहचान मनीष पुत्र बलवंत झदोंद निवासी के रूप में हुई है. साथ ही कहा कि मामले पर कई लोगों के नाम भी इस अवैध शिकार में सामने आ रहे हैं. मौके पर दो किलो जंगली जानवर का मांस बरामद किया गया है. मांस किस जीव का है, इसकी जांच की जा रही है. साथ ही मांस को वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट में फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है.


रेंज अधिकारी उनियाल ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कई धाराओं में मामला पंजीकृत किया गया है. उनके खिलाफ भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 संशोधित 2006 की धारा 9, 39(3) और 51 के तहत वाद दायर किया गया है. अवैध शिकार में संलिप्त शिकारियों की केस हिस्ट्री तैयार की जा रही है. आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है. आरोप सिद्ध होने पर आरोपियों के खिलाफ असीमित जुर्माना और 5 साल की सजा होगी.

डोइवालाः लच्छीवाला रेंज के शिमलास ग्रांट क्षेत्र में अवैध शिकार के मामले में आरोपी अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं. वन विभाग की टीम शिकारियों को नहीं पकड़ पाई है. ना ही शिकारियों ने आत्मसमर्पण किया है. ऐसे में वन विभाग अब आत्मसमर्पण ना करने पर शिकारियों पर शिकंजा कसने जा रहा है. वहीं, रेंज अधिकारी का कहना है कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला पंजीकृत किया गया है.

जानकारी देते लच्छीवाला रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल.


गौर हो कि बीते 6 जून को लच्छीवाला रेंज के शिमलास ग्रांट के झदोंद गांव में वन विभाग की टीम को जंगली जानवर का अवैध शिकार कर मीट बेचने की सूचना मिली थी. जिस पर कार्रवाई करते हुए टीम ने छापेमारी की थी, लेकिन आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए थे. इस दौरान टीम को मौके पर जंगली जानवर का मीट बरामद हुआ था. जिसे उन्होंने कब्जे में लेकर जांच के लिए भेजा. उधर, वन विभाग के कर्मचारियों का दावा है कि टोर्च की रोशनी से उन्होंने आरोपी की पहचान की है.

ये भी पढ़ेंः ओवर स्पीड वाहनों पर नजर रखेंगी चार नई इंटरसेप्टर, लेजर स्पीड गन 2 किमी दूर से पकड़ेगा गति


वहीं, लच्छीवाला रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि आरोपी की पहचान मनीष पुत्र बलवंत झदोंद निवासी के रूप में हुई है. साथ ही कहा कि मामले पर कई लोगों के नाम भी इस अवैध शिकार में सामने आ रहे हैं. मौके पर दो किलो जंगली जानवर का मांस बरामद किया गया है. मांस किस जीव का है, इसकी जांच की जा रही है. साथ ही मांस को वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट में फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है.


रेंज अधिकारी उनियाल ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कई धाराओं में मामला पंजीकृत किया गया है. उनके खिलाफ भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 संशोधित 2006 की धारा 9, 39(3) और 51 के तहत वाद दायर किया गया है. अवैध शिकार में संलिप्त शिकारियों की केस हिस्ट्री तैयार की जा रही है. आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही है. आरोप सिद्ध होने पर आरोपियों के खिलाफ असीमित जुर्माना और 5 साल की सजा होगी.

Intro:डोईवाला
अवैध शिकार के मामले में शिकारी 5 दिन बाद भी वन विभाग की गिरफ्त से बाहर शिकारियों ने ना ही किया आत्मसमर्पण आत्मसमर्पण ना करने पर शिकारियों की और बढ़ जाएंगी मुश्किल लच्छीवाला रेंज के अंतर्गत शिमलास ग्रांट के झदोन्द गांव में 6 तारीख की रात को अवैध शिकार की सूचना पर वन विभाग की टीम ने छापा मार कर जंगली जानवर का मीट किया था बरामद ।

लच्छीवाला रेंज के अंतर्गत शिमलासग्रांट ग्राम पंचायत के झदोन्द गांव में 6 तारीख की शाम को वन विभाग को सूचना मिली कि कुछ लोग जंगली जानवर का अवैध शिकार कर मीट को बेच रहे हैं सूचना पर वन विभाग की टीम ने घर में छापा मारा लेकिन आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर जंगली मांस छोड़कर भाग निकले लेकिन वन विभाग की टीम ने टोर्च की रोशनी से आरोपी को पहचान लिया लच्छीवाला रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि आरोपी की पहचान मनीष पुत्र बलवंत झदोन्द निवासी के रूप में हुई है और मौके से 2 किलो जंगली मांस बरामद किया गया और जानकारी जुटाने पर कई लोगों के नाम इस अवैध शिकार में सामने आ रहे हैं ।


Body:लच्छीवाला रेंज अधिकारी घनानंद उनियाल ने बताया कि वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत कई धाराओं में मामला पंजीकृत किया गया है और कौन से जीव का यह मांस है जांच के लिए भेजा गया है रेंज अधिकारी ने बताया कि जानकारी जुटाने पर कई आरोपीयो के नाम इस अवैध शिकार में होने की बात सामने आई है और आरोपियों को पकड़ने की कोशिश की जा रही हैं और आरोपियों ने अगर आत्मसमर्पण ना किया तो आरोपियों पर जुर्म और सजा में बढ़ोतरी हो जाएगी ।
ओर आरोप सिद्ध होने पर आरोपियों पर असीमित जुर्माना व 5 साल की सजा होगी ।


Conclusion:वन अधिकारी ने बताया कि अवैध शिकार में संलिप्त शिकारियों की केस हिस्ट्री तैयार कर शिकारियों के खिलाफ भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 संशोधित 2006 की धारा 9,39 (3) व 51 के अंतर्गत वाद दायर किया गया है ओर बरामद जंगली जानवर के मांस को वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट में फॉरेंसिक जांच के लिये भेजा गया है ।

बाईट - घनानंद उनियाल -- रेंज अधिकारी -- लच्छीवाला
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