देहरादून: गोल्डन कार्ड की खामियों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने अध्यक्ष स्वास्थ्य प्राधिकरण, सचिव स्वास्थ्य और अधिकारियों के साथ सचिवालय में बैठक की. इस दौरान सचिवालय संघ द्वारा कर्मियों, पेंशनर्स एवं उनके आश्रितों को दिए गए गोल्डन कार्ड की खामियों पर चर्चा की गई.
गौरतलब है कि गोल्डन कार्ड की खामियों के कारण कर्मिकों को उपचार कराने में असुविधा हो रही है. बैठक में सचिवालय संघ ने बताया कि जनवरी 2021 से अब तक प्रतिमाह अंशदान की कटौती के बाद भी इस सुविधा का लाभ कर्मियों को नहीं मिल रहा है. मामले में अधिकारियों के सुस्त रवैय से कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है.
गोल्डन कार्ड की यह योजना सचिवालय सहित प्रदेश के कर्मचारियों, शिक्षकों, पेंशनरों के मासिक अंशदान से संचालित है. इसमें सरकार से कोई वित्तीय सहायता या फिर बजट नहीं लिया जा रहा है. 20 फरवरी 2020 को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के स्तर पर सचिवालय संघ सहित प्रदेश के सभी संगठनों के विस्तृत विचार विमर्श एवं सुझाव के उपरांत संशोधन प्रस्ताव को शासन स्तर पर स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों के द्वारा अनावश्यक रूप से घुमाया जा रहा है. लगभग 5 माह का समय व्यतीत होने के बाद भी संबंधित पत्रावली को अब तक निस्तारित न करने से सरकार की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है.
ये भी पढ़ें: नैनो यूरिया से उत्पादकता पर कृषि मंत्री की वर्चुअल बैठक, जानिए विशेषता ?
बैठक में सचिवालय संघ ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों की कर्मचारी विरोधी कार्य प्रणाली को मंत्री के संज्ञान में लाया. सचिवालय संघ ने बताया कि अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों की चिकित्सा प्रतिपूर्ति की पूर्ण व्यवस्था को एकाएक समाप्त कर वर्तमान व्यवस्था को खामियों के साथ लागू किया गया है. वहीं, दूसरी ओर अपने लिए 2 हजार रुपए प्रतिदिन चिकित्सा प्रतिपूर्ति की दर वर्तमान समय तक यथावत लागू रखी गयी है.
सचिवालय संघ ने बैठक में गोल्डन कार्ड की खामियों के रूप में इस योजना को अटल आयुष्मान योजना से पूर्ण रूप से पृथक करने की मांग की. वहीं, इस योजना को पूर्ण रूप से CGHS के अंतर्गत परिवर्तित करने की मांग की. साथ ही उपचार के लिए बीमारियों के आधार पर सूचीबद्धता न करने को कहा. वहीं, सचिवालय संघ ने नए सिरे से CGHS की दरों पर सम्पूर्ण चिकित्सालय को सूचीबद्ध किए जाने और राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा संशोधन प्रस्ताव को शासन स्तर पर स्वीकृति प्रदान किए जाने की मांग की.
स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने सचिवालय संघ के सभी प्रमुख बिंदुओं को सैद्धांतिक रूप से स्वीकार करते हुए आश्वस्त किया कि कर्मचारी एवं पेंशनर्स की यह योजना मांग के अनुरूप अपेक्षित रूप से दुरूस्त की जाएगी. साथ ही सचिवालय संघ व कार्मिको की मांग के अनुरूप इसे स्वीकार कराया जाएगा.