पौड़ी: गढ़वाल कमिश्नरी के 50 साल पूरे होने पर जहां त्रिवेंद्र सरकार पौड़ी में स्वर्ण जयंती समारोह मनाने के साथ शनिवार को वहां कैबिनेट बैठक की. वहीं दूसरी तरफ सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार को पौड़ी के विकास कार्यों की याद दिलाई. हरीश रावत ने कहा पौड़ी को उसका असली अधिकार नहीं मिला पाया है. पिछली सरकार ने पौड़ी में जो विकास कार्य शुरू किए थे त्रिवेंद्र सरकार को उसके बारे में सोचना चाहिए.
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हरीश रावत ने कहा कि कमिश्नरी स्वर्ण जंयती पर त्रिवेंद्र सरकार को उन तमाम योजनाओं का भी संज्ञान लेना चाहिए जो पिछली सरकार ने शुरू की थी. लेकिन आज वो सारे काम अधर में पड़े हैं. हरीश रावत की मानें तो उनकी सरकार में पौड़ी में विकास कार्यों को लेकर 370 के करीब शासनादेश जारी हुए थे. जिनकी वो शुरुआत कर गए थे, लेकिन वो सभी अधर में लटके हुए हैं.
हरीश रावत ने कहा कि पौड़ी को वास्तव में जिस विकास की हकदार थी, आज वो उसे नहीं मिल पाया है. उनके समय में किए गए कई विकास कार्यों को त्रिवेंद्र सरकार ने सिर्फ श्रेय की लड़ाई के चलते रोक दिया. वर्तमान सरकार को चाहिए वो राजनीति और क्रेडिट की लड़ाई से इतर गढ़वाल और पहाड़ के विकास के बारे में सोचें और उन सभी विकास कार्यों को पूरा करवाएं, जिन पर पिछली सरकार में प्रस्ताव पास हुए हैं.
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कांग्रेस में भी हुई गलतियां- हरदा
हरीश रावत ने कहा कि ऐसा नहीं है कि पिछली सरकार में गलतियां नहीं हुई हैं. पौड़ी कमिश्नरी के कार्यालय की अस्थिरता को लेकर पिछली सरकार से लेकर मौजूदा समय तक की स्थिति जस की तस है. सरकार ने जो पलायन आयोग बनाया था उसका पलायन भी सब ने देखा. एनआईटी का भवन प्रस्तावित था, लेकिन वो विवादों में डाल दिया गया.