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मसूरी: वन आरक्षित क्षेत्र पर हो रहा अवैध निर्माण, सीएम हेल्पलाइन पर की गई शिकायत

आरक्षित वन भूमि पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है. लोगों का कहना है कि संबंधित विभाग से शिकायत करने के बाद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा.

forest area Illegal construction mussoorie new
वन आरक्षित क्षेत्र पर हो रहा अवैध निर्माण.
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Published : Feb 11, 2020, 7:46 AM IST

मसूरी: पिक्चर पैलेस पेट्रोल पंप बारह कैंची मार्ग पर वन आरक्षित क्षेत्र पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है. आरक्षित वन भूमि पर निर्माण कार्य भी कराया जा रहा है. लोगों का आरोप है कि वन विभाग के नगर पालिका और वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से यह हो रहा है. वहीं, लोगों का आरोप है कि संबंधित विभाग से शिकायत करने के बाद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. जबकि, इस मामले भी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर भी की गई है.

वन आरक्षित क्षेत्र पर हो रहा अवैध निर्माण.

मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने संबंधित विभागों से आरक्षित वन भूमि पर हो रहे कब्जों को लेकर जवाब भी मांगा गया है. जबकि, मामले के प्रकाश में आने के बाद नगरपालिका और वन विभाग के अधिकारी एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं.

बता दें कि पिछले कुछ सालों में बारह कैंची मार्ग पर बड़ी संख्या में जमीन पर अवैध कब्जे किए जा रहे है. बड़े पैमाने में पेड़ों को काटकर अवैध निर्माण किए गए हैं. समस्या यही खत्म नहीं होती बता दें कि इस भूमि पर लोगों द्वारा खुले में शौच भी किया जाता है, जिस कारण बदबू से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.

यह भी पढ़ें-उत्तराखंड भाजपा ने दिल्ली 'दंगल' में जताया जीत का भरोसा, कहा-डरे हुए हैं केजरीवाल

शिकायतकर्ता पीएस पटवाल और सामाजिक कार्यकर्ता ललित मोहन काला ने बताया कि 2004 में बारह कैंची में मात्र दो या तीन झुग्गी का निर्माण हुआ था. उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को शिकायत कर वन आरक्षित क्षेत्र में हो रहे निर्माण को रोकने की मांग की गई, परंतु भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के कारण आज पूरा क्षेत्र अवैध निर्माण की चपेट में है.

शिकायतकर्ता ने बताया कि क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से मोबाइल टावर भी लगा दिया गया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में तत्कालीन एसडीएम ने अधिशासी अभियंता जल संस्थान, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, अधिशासी अभियंता एमडीडीए, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली व उपखंड अधिकारी ऊर्जा निगम को जांच कर आख्या मांगी थी परंतु भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.

मामले में डीएफओ कहकशा नसीम ने कहा कि बारह केजी की भूमि वन आरक्षित भूमि होने को लेकर विभाग के पास कोई दस्तावेज नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर बारह कैंची में कोई भी व्यक्ति कटान और पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसको लेकर उनके द्वारा अधीनस्थ अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में हर साल मसूरी की समस्याओं को लेकर होने वाली बैठक में उनके द्वारा बारह कैंची के मामलों को भी रखा गया था. उन्होंने सभी संबंधित विभाग को बारह कैची की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर वन विभाग को सौंपने का आग्रह किया गया था, जिससे बारह कैची के वन को संरक्षित किया जा सके.

मसूरी: पिक्चर पैलेस पेट्रोल पंप बारह कैंची मार्ग पर वन आरक्षित क्षेत्र पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है. आरक्षित वन भूमि पर निर्माण कार्य भी कराया जा रहा है. लोगों का आरोप है कि वन विभाग के नगर पालिका और वन विभाग के अधिकारियों की मिली भगत से यह हो रहा है. वहीं, लोगों का आरोप है कि संबंधित विभाग से शिकायत करने के बाद भी विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा. जबकि, इस मामले भी शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर पर भी की गई है.

वन आरक्षित क्षेत्र पर हो रहा अवैध निर्माण.

मामले का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने संबंधित विभागों से आरक्षित वन भूमि पर हो रहे कब्जों को लेकर जवाब भी मांगा गया है. जबकि, मामले के प्रकाश में आने के बाद नगरपालिका और वन विभाग के अधिकारी एक दूसरे को दोषी ठहरा रहे हैं.

बता दें कि पिछले कुछ सालों में बारह कैंची मार्ग पर बड़ी संख्या में जमीन पर अवैध कब्जे किए जा रहे है. बड़े पैमाने में पेड़ों को काटकर अवैध निर्माण किए गए हैं. समस्या यही खत्म नहीं होती बता दें कि इस भूमि पर लोगों द्वारा खुले में शौच भी किया जाता है, जिस कारण बदबू से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है.

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शिकायतकर्ता पीएस पटवाल और सामाजिक कार्यकर्ता ललित मोहन काला ने बताया कि 2004 में बारह कैंची में मात्र दो या तीन झुग्गी का निर्माण हुआ था. उन्होंने कहा कि संबंधित विभागों को शिकायत कर वन आरक्षित क्षेत्र में हो रहे निर्माण को रोकने की मांग की गई, परंतु भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के कारण आज पूरा क्षेत्र अवैध निर्माण की चपेट में है.

