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हरीश रावत 5 दिसंबर को विधानसभा के बाहर देंगे धरना, उठाएंगे किसानों की समस्या

विधानसभा के सामने धरना देने से पहले हरीश रावत चार दिसंबर को टीएचडीसी के विनिवेश के खिलाफ टिहरी में धरना देने जा रहे हैं.

uttarakhand
फाइल फोटो
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Published : Nov 30, 2019, 11:00 PM IST

देहरादून: गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सूबे की राजनीति गरमाने लगी है. ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने गन्ना के बकाया भुगतान समेत किसानों को कई मांगों को लेकर पांच दिसंबर को विधानसभा के सामने धरना देंगे. इस दौरान हरीश रावत के धरने में हरिद्वार और रुड़की से प्रदेश किसान कांग्रेस कमेटी के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि किसानों के समर्थन में दिए जाने वाले धरने और उपवास की तारीख खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तय की है.

विधानसभा के बाहर धरना देंगे हरीश रावत.

पढ़ें- पाइप लाइन बिछाने को लेकर आपस में भिड़े दो पक्ष, कोतवाली का किया घेराव

उत्तराखंड किसान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी ने बताया कि पांच दिसंबर को हरीश रावत विधासनभा के सामने किसानों को मांग को लेकर धरना देंगे. इस धरने में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत पार्टी के कई पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जा रहा है.

राठी ने बताया कि दो साल से गन्ने का बकाया भुगतान नहीं हुआ है. सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने वादा किया था कि किसानों के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी ने किसी भी किसान का कर्जा माफ नहीं किया.

पढ़ें- उत्तराखंड: नव निर्वाचित पंचायत सदस्यों की बैठक संपन्न, पद और गोपनीयता की ली शपथ

बीजेपी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुना करने की भी वादा किया था, लेकिन उस दिशा में भी कुछ नहीं हुआ. खाद के मूल्य बढ़ते जा रहे हैं. यह सरकार जनविरोधी है और किसानों का शोषण करने में लगी हुई है. इसलिए प्रदेश के किसान विधानसभा सत्र के दौरान एक विशाल धरना देने की तैयारी कर चुके हैं. बता दें कि इससे पहले हरीश रावत चार दिसंबर को टीएचडीसी के विनिवेश के खिलाफ टिहरी में धरना देने जा रहे हैं.

देहरादून: गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लेकर सूबे की राजनीति गरमाने लगी है. ऐसे में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत ने गन्ना के बकाया भुगतान समेत किसानों को कई मांगों को लेकर पांच दिसंबर को विधानसभा के सामने धरना देंगे. इस दौरान हरीश रावत के धरने में हरिद्वार और रुड़की से प्रदेश किसान कांग्रेस कमेटी के सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल होंगे. बताया जा रहा है कि किसानों के समर्थन में दिए जाने वाले धरने और उपवास की तारीख खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तय की है.

विधानसभा के बाहर धरना देंगे हरीश रावत.

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उत्तराखंड किसान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी ने बताया कि पांच दिसंबर को हरीश रावत विधासनभा के सामने किसानों को मांग को लेकर धरना देंगे. इस धरने में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह समेत पार्टी के कई पदाधिकारियों को आमंत्रित किया जा रहा है.

राठी ने बताया कि दो साल से गन्ने का बकाया भुगतान नहीं हुआ है. सत्ता में आने से पहले बीजेपी ने वादा किया था कि किसानों के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बीजेपी ने किसी भी किसान का कर्जा माफ नहीं किया.

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बीजेपी सरकार ने किसानों की आमदनी दोगुना करने की भी वादा किया था, लेकिन उस दिशा में भी कुछ नहीं हुआ. खाद के मूल्य बढ़ते जा रहे हैं. यह सरकार जनविरोधी है और किसानों का शोषण करने में लगी हुई है. इसलिए प्रदेश के किसान विधानसभा सत्र के दौरान एक विशाल धरना देने की तैयारी कर चुके हैं. बता दें कि इससे पहले हरीश रावत चार दिसंबर को टीएचडीसी के विनिवेश के खिलाफ टिहरी में धरना देने जा रहे हैं.

Intro:गन्ना किसानों के बकाया भुगतान समेत उनकी विभिन्न मांगों को लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत आगामी पाँच दिसंबर को विधानसभा सत्र के दौरान धरने पर बैठने जा रहे हैं। उनके साथ प्रदेश किसान कांग्रेस कमेटी के सैकड़ों कार्यकर्ता हरिद्वार, रुड़की, से आकर धरने में शामिल होंगे। बताया जा रहा है कि किसानों के समर्थन में दिए जाने वाले धरने और उपवास की तारीख खुद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने तय की है।


Body: वही उत्तराखंड किसान कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष सुशील राठी के अनुसार आगामी 5 दिसंबर को होने जा रहे धरने और उपवास में खुद हरीश रावत मौजूद रहेंगे इसके अलावा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष समेत सभी विधायकों और कार्यकर्ताओं को धरने में आमंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2 साल हो चुके हैं लेकिन किसानों को गन्ने का भुगतान अभी तक नहीं मिला है। जिस तरीके से भाजपा ने वायदा किया था कि यदि बीजेपी सत्ता में आएगी तो सभी किसानों के कर्ज माफ कर दिए जाएंगे लेकिन प्रदेश के किसानों के कर्जे अभी तक माफ नहीं हुए हैं। किसानों की आमदनी दोगुना करने का वायदा भी किया गया था लेकिन उस दिशा में भी कुछ नहीं हुआ है पेट्रोल-डीजल किसानों को नंगी कीमत में मिल रहा है। खाद के मूल्य बढ़ते जा रहे हैं यह सरकार जनविरोधी है और किसानों का शोषण करने में लगी हुई है, इसलिए प्रदेश के किसान विधानसभा सत्र के दौरान एक विशाल धरना देने की तैयारी कर चुके हैं।
बाइट , सुशील राठी, प्रदेश अध्यक्ष, उत्तराखंड किसान कांग्रेस कमेटी


Conclusion:दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत आगामी 4 दिसंबर को टीएचडीसी के विनिवेश के खिलाफ टिहरी में धरना देने जा रहे हैं उसके बाद आगामी 5 तारीख को हरीश रावत प्रदेश के किसानों के साथ मिलकर उनकी मांगों के समर्थन में विधानसभा सत्र के दौरान धरना और उपवास करने जा रहे हैं।
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