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पौड़ी कमिश्नरी की गोल्डन जुबली पर बोले- हरीश रावत,  नहीं मिला असली अधिकार

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Published : Jun 29, 2019, 9:31 PM IST

हरीश रावत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पिछली सरकार में गलतियां नहीं हुई हैं. पौड़ी कमिश्नरी के कार्यालय की अस्थिरता को लेकर पिछली सरकार से लेकर मौजूदा समय तक की स्थिति जस की तस है. सरकार ने जो पलायन आयोग बनाया था उसका पलायन भी सब ने देखा. एनआईटी का भवन प्रस्तावित था, लेकिन वो विवादों में डाल दिया गया.

पूर्व सीएम हरीश रावत

पौड़ी: गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर जहां त्रिवेंद्र सरकार पौड़ी में स्वर्ण जयंती समारोह मनाने के साथ शनिवार को वहां कैबिनेट बैठक की. वहीं दूसरी तरफ सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार को पौड़ी के विकास कार्यों की याद दिलाई. हरीश रावत ने कहा पौड़ी को उसका असली अधिकार नहीं मिला पाया है. पिछली सरकार ने पौड़ी में जो विकास कार्य शुरू किए थे त्रिवेंद्र सरकार को उसके बारे में सोचना चाहिए.

पढ़ें- कैबिनेट बैठक में पलायन पर रहा फोकस, CM ने माना- गांव खाली,शहर भरे

हरीश रावत ने कहा कि कमिश्नरी स्वर्ण जंयती पर त्रिवेंद्र सरकार को उन तमाम योजनाओं का भी संज्ञान लेना चाहिए जो पिछली सरकार ने शुरू की थी. लेकिन आज वो सारे काम अधर में पड़े हैं. हरीश रावत की मानें तो उनकी सरकार में पौड़ी में विकास कार्यों को लेकर 370 के करीब शासनादेश जारी हुए थे. जिनकी वो शुरुआत कर गए थे, लेकिन वो सभी अधर में लटके हुए हैं.

पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ खास बातचीत.

हरीश रावत ने कहा कि पौड़ी को वास्तव में जिस विकास की हकदार थी, आज वो उसे नहीं मिल पाया है. उनके समय में किए गए कई विकास कार्यों को त्रिवेंद्र सरकार ने सिर्फ श्रेय की लड़ाई के चलते रोक दिया. वर्तमान सरकार को चाहिए वो राजनीति और क्रेडिट की लड़ाई से इतर गढ़वाल और पहाड़ के विकास के बारे में सोचें और उन सभी विकास कार्यों को पूरा करवाएं, जिन पर पिछली सरकार में प्रस्ताव पास हुए हैं.

पढ़ें- पौड़ी कैबिनेट बैठक: दिव्यांगों को समान अधिकार, सड़क सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला

कांग्रेस में भी हुई गलतियां- हरदा

हरीश रावत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पिछली सरकार में गलतियां नहीं हुई हैं. पौड़ी कमिश्नरी के कार्यालय की अस्थिरता को लेकर पिछली सरकार से लेकर मौजूदा समय तक की स्थिति जस की तस है. सरकार ने जो पलायन आयोग बनाया था उसका पलायन भी सब ने देखा. एनआईटी का भवन प्रस्तावित था, लेकिन वो विवादों में डाल दिया गया.

पौड़ी: गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर जहां त्रिवेंद्र सरकार पौड़ी में स्वर्ण जयंती समारोह मनाने के साथ शनिवार को वहां कैबिनेट बैठक की. वहीं दूसरी तरफ सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार को पौड़ी के विकास कार्यों की याद दिलाई. हरीश रावत ने कहा पौड़ी को उसका असली अधिकार नहीं मिला पाया है. पिछली सरकार ने पौड़ी में जो विकास कार्य शुरू किए थे त्रिवेंद्र सरकार को उसके बारे में सोचना चाहिए.

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हरीश रावत ने कहा कि कमिश्नरी स्वर्ण जंयती पर त्रिवेंद्र सरकार को उन तमाम योजनाओं का भी संज्ञान लेना चाहिए जो पिछली सरकार ने शुरू की थी. लेकिन आज वो सारे काम अधर में पड़े हैं. हरीश रावत की मानें तो उनकी सरकार में पौड़ी में विकास कार्यों को लेकर 370 के करीब शासनादेश जारी हुए थे. जिनकी वो शुरुआत कर गए थे, लेकिन वो सभी अधर में लटके हुए हैं.

पूर्व सीएम हरीश रावत के साथ खास बातचीत.

हरीश रावत ने कहा कि पौड़ी को वास्तव में जिस विकास की हकदार थी, आज वो उसे नहीं मिल पाया है. उनके समय में किए गए कई विकास कार्यों को त्रिवेंद्र सरकार ने सिर्फ श्रेय की लड़ाई के चलते रोक दिया. वर्तमान सरकार को चाहिए वो राजनीति और क्रेडिट की लड़ाई से इतर गढ़वाल और पहाड़ के विकास के बारे में सोचें और उन सभी विकास कार्यों को पूरा करवाएं, जिन पर पिछली सरकार में प्रस्ताव पास हुए हैं.

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कांग्रेस में भी हुई गलतियां- हरदा

हरीश रावत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पिछली सरकार में गलतियां नहीं हुई हैं. पौड़ी कमिश्नरी के कार्यालय की अस्थिरता को लेकर पिछली सरकार से लेकर मौजूदा समय तक की स्थिति जस की तस है. सरकार ने जो पलायन आयोग बनाया था उसका पलायन भी सब ने देखा. एनआईटी का भवन प्रस्तावित था, लेकिन वो विवादों में डाल दिया गया.

Intro:Summary- पोड़ी कमीश्निरी के स्वर्ण जंयति के मौके पर जहां सरकार एक तरफ पौड़ी में भव्य आयोजन कर रही थी तो वहीं दूसरी तरफ पुर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि पौड़ी को उसका असली अधिकार नही मिला पया है और त्रिवेंद्र सरकार को पिछली सरकार में पोड़ी के लिए शुरु किये गये कार्यों को लेकर भी सोचना चाहिए।

Note- फीड FTP से (uk_ddn_harish on Pouri divas_one to one_7205800) नाम से भेजी गई है।

एंकर- पोड़ी कमीश्नरी के 50 पूरे होने पर उत्तराखंड सरकार जहां इसे पोड़ी कमिश्नरी की स्वर्ण जयंति के रुप में भव्य तरीके से मना रही है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष से पुर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पौड़ी में आयोजन कर रही सरकार को याद दिलाया है कि पौड़ी कमिशनी की स्वर्ण जंयती पर उन तमाम योजनाओं का भी संज्ञान लेना चाहिए जो पिछली सरकार ने शुरु की थी लेकिन आज वो सारे काम अधर में लटके हुए हैं। हरीश रावत ने कहा कि अगर वो गिनाने लगे तो पिछले सरकार में 370 एसे शासनादेश है जिन पर काम करना चाहिए था लेकिन पौड़ी के लिए वो जो शुरुवात कर के गये थे वो अब हक पोड़ी को नही मिल पाया है।Body:वीओ- उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊ मंडल में से गढ़वाल मंडल के आज 50 वर्ष पूरे होने पर जहां एक और पूरा सीयासी अमला पौड़ी में जुटा हुआ है तो वहीं दूसरी तरफ पुर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पौड़ी को अपनी अपेक्षाओं से दूर बताते हुए कहा कि पोड़ी वास्तव में जिस विकास की हकदार थी आज वो उसे नही मिल पाया है। हरीश रावत ने कहा कि आज सरकार पोड़ी कमीश्निरी की गोल्डन जुबली तो मना रही है लेकिन एसे कई विकास कार्य हो जो उनकी सरकार में स्वकृत किये गये थे और वर्तमान सरकार ने केवल श्रेय की लड़ाई के चलते उन्हे रोका है। हरीश रावत ने कहा कि वर्तमान सरकार को चाहिए वो राजनीति और क्रेडिट की लड़ाई से इतर गढ़वाल और पहाड़ के विकास में सोचे और उन सभी विकास कार्यों को पूरा करवाएं जिन पर पिछली सरकार में प्रस्ताव पास हुए हैं।

हरीश रावत ने कहा कि एसा नही है कि पिछली सरकार में गलतियां नही हुई है। पौड़ी कमिश्नरी के कार्यालय की अस्थिरता को लेकर पिछली सरकार से लेकर मौजूदा समय तक की स्थीती जस की तस है। पलायन आयोग सरकार ने बानाया लेकिन उसका पलायन भी सबने देखा, एनआईटी का भवन प्रस्तावित था लेकिन वो विवादों में डाल दिया गया। इसके अलावा हरीश रावत ने पिछली सरकार में पोड़ी के लिए स्वीकृत किये गये तमाम कार्य गिनाए और कहा कि सरकार को चाहिए कि वो पछली गलतियों से सीखें और पोड़ी, पलायन और पहाड़ पर गंभीरता से काम करे और उसका सार्थक असर धरातल पर दिखे।

हरीश रावत ने कहा कि आज के इस एताहिसक मौके पर पोड़ी की जनता को कुछ तो पिछली सरकार में शुरु किये गये कार्यों में से मिलता। साथ ही हरीश रावत ने मुख्यमंत्री द्वारा हरीश रावत से पूछे गये कार्यों को लेकर जवाब देते हुए कहा कि उन्होने पहले भी पिछली सरकार के काम गिनाए और अभी भी। हरीश रावत ने कहा कि अगर वो शासनादेशों के हिसाब से बात करे तो 370 एसे शासनादेश जो कि पिछली सराकर में शुरु किये गये थे लेकिन उन पर अभी काम पूरा नही हो पाया है। हरीश रावत ने कहा कि अगर वो चाहते तो इस सभी शासनादेशों की फाइल बना कर सीएम को भेज देते लेकिन व्यवहारिकता को देखते हुए कुछ महत्वपूर्ण कार्य ट्विटर के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रीवेंद्र रावत को याद दिलाए थे लेकिन उन पर किसी ने संज्ञान नही लिया।

वन टू वन हरीश रावत, पुर्व मुख्यमंत्री
Conclusion:
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