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ये है होलिका दहन का मुहूर्त, नवविवाहित जोड़ों के लिए आज का दिन है खास

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Published : Mar 20, 2019, 8:33 PM IST

Updated : Mar 20, 2019, 9:42 PM IST

होली से पहले होलीका दहन का विशेष महत्व माना जाता है. शादी के बाद होलिका की पूजा का बहुत बड़ा महत्व है. फागुन पूर्णिमा के अवसर पर रात 9 बजे का शुभ मुहूर्त है.

होलिका दहन को लेकर लोगों में खासा उत्साह

ऋषिकेश: नगर में होलिका दहन को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. त्रिवेणी घाट पर भव्य रूप से होलिका की तैयारी की गई है. बड़ी संख्या में नगरवासी होलिका दहन के लिए पहुंच रहे हैं. आज रात नौ बजे शुभ मुहूर्त पर होलिका दहन किया जाएगा.

होलिका दहन को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है.


बता दें कि, होली से पहले होलीका दहन का विशेष महत्व माना जाता है. इसी क्रम में त्रिवेणी घाट पर होलिका दहन की तैयारी जोर- शोर से चल रही हैं. बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच कर होलिका की पूजा कर रहे हैं. पूजा करने के लिए विशेष रूप से नवविवाहित जोड़े पहुंच रहे हैं. शादी के बाद पहली होली मना रहे जोड़ों का कहना है कि, शादी के बाद होलिका की पूजा का बहुत बड़ा महत्व है. यही कारण है कि नवविवाहित जोड़े यहां पहुंच कर पूजा अर्चना कर रहे हैं.
वहीं पंडित वेद प्रकाश शर्मा ने बताया कि, फागुन पूर्णिमा के अवसर पर रात 9 बजे का शुभ मुहूर्त है. तभी होलिका दहन किया जाएगा. तीर्थ नगरी में होलिका दहन की तैयारी जोर शोर से की जा रही है.

ऋषिकेश: नगर में होलिका दहन को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. त्रिवेणी घाट पर भव्य रूप से होलिका की तैयारी की गई है. बड़ी संख्या में नगरवासी होलिका दहन के लिए पहुंच रहे हैं. आज रात नौ बजे शुभ मुहूर्त पर होलिका दहन किया जाएगा.

होलिका दहन को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है.


बता दें कि, होली से पहले होलीका दहन का विशेष महत्व माना जाता है. इसी क्रम में त्रिवेणी घाट पर होलिका दहन की तैयारी जोर- शोर से चल रही हैं. बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंच कर होलिका की पूजा कर रहे हैं. पूजा करने के लिए विशेष रूप से नवविवाहित जोड़े पहुंच रहे हैं. शादी के बाद पहली होली मना रहे जोड़ों का कहना है कि, शादी के बाद होलिका की पूजा का बहुत बड़ा महत्व है. यही कारण है कि नवविवाहित जोड़े यहां पहुंच कर पूजा अर्चना कर रहे हैं.
वहीं पंडित वेद प्रकाश शर्मा ने बताया कि, फागुन पूर्णिमा के अवसर पर रात 9 बजे का शुभ मुहूर्त है. तभी होलिका दहन किया जाएगा. तीर्थ नगरी में होलिका दहन की तैयारी जोर शोर से की जा रही है.

Intro:उत्तरकाशी। होली का होल्यारों की धूम मची छा, हो हो हो ऐगे होली,पर्वतों मा,बसन्त ऋतु मा, जैसे गीतों के साथ छोटी होली की सुबह से ही शुरू हो जाती है। इन मस्त,रंगमंच से जुड़े लोगों की होली। बुधवार को बारिश के बीच भी इन होल्यारों की होली के रंग में कोई भंग नहीं पड़ा। बारिश में भी होली और रंगमंचों की धूम,ढपली और हुडको की ताल पर। जी हां हम बात कर रहे हैं।उत्तरकाशी के रंगमंच ग्रुप संवेदना समूह की। जो हर वर्ष जिला मुख्यालय में अनोखे अंदाज में होली मनाते हैं। जनपदवासी भी इनका खूब साथ देते हैं।


Body:वीओ-1, बुधवार को कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच होली के सुअवसर पर संवेदना समूह के सभी कलाकार केदार घाट स्थित कार्यालय में उपस्थित हुए और उसके बाद छतों से लेकर सड़कों पर गूंज उठे रंगमंच और लोकगीत। संवेदना समूह हर वर्ष दो दिन की होली को पूरे जिला मुख्यालय में मनाता है। होली के अवसर पर सुबह सभी गलियों में जनगीत गाकर लोगों को देश के प्रति जागरुक करते हैं। बुधवार शाम को संवेदना समूह के कलाकरो ने नगर के मुख्य हनुमान चौक पर होलिका दहन किया। पूजा पाठ के बाद हनुमान चौक पर होली और लोकगीतों पर स्थानीय नगरवासी जमकर थिरके।


Conclusion:वीओ-2, संवेदना समूह के गायक संजय पंवार ने बताया कि होली को जनगीतों और लोकगीतों के साथ मनाकर समूह आपसी भाईचारे को बढ़ावा दिया जाता है। साथ ही शांति से होली को मनाने की अपील लोगों से की जाती है। संजय ने बताया कि संवेदना समूह में हर वर्ग के लोग अपनी भागीदारी निभाते हैं। हर वर्ष प्रयास रहता है कि होली को अच्छे से अच्छा मनाया जा सके। बाईट- संजय पंवार,गायक संवेदना समूह,उत्तरकाशी।
Last Updated : Mar 20, 2019, 9:42 PM IST
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