देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना का ग्राफ बढ़ता जा रहा है. कोरोना से मरने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. उत्तराखंड में अब अस्पतालों के लिए मौत के मामले छुपाना या उसकी सही जानकारी नहीं देना महंगा पड़ सकता है. दरअसल, हरिद्वार के बाबा बर्फानी अस्पताल में मौत के मामले छुपाने को लेकर खबरें सामने आने के बाद स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी ने इसके मद्देनजर आदेश जारी करते हुए ऐसे अस्पतालों के खिलाफ महामारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए हैं.
उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित सिंह नेगी ने एक आदेश जारी करते हुए सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया है कि राज्य में कुछ मामले जिसमें मौत की सूचना नियमित रूप से उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम को नहीं दी जा रही है. ऐसे में राज्य को मौत के मामलों को लेकर स्थितियां स्पष्ट नहीं हो पा रही हैं. जिसके चलते ऐसा करने वाले अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ कोविड-19 महामारी अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कार्रवाई अमल में लाने के लिए कहा गया है.
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बता दें कि, हरिद्वार के बाबा बर्फानी अस्पताल में 65 मरीजों की मौत के मामले छुपाने की बातें सामने आई थी. स्टेट कंट्रोल रूम की सख्ती के बाद अस्पताल में इसकी जानकारी साझा की, एक साथ इतनी बड़ी संख्या में मौत की बात सामने आने के बाद विभाग द्वारा फौरन इस पर गंभीरता दिखाई गई है. ऐसे मामलों और स्थितियों को रोकने के लिए स्वास्थ्य सचिव की तरफ से आदेश जारी किया गया है. आदेश में साफ है कि नियमों के तहत नियमित रूप से डेथ समरी उत्तराखंड स्टेट कंट्रोल रूम को ईमेल आईडी covid19statewarroomuk@gmail.com पर हर दिन उपलब्ध करानी होती है. ऐसा नहीं करने वाले अस्पतालों के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक और चिकित्सा अधीक्षक के खिलाफ महामारी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकती है.