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पिछले एक महीने में 5 गुना बढ़ी ऑक्सीजन की खपतः स्वास्थ्य सचिव

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने रविवार को कोरोना संक्रमण को लेकर प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं की मौजूदा स्थिति के बारे में जानकारी दी.

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Published : May 2, 2021, 5:40 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही राज्य सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों और सुविधाओं में की जा रही बढ़ोतरी को लेकर रविवार को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं की मौजूदा स्थिति से भी अवगत कराया गया.

पिछले एक महीने में 5 गुना बढ़ी ऑक्सीजन की खपतः स्वास्थ्य सचिव

पिछले एक महीने में तेजी से बढ़ाई गई स्वास्थ्य सेवा

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बाद प्रदेश सरकार द्वारा इसकी रोकथाम हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में साझा प्रेस कॉफ्रेंस को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि 1 अप्रैल 2020 को प्रदेश में 216 आईसीयू बेड थे. तो 1 अप्रैल 2021 को 836 आईसीयू बेड थे. लेकिन वर्तमान में आईसीयू बेड की संख्या 1336 हो गई है. पिछले एक महीने में करीब 500 आईसीयू बेड बढ़ाए गए हैं. इसके साथ ही 1 अप्रैल 2020 प्रदेश में 116 वेंटिलेटर थे. एक साल बाद 1 अप्रैल 2021 को प्रदेश में वेंटिलेटर की संख्या 695 थी. लेकिन अब वर्तमान में 842 पहुंच चुकी है.

100 मीट्रिक टन के करीब ऑक्सीजन की खपत

इसके अलावा प्रदेश में 1 अप्रैल 2020 को ऑक्सीजन बेड 673 थे. 1 अप्रैल 2021 को ऑक्सीजन बेड की संख्या 3535 थी, जो वर्तमान में 6002 पहुंच चुकी है. अर्थात पिछले एक महीने में लगभग 2500 ऑक्सीजन बेड बढ़ाए गए हैं. सचिव नेगी ने बताया कि 1 अप्रैल 2020 को प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत 8 मीट्रिक टन थी. जबकि 1 अप्रैल 2021 को प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत 15-20 मीट्रिक टन तक बढ़ गई. लेकिन वर्तमान में 100 मीट्रिक टन के करीब ऑक्सीजन की खपत है.

प्रदेश में 6 जगहों पर ऑक्सीजन प्लांट

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि जैसे-जैसे ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी, ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ेगी. हमारे पास इसकी पर्याप्त क्षमता है. प्रदेश में 1 अप्रैल 2020 को टाइप बी ऑक्सीजन सिलेंडर 1193 मौजूद थे. जबकि वर्तमान में सिलेंडरों की संख्या 9917 पहुंच गई है. यह सभी सिलेंडर अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 1 अप्रैल 2020 को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 275 थे, जो 1 अप्रैल 2021 को 1275 हो गए और वर्तमान में 3275 हैं.

1 अप्रैल 2020 को सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट था. जबकि 1 अप्रैल 2021 में मेला हॉस्पिटल हरिद्वार में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया. लेकिन वर्तमान में 6 जगह पर ऑक्सीजन प्लांट है. जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग, जिला अस्पताल रुद्रपुर, हेमवती नंदन बहुगुणा अस्पताल हरिद्वार, बेस हॉस्पिटल हल्द्वानी में भी ऑक्सीजन प्लांट संचालित हो रहा है. इन सभी प्लांट से 2330 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की क्षमता सृजित की जा रही है.

9 स्थानों पर जल्द लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 9 ऐसे स्थान हैं जहां ऑक्सीजन प्लांट जल्द लगाए जाएंगे. जिनमें मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल चमोली, एसडीएच नरेंद्र नगर, जिला अस्पताल अल्मोड़ाअ, जिला अस्पताल चंपावत, जिला अस्पताल उत्तरकाशी, जिला अस्पताल पिथौरागढ़ शामिल है. स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 13200 रेमडेसिविर इंजेक्शन लाए जा चुके हैं, जिसमें 2 बार स्टेट प्लेन के माध्यम से अहमदाबाद से इंजेक्शन मंगवाए गए हैं. सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है. जनता का सहयोग भी बहुत जरूरी है. कोविड के प्रोटोकॉल का पालन करें. लोग काफी जागरूक भी हुए हैं.

