मसूरी: पहाड़ों की रानी मसूरी में नए साल के जश्न की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. मसूरी में पर्यटकों जमावड़ा लग चुका है. ऐसे में शहर में जाम की समस्या से निपटने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने यातायात रूट प्लान तैयार किया है. हालांकि, फिर भी पर्यटकों को मसूरी पहुंचने में परेशानी उठानी पड़ रही है, जिससे मसूरी के व्यापारियों में पुलिस के खिलाफ भारी आक्रोष व्याप्त है.
व्यापारियों का कहना है कि माल रोड में एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोंडे के निर्देश के बाद मसूरी में बोलार्ड सुबह 10 बजे से रात 10 बजे तक खड़े कर दिये हैं. माल रोड में पर्यटकों के वाहनों को प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है. इमरजेंसी सेवा को भी मालरोड से नहीं जाने दिया जा रहा है. देहरादून से आने वाले ट्रैफिक को भी वनवे कर गांधी चौक से वाहनों को हाथी पांव की ओर भेजा जा रहा है, जिससे पर्यटकों को 8 किलोमीटर अधिक का सफर तय करना पड़ रहा है.
ऐसे में मसूरी होटल एसोसिएशन और स्थानीय लोगों ने कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से लिखित शिकायत कर मालरोड में लगे बोलार्ड को हटाने का आग्रह किया है. मसूरी सीओ नीरज सेमवाल ने बताया कि नव वर्ष पर अधिक संख्या में पर्यटकों के आने की संभावना को देखते हुए वनवे यातायात की व्यवस्था की गई है. साथ ही स्थानीय लोगों के लिए रियायत दी गई है. उन्होंने कहा कि माल रोड पर अधिक भीड़ ना हो इसके लिए बोलार्ड लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा नए साल की तैयारियों को लेकर पूरी व्यवस्था की गई है.
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मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर के महामंत्री जगजीत कुकरेजा का कहना है कि प्रशासन ने अचानक ट्रैफिक प्लान बना दिया है, जबकि पूर्व में बैठक कर सभी से रायशुमारी ली जाती है. इस बार प्रशासन ने जो भी यातायात व्यवस्था बनाई है, उससे स्थानीय लोगों और पर्यटकों परेशानी उठानी पड़ रही है.
काशीपुर में नए साल के जश्न को लेकर ट्रैफिक पुलिस ने रूट डायवर्जन किया है. इसके साथ ही हुड़दंगियों से निपटने के पुलिस ने कमर कस ली है. ऊधम सिंह नगर पुलिस कप्तान डॉ मंजूनाथ टीसी के निर्देश पर काशीपुर सीओ वन्दना वर्मा ने यातायात को एनएच के जरिए वाया दोराहा बाजपुर होते हुए जाने के लिए रूट डायवर्जन किया है. इसके तहत एनएच से काशीपुर की तरफ आने वाले सभी मार्गों पर पुलिस के बैरिकेड लगा दिए हैं. इन बैरिकेड पर पुलिस टीमें लगातार चेकिंग कर रही हैं.
नए साल के आगमन पर पर्यटन नगरी धनौल्टी में पर्यटकों के कम संख्या में पहुंचने से व्यवसायी मायूस दिख रहे हैं. प्रशासन द्वारा केवल उन्हीं पर्यटकों को मसूरी व धनौल्टी आने की अनुमति दी जा रही है, जिनके द्वारा पहले ही होटल बुक करा दिए गए थे, जबकि अन्य पर्यटकों को मसूरी व धनौल्टी जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है, जिसका असर स्थानीय व्यवसाइयों पर पड़ रहा है, जिसके बाद उनके चेहरों पर उदासी छा है.
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अपनी पहचान के लिए प्रसिद्ध पर्यटकों की पसंदीदा ईको पार्क व ईको हट्स के सैर सपाटे में भी पर्यटक रुचि नहीं ले रहे हैं, जिसका मुख्य कारण बदहाल पड़ा ईको पार्क धनौल्टी व जर्जर हो चुकी ईको हट्स हैं. समिति के सचिव का कहना है कि ईको पार्क समिति ने संबंध में कई बार वन विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया गया.
साथ ही पिछले दिनों अपने दौरे पर धनौल्टी पहुंचे PCCF (प्रिन्सपल चीफ कन्जरवेटर आफ फॉरेस्ट) विनोद सिघंल को भी ईको पार्क समिति के द्वारा पार्क की बदहाल स्तिथि के बारे में अवगत कराया गया था. उन्होंने आश्वासन दिया था कि वे इस मामले का जल्द समाधान करेंगे लेकिन अब तक भी इस ओर ध्यान नहीं दिया गया. जिसके बाद ईको पार्क समिति ने 20 दिसंबर को से ईको हट पर्यटकों के लिए बंद कर दी.
ईको पार्क समिति के सचिव मनोज उनियाल ने बताया कि ईको हट की स्थिति दिन व दिन बदतर होती जा रही है. गीजरों में करंट दौड़ रहा है. दरवाजे टूट चुके हैं. वहीं ईको पार्क में भी ट्रैक रूट जगह-जगह टूट चुके हैं. शौचालय नहीं हैं. अगर इस ओर जल्द ही ध्यान नहीं दिया गया तो अपनी खूबसूरत पहचानी जाने वाली धनौल्टी खामोश हो छाएगी.