मसूरी: कोरोना काल में जहां बड़े उद्योगों और होटल व्यवसायियों की कमर टूट गई है, तो वहीं उत्तराखंड सरकार के होम स्टे योजना की हालत भी बद से बदतर हो गई है. उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए होम स्टे योजना शूरू की. लेकिन लॉकडाउन में होम स्टे से जुड़े लोगों को भी भारी नुकसान हुआ है. अपनी समस्याओं और सरकार की गाइडलाइन को लेकर मसूरी में होम स्टे एसोसिएशन ने बैठक की और अहम चर्चा की.
मसूरी होम स्टे एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार ने होम स्टे की योजना पर्यटन क्षेत्र में रोजगार का साधन उपलब्ध कराने के लिए थी. लेकिन सरकार ने लॉकडाउन के दौरान होम स्टे स्वामियों को किसी प्रकार की कोई मदद नहीं दी, जिससे होम स्टे स्वामी खासे परेशान हैं. मसूरी में अधिकतर होम स्टे स्वामियों द्वारा बैंक से लोन लेकर होम स्टे बनाए गए हैं. वहीं, लॉकडाउन में काम बंद होने के कारण होम स्टे स्वामी बैंक की किश्त भी नहीं चुका पा रहे हैं.
मसूरी होम स्टे एसोसिएशन अध्यक्ष देवी गोदियाल ने कहा कि मसूरी होम स्टे एसोसिएशन द्वारा प्रदेश सरकार से लॉकडाउन के दौरान सभी होम स्टे संचालकों की बिजली-पानी के बिलों को माफ करने की मांग की गई है. होम स्टे स्वामियों द्वारा बैंक से लिए गए लोन पर ब्याज में छूट देने की मांग की गई है.
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गोदियाल ने कहा कि जल्द ही मसूरी होम स्टेस एसोसिएशन अपनी समस्याओं को लेकर उप जिलाधिकारी मसूरी से मुलाकात करेगा और होम स्टे स्वामियों की परेशानी को लेकर मुख्यमंत्री ज्ञापन प्रेषित करेंगे. उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत होम स्टे स्वामियों की समस्या का निदान करेंगें.