शिकायतकर्ता ने बताया कि क्षेत्र में अनाधिकृत रूप से मोबाइल टावर भी लगा दिया गया है. उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में तत्कालीन एसडीएम ने अधिशासी अभियंता जल संस्थान, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका, अधिशासी अभियंता एमडीडीए, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली व उपखंड अधिकारी ऊर्जा निगम को जांच कर आख्या मांगी थी परंतु भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की.

मामले में डीएफओ कहकशा नसीम ने कहा कि बारह केजी की भूमि वन आरक्षित भूमि होने को लेकर विभाग के पास कोई दस्तावेज नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर बारह कैंची में कोई भी व्यक्ति कटान और पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसको लेकर उनके द्वारा अधीनस्थ अधिकारियों को कार्रवाई करने के निर्देश दे दिए गए हैं.

उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में हर साल मसूरी की समस्याओं को लेकर होने वाली बैठक में उनके द्वारा बारह कैंची के मामलों को भी रखा गया था. उन्होंने सभी संबंधित विभाग को बारह कैची की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर वन विभाग को सौंपने का आग्रह किया गया था, जिससे बारह कैची के वन को संरक्षित किया जा सके.

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मसूरी पिक्चर पैलेस पेट्रोल पंप बारह केजी मार्ग पर वन आरक्षित क्षेत्र पर लोगों द्वारा पालिका और वन विभाग के अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर बेशकीमती भूमि पर अवैध कब्जा कर लोगो द्वारा निर्माण कर रहे हैं जिनके खिलाफ शिकायत करने के बाद संबंधित विभाग कार्यवाही करने को तैयार नहीं है जिसकी शिकायत स्थानीय निवासी पीएस पटवाल ने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर की है जिसका संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा संबंधित विभागों से आरक्षित वन भूमि पर हो रहे कब्जों को लेकर जवाब मांगा गया है वही इस संबंध में ना तो पालिका के अधिकारी और ना ही वन विभाग के अधिकारी कुछ कहने को तैयार हैं जिससे साफ है कि पूरे मामले में बड़े भ्रष्टाचार और राजनीतिक दबाव है


Body:मामले के प्रकाश में आने के बाद नगरपालिका और वन विभाग एक दूसरे को दोषी ठहराते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहे हैं बता दें कि पिछले कुछ सालों में बारह केजी मार्ग पर बड़ी संख्या में जमीन पर अवैध कब्जे कर वन विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर बड़े पैमाने में पेड़ों को काटकर अवैध निर्माण किया गए हैं वहीं लोगों के द्वारा खुले में शौच करने से क्षेत्र में बदबू और गंदगी का अंबार लगा हुआ है परंतु राजनीतिक दबाव और भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों के शह के कारण इस दिशा में कभी भी ठोस कार्यवाही नहीं की गई है जिससे अवैध कब्जा धारियों के हौसले बुलंद हैं
शिकायतकर्ता पीएस पटवाल और सामाजिक कार्यकर्ता ललित मोहन काला ने बताया कि 2004 में बारह केची में मात्र दो या तीन झुग्गी का निर्माण हुआ था तब भी संबंधित विभागों को शिकायत कर वन आरक्षित क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माण को रोकने की मांग की थी परंतु भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों की शय के कारण आज पूरा क्षेत्र अवैध निर्माण की चपेट में है वही अनाधिकृत रूप से मोबाइल टावर भी लगा दिया गया है जिससे निकलने वाले खतरनाक किरणों के कारण वन क्षेत्र को भारी नुकसान हो रहा है उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 में तत्कालीन एसडीएम ने अधिशासी अभियंता जल संस्थान अधिशासी अधिकारी नगर पालिका अधिशासी अभियंता एमडीडीए प्रभारी निरीक्षक कोतवाली व उपखंड अधिकारी ऊर्जा निगम को जांच कर आख्या मांगी थी परंतु कि भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा ठोस कड़ी कार्यवाही नही की गईं


Conclusion:डीएफओ कहकशा नसीम ने कहा कि बाहर कैची की भूमि वन आरक्षित भूमि होने के लेकर विभाग के पास कोई दस्तावेज नहीं है उन्होंने कहा कि अगर बारह कैंची में कोई भी व्यक्ति कटान और पेड़ों को नुकसान पहुंचाया जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जिसको लेकर उनके द्वारा अधीनस्थ अधिकारियों को कार्यवाही करने के निर्देश दे दिए गए हैं उन्होंने कहा कि लाल बहादुर शास्त्री प्रशासनिक अकादमी में हर साल मसूरी की समस्याओं को लेकर होने वाली बैठक में उनके द्वारा बाहर कैची के मामलों को भी रखा गया था जिसमें उन्होंने सभी संबंधित विभाग को बाहर कैची की भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराकर वन विभाग को सौंपने का आग्रह किया गया था जिससे बारह कैची के वैन को संरक्षित किया जा सके

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