होम आइसोलेशन के मरीजों की लगातार मॉनिटरिंग

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईजी अमित सिन्हा ने दवाओं की कालाबाजारी को लेकर की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कालाबाजारी रोकने हेतु 112 टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत की व्यवस्था की गई है. पिछले 2 दिन में 147 शिकायतें पुलिस टीम को मिली है. जिसके बाद पुलिस टीम द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर की ओवर रेटिंग के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है.

पल्स ऑक्सीमीटर, वन रक्षक दवा एवं हॉस्पिटल बेड की कालाबाजारी को लेकर कोई बात सामने आती है, तो जल्द उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. आईजी सिन्हा ने बताया कि पुलिस मास्क न पहन ने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई कर रही है. हालांकि लोगों में काफी जागरूकता आई है.

होम आइसोलेशन एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग संबंधित जानकारी देते हुए डीआईजी एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ द्वारा होम आइसोलेशन में रहने वाले सभी लोगों को फोन कॉल्स किए जा रहे हैं. बीते 6 दिन में लगभग 26 हजार लोग होम आइसोलेशन में रह रहे थे. एसडीआरएफ की टीम रोजाना लगभग 5 हजार फोन कॉल करती है. उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत सामने आती है, तो उनकी संबंधित डॉक्टरों से बात भी कराई जा रही है. पिछले 2 दिन में 600 से ज्यादा मरीजों की डॉक्टरों से मरीजों की बात कराई गई है.

देहरादूनः उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही राज्य सरकार की तरफ से किए जा रहे प्रयासों और सुविधाओं में की जा रही बढ़ोतरी को लेकर रविवार को स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं की मौजूदा स्थिति से भी अवगत कराया गया.

पिछले एक महीने में 5 गुना बढ़ी ऑक्सीजन की खपतः स्वास्थ्य सचिव

पिछले एक महीने में तेजी से बढ़ाई गई स्वास्थ्य सेवा

उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के बाद प्रदेश सरकार द्वारा इसकी रोकथाम हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदेश के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में साझा प्रेस कॉफ्रेंस को संबोधित करते हुए जानकारी दी कि 1 अप्रैल 2020 को प्रदेश में 216 आईसीयू बेड थे. तो 1 अप्रैल 2021 को 836 आईसीयू बेड थे. लेकिन वर्तमान में आईसीयू बेड की संख्या 1336 हो गई है. पिछले एक महीने में करीब 500 आईसीयू बेड बढ़ाए गए हैं. इसके साथ ही 1 अप्रैल 2020 प्रदेश में 116 वेंटिलेटर थे. एक साल बाद 1 अप्रैल 2021 को प्रदेश में वेंटिलेटर की संख्या 695 थी. लेकिन अब वर्तमान में 842 पहुंच चुकी है.

100 मीट्रिक टन के करीब ऑक्सीजन की खपत

इसके अलावा प्रदेश में 1 अप्रैल 2020 को ऑक्सीजन बेड 673 थे. 1 अप्रैल 2021 को ऑक्सीजन बेड की संख्या 3535 थी, जो वर्तमान में 6002 पहुंच चुकी है. अर्थात पिछले एक महीने में लगभग 2500 ऑक्सीजन बेड बढ़ाए गए हैं. सचिव नेगी ने बताया कि 1 अप्रैल 2020 को प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत 8 मीट्रिक टन थी. जबकि 1 अप्रैल 2021 को प्रदेश में ऑक्सीजन की खपत 15-20 मीट्रिक टन तक बढ़ गई. लेकिन वर्तमान में 100 मीट्रिक टन के करीब ऑक्सीजन की खपत है.

