देहरादून: आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्रीनगर में जन आशीर्वाद रैली का शुभारंभ कर चुनावी बिगुल फूंक दिया है. यही नहीं, भाजपा ने आगामी चुनाव को देखते हुए तमाम कार्यक्रमों की भी पहले से ही तैयारी कर ली है. वहीं, दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सक्रियता भी भाजपा के लिए एक चिंता का विषय है. आज प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा बीजेपी को टक्कर देने वाला कोई बड़ा चेहरा मौजूद नहीं है. यही कारण है कि भाजपा हरीश रावत से निपटने की तैयारियों में लगी है.
साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दो जगह से विधानसभा का चुनाव लड़ा था. तब हरीश रावत दोनों ही जगहों से चुनाव हार गये थे. उसके बाद से ही हरीश रावत न सिर्फ सोशल मीडिया बल्कि धरातल पर भी काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं. यही नहीं, आगामी 2022 विधानसभा चुनाव को महज कुछ महीने का ही वक्त बचा है ऐसे में हरीश रावत की सक्रियता इस ओर इशारा कर रही है कि इस बार हरीश रावत कोई चूक नहीं छोड़ना चाहते हैं.
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सक्रियता कहीं ना कहीं भाजपा चिंतित है. इसकी मुख्य वजह वर्तमान समय में भाजपा के पास ऐसा कोई बड़ा चेहरा नहीं जो सीधे तौर पर हरीश रावत को टक्कर दे सके. जिसके कारण भाजपा फिलहाल युवा मुख्यमंत्री का नारा देकर चुनाव में आगे बढ़ रही है. युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी उतना जनाधार नहीं है, जितना जनाधार हरीश रावत का है. यही नहीं, भाजपा पुष्कर सिंह धामी को भले ही युवा चेहरे के तौर पर पेश कर रही हो. लेकिन वर्तमान स्थिति क्या है ये संगठन भी जानता है.
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ऐसे में अगर आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को टक्कर देनी है तो किसी ऐसे चेहरे को लाना होगा जो सीधे हरीश रावत को टक्कर दे सके. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत भी इस बात को मानते हैं कि पुष्कर सिंह धामी का उतना जनाधार नहीं है. ऐसे में पुष्कर सिंह धामी हरीश रावत को सीधे तौर पर टक्कर नहीं दे सकते हैं.
लिहाजा भाजपा को ऐसे चेहरे को लाने की जरूरत है, जो हरीश रावत को सीधे टक्कर दे सके. जय सिंह रावत का कहना है कि वर्तमान समय में भाजपा के भीतर कई बड़े चेहरे ऐसे हैं, जो सीधे तौर पर हरीश रावत को टक्कर दे सकते हैं. मगर उन चेहरों का भाजपा किस तरह से इस्तेमाल करेगी यह एक बड़ा सवाल है?
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जय सिंह रावत बताते हैं कि भाजपा के भीतर पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, विजय बहुगुणा के साथ ही वर्तमान कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज और हरक सिंह रावत ऐसे चेहरे हैं, जो सीधे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को टक्कर दे सकते हैं. फिलहाल, रमेश पोखरियाल अस्वस्थ चल रहे हैं. उनके ठीक होने के बाद भाजपा आगामी चुनाव में उन्हें किस तरह की जिम्मेदारी देकर उनका इस्तेमाल करेगी ये अभी फिलहाल स्पष्ट नहीं है. मगर इतना जरूर है कि अगर रमेश पोखरियाल सामने आते हैं तो वह सीधे तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को टक्कर देंगे.
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इस मामले पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता शादाब शम्स का कहना है हरीश रावत का एक्सपीरियंस कांग्रेस के नेता ही नहीं मान रहे हैं. उनका मानना है कि हरीश रावत पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं, जो ना सिर्फ दो-दो सीटों से चुनाव हारे हैं. बल्कि वे अपनी पार्टी को मात्र 11 सीटों पर लेकर आए हैं. ऐसे में हरीश रावत को टक्कर देने के लिए भाजपा का युवा चेहरा और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ही काफी हैं. पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के बारे में उन्होंने बताया वे अभी अस्वस्थ चल रहे हैं. उनके ठीक होने के बाद उन्हें किस तरह की जिम्मेदारी दी जानी है, इसका निर्णय हाईकमान करेगा.
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वहीं, कांग्रेस प्रदेश महामंत्री मथुरा दत्त जोशी का कहना है कि भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस को टक्कर देने के लिए कोई भी चेहरा सामने लेकर आये या फिर कोई भी हथकंडा अपना ले, इस बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ही सत्ता पर काबिज होगी. उन्होंने कहा भाजपा की नीतियों को जनता समझ गई है. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव में जनता कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए तैयार बैठी है.