मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी के अधिकांश वन क्षेत्र में अवैध तरीके से मलबा फेंका जा रहा है. जिससे शहर की हरियाली खतरे में पड़ गई है. मसूरी–दून रोड, कैंपटी रोड, मसूरी-टिहरी रोड, कैमल बैंक रोड में बडे पैमाने पर निर्माण सामग्री का मलबा जंगल मे डाला जा रहा है. इसके बावजूद संबंधित अधिकारियों द्वारा कोई सुध नहीं लिया जा रहा है.
स्थानीय प्रशासन और वन विभाग की लापरवाही की कीमत मसूरी को चुकानी पड़ रही है. बिल्डर जगह-जगह जंगल में मलबा फेंक रहे हैं. जिससे बांज–बुरांश के छोटे पेड़ों को नुकसान हो रहा है. मलबे की वजह से कई पेड़ सूखने के कगार पर हैं. मसूरी–दून मार्ग और टिहरी बायपास मार्ग पर मलबा जंगल में फेंका जा रहा है. वहीं, हाथी पांव क्षेत्र मे जंगल में भी मलबा डाला जा रहा है, गज्जी बैंड–नागमंदिर रोड एवं कंपनी गार्डन मे स्थित सड़क मार्ग से लगे जंगल में मलबा फेंका जा रहा है. जिसे वन महकमे के अधिकारियों द्वारा अनदेखा किया जा रहा है.
स्थानीय निवासी मनोज रियाल और दिनेश सेमवाल का कहना है कि मलबे से प्राकृतिक सुंदरता खतरे में पड़ रही है. मलबे से जंगल में छोटे हरे-भरे पेड़ों को नुकसान हो रहा है. जिससे शहर की हरियाली खतरे में है.
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वहीं डीएफओ कहकशां नसीम ने कहा कि अवैध तरीके से जंगल मे फेंके जा रहे मलबे पर रोक लगाने के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. मौके पर जो भी अवैध डंपिंग करते हुए पकड़ा जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.