प्रदेश में 6 जगहों पर ऑक्सीजन प्लांट

स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने बताया कि जैसे-जैसे ऑक्सीजन बेड की संख्या बढ़ाई जाएगी, ऑक्सीजन की खपत भी बढ़ेगी. हमारे पास इसकी पर्याप्त क्षमता है. प्रदेश में 1 अप्रैल 2020 को टाइप बी ऑक्सीजन सिलेंडर 1193 मौजूद थे. जबकि वर्तमान में सिलेंडरों की संख्या 9917 पहुंच गई है. यह सभी सिलेंडर अलग-अलग अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर रहे हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 1 अप्रैल 2020 को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर 275 थे, जो 1 अप्रैल 2021 को 1275 हो गए और वर्तमान में 3275 हैं.

1 अप्रैल 2020 को सिर्फ श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के पास अपना ऑक्सीजन प्लांट था. जबकि 1 अप्रैल 2021 में मेला हॉस्पिटल हरिद्वार में भी ऑक्सीजन प्लांट लगाया गया. लेकिन वर्तमान में 6 जगह पर ऑक्सीजन प्लांट है. जिला अस्पताल रुद्रप्रयाग, जिला अस्पताल रुद्रपुर, हेमवती नंदन बहुगुणा अस्पताल हरिद्वार, बेस हॉस्पिटल हल्द्वानी में भी ऑक्सीजन प्लांट संचालित हो रहा है. इन सभी प्लांट से 2330 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन की क्षमता सृजित की जा रही है.

9 स्थानों पर जल्द लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट

स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 9 ऐसे स्थान हैं जहां ऑक्सीजन प्लांट जल्द लगाए जाएंगे. जिनमें मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी, अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल चमोली, एसडीएच नरेंद्र नगर, जिला अस्पताल अल्मोड़ाअ, जिला अस्पताल चंपावत, जिला अस्पताल उत्तरकाशी, जिला अस्पताल पिथौरागढ़ शामिल है. स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में 13200 रेमडेसिविर इंजेक्शन लाए जा चुके हैं, जिसमें 2 बार स्टेट प्लेन के माध्यम से अहमदाबाद से इंजेक्शन मंगवाए गए हैं. सरकार हर मुमकिन कोशिश कर रही है. जनता का सहयोग भी बहुत जरूरी है. कोविड के प्रोटोकॉल का पालन करें. लोग काफी जागरूक भी हुए हैं.

होम आइसोलेशन के मरीजों की लगातार मॉनिटरिंग

वहीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईजी अमित सिन्हा ने दवाओं की कालाबाजारी को लेकर की जा रही कार्रवाई के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा कालाबाजारी रोकने हेतु 112 टोल फ्री नंबर पर भी शिकायत की व्यवस्था की गई है. पिछले 2 दिन में 147 शिकायतें पुलिस टीम को मिली है. जिसके बाद पुलिस टीम द्वारा पल्स ऑक्सीमीटर की ओवर रेटिंग के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है.

पल्स ऑक्सीमीटर, वन रक्षक दवा एवं हॉस्पिटल बेड की कालाबाजारी को लेकर कोई बात सामने आती है, तो जल्द उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा. आईजी सिन्हा ने बताया कि पुलिस मास्क न पहन ने वालों के खिलाफ चालान की कार्रवाई कर रही है. हालांकि लोगों में काफी जागरूकता आई है.

होम आइसोलेशन एवं कांटेक्ट ट्रेसिंग संबंधित जानकारी देते हुए डीआईजी एसडीआरएफ रिधिम अग्रवाल ने बताया कि एसडीआरएफ द्वारा होम आइसोलेशन में रहने वाले सभी लोगों को फोन कॉल्स किए जा रहे हैं. बीते 6 दिन में लगभग 26 हजार लोग होम आइसोलेशन में रह रहे थे. एसडीआरएफ की टीम रोजाना लगभग 5 हजार फोन कॉल करती है. उन्होंने बताया कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कत सामने आती है, तो उनकी संबंधित डॉक्टरों से बात भी कराई जा रही है. पिछले 2 दिन में 600 से ज्यादा मरीजों की डॉक्टरों से मरीजों की बात कराई गई है.

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