देहरादून: उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत का सीबीआई से पुराना नाता है तो अब वर्तमान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी से पाला पड़ गया है. पूर्व सीएम हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश हुए थे तो अब वर्तमान सीएम त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ भी सीबीआई जांच के आदेश हुए हैं. पैसों के लेनदेन के आरोपों के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने सीएम त्रिवेंद्र रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं. हरदा ने कहा है कि उनका केस अलग था, लेकिन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत का मामला भ्रष्टाचार से जुड़ा है.
पूर्व सीएम हरीश रावत का कहना है कि उनके समय में जो मामला आया था वो सरकार को गिराने के षड़यंत्र का हिस्सा था. इस षड़यंत्र के हिस्से में और भ्रष्टाचार में अंतर है. षड़यंत्र के हिस्से के तहत जो षड़यंत्रकारी थे, उसमें बीजेपी सम्मिलित है. ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, नहीं तो लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा हो जाएगा.
हरीश रावत ने कहा कि जहां तक सीएम त्रिवेंद्र रावत से जुड़ा मामला है, उसमें भ्रष्टाचार के पहलुओं पर हाईकोर्ट ने निर्णय दिया है. इसमें गंभीर तरीके की भ्रष्टाचार की बातें सामने आई हैं. इसलिए इसकी जांच सीबीआई से होनी चाहिए. यही कारण है कि दोनों मामले अलग-अलग हैं.
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क्या था स्टिंग केस ?
बता दें, हरीश रावत जब मुख्यमंत्री थे तब कांग्रेस के कई विधायकों ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद साल 2016 में एक स्टिंग सामने आया था, जिसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत कैमरे पर विधायकों की खरीद-फरोख्त की बातें करते नजर आए